Ganesh Chaturthi 2020 Puja Vidhi, Shubh Muhurat, Timings, Samagri: गणेश चतुर्थी (Ganesh Chaturthi 2020) 22 अगस्त, शनिवार को मनाई जा रही है। हर साल भाद्रपद माह के शुक्ल पक्ष की चतुर्थी तिथि को गणेश चतुर्थी मनाई जाती है। मान्यता है कि जो भी गणेश चतुर्थी के दिन भगवान गणेश की पूजा करता है या उनके पूजन के लिए 11 दिनों तक उनको अपने घर या मोहल्ले में विराजमान करता है, वह व्यक्ति अपने जीवन से सारे विघ्नों और कष्टों को दूर कर लेता है। उसके जीवन में शुभता का आगमन शुरू हो जाता है। ऐसे व्यक्ति को बहुत भाग्यशाली माना जाता है। भगवान गणेश शुद्धता के प्रतीक हैं। उनके आने से मांगलिक कार्यों का आरंभ होता है।

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गणेश चतुर्थी पूजन विधि (Ganesh Chaturthi Pujan Vidhi): 
– स्नानादि कर पवित्र हो जाएं।
– जिस स्थल पर प्रतिमा विराजमान करनी है, उसे साफ करें। गंगाजल डाल कर पवित्र करें।
– भगवान गणेश की प्रतिमा को चौकी पर पीले रंग का कपड़ा बिछाकर विराजमान करें।
– धूप, दीप और अगरबत्ती जलाएं। ध्यान रखें कि जब तक गणेश जी आपके घर में रहेंगे तब तक अखंड दीपक जलाकर रखें।
– गणेश जी के मस्तक पर कुमकुम का तिलक लगाएं।
– फिर चावल, दुर्वा घास और पुष्प अर्पित करें।
– गणेश जी का स्मरण कर गणेश स्तुति और गणेश चालीसा का पाठ करें।
– इसके बाद ॐ गं गणपते नमः का जप करें।
– भगवान गणेश की आरती करें।
– आरती के बाद गणेश जी को फल या मिठाई आदि का भोग लगाएं। संभव हो तो मोदक का भोग जरूर लगाएं। भगवान गणेश को मोदक प्रिय हैं।
– रात्रि जागरण करें।
– गणेश जी को जब तक अपने घर में रखें, उन्हें अकेला न छोड़ें। कोई न कोई व्यक्ति हर समय गणेश जी की प्रतिमा के पास रहे।

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गणेश चतुर्थी शुभ मुहूर्त (Ganesh Chaturthi Shubh Muhurat): 
मध्याहन गणेश पूजा मुहूर्त – 11 बजकर 06 मिनट सुबह से दोपहर 01 बजकर 42 मिनट तक
वर्जित चंद्र दर्शन का समय – सुबह 09 बजकर 07 मिनट से रात 09:26 तक
चतुर्थी तिथि आरंभ – 21 अगस्त, शुक्रवार – रात 11 बजकर 02 मिनट से
चतुर्थी तिथि समाप्त – 22 अगस्त, शनिवार – शाम 07 बजकर 57 मिनट तक

गणेश चतुर्थी पूजन सामग्री (Ganesh Chaturthi Pujan Samagri/Ganesh Puja Ki Samagri):
दीपक
ज्योत
घी
अगरबत्ती
नारियल
कलश
फूलों की माला
जनेऊ
कुमकुम
चावल
कलावा
दुर्वा घास
पांच तरह की मिठाई
पांच तरह के मेवे
पांच तरह के फल
पान का पत्ता
सुपारी
लौंग
इलायची<br />आम के पत्ते
गंगाजल

Live Blog

05:47 (IST)23 Aug 2020
कोरोना वायरस के दौरान दर्शन की विशेष सुविधा

गणेश उत्सव में श्रद्धालुओं और पंडालों के लिए तकनीक का बड़ा सहारा है और सभी गणेश मंडल शनिवार से शुरू हुए दस दिवसीय उत्सव में गणपति के ऑनलाइन दर्शन करा रहे हैं। कोरोना वायरस के कारण आवाजाही और सामाजिक मेलजोल पर पाबंदियों के बीच कई लोग विभिन्न ऐप के माध्यम से अपने परिजनों तथा मित्रों से संपर्क कर रहे हैं। गणेश उत्सव के पहले दिन कई लोगों ने और विशेष रूप से शहर के प्रतिष्ठित गणेश पंडालों ने सोशल मीडिया पर ऑनलाइन आरती और दर्शन के लिए निमंत्रण भेजे हैं।

04:14 (IST)23 Aug 2020
भगवान गणेश के सभी अवतारों की कथा और महात्म्य है

गणपति के आठ अवतार हैं। जिनमें- वक्रतुंड, एकदंत, महोदर, गजानन, लंबोदर, विकट, विघ्नराज और धूम्रवर्ण माने गए हैं। सभी अवतार की अपनी कथा और महात्म्य है।

02:45 (IST)23 Aug 2020
भगवान की प्रतिमा को कभी भी अकेला नहीं छोड़ना चाहिए

गणेश चतुर्थी के दिन गणेशोत्सव में भगवान गणेशजी की 10 दिन के लिए स्थापना करके उनकी पूजा अर्चना की जाती है. शास्त्रों के अनुसार, श्रीगणेश की प्रतिमा की 1, 2, 3, 5, 7, 10 आदि दिनों तक पूजा करने के बाद उसका विसर्जन करते हैं. कहा जाता है कि गणेश जी को घर पर स्थापित करने के बाद से विसर्जन करने तक उनका पूरा ख्याल रखा जाता है और उन्हें अकेला भी नहीं छोड़ा जाता.

01:14 (IST)23 Aug 2020
ऐसे करें पूजा

आरती करके 'गणेश्वरगणाध्यक्ष गौरीपुत्र गजानन। व्रतं संपूर्णता यातु त्वत्प्रसादादिभानन।।' श्लोक का उच्चारण करते हुए प्रार्थना करें।

22:42 (IST)22 Aug 2020
गणपति पूजा से होती है सभी मनोकामनाएं पूर्ण

मान्‍यता है कि जिन घरों में बप्‍पा का स्‍वागत किया जाता है और 10 तक उनकी पूजा होती है, उन घरों पर बप्‍पा की विशेष कृपा होती है और उन घरों में कभी संकट नहीं आता। गणेशजी की कृपा से सभी कार्य बिना किसी बाधा के पूर्ण होते हैं। सभी मनोकामनाएं पूर्ण होती हैं।

21:54 (IST)22 Aug 2020
गणेश जी के हैं आठ अवतार

गणपति के आठ अवतार हैं। जिनमें- वक्रतुंड, एकदंत, महोदर, गजानन, लंबोदर, विकट, विघ्नराज और धूम्रवर्ण माने गए हैं। सभी अवतार की अपनी कथा और महात्म्य है।

21:20 (IST)22 Aug 2020
ज्ञान और बुद्धि के देवता हैं श्री गणेश

महाराष्ट्र, गुजरात, मध्यप्रदेश समेत पूरे देश में गणपति का ये पर्व पूरे धूमधाम से मनाया जाता है। इस दिन लोग घरों में संकटहर्ता श्री गणेश को स्थापित करते हैं। वहीं, अनंत चतुर्दशी यानी कि दस दिनों के बाद हर्षोल्लास से उन्हें विदा किया जाता है। कहा जाता है कि विघ्नहर्ता भगवान गणेश का पूजन करने से जीवन में शुभता और सफलता का आगमन होता है।

20:25 (IST)22 Aug 2020
गणेश को सामने रखकर संकल्प लिया जाता है

संकल्प लेते समय हाथ में जल लिया जाता है। प्रथम पूज्य श्रीगणेश को सामने रखकर संकल्प लिया जाता है, ताकि श्रीगणेश की कृपा से पूजन कर्म बिना किसी बाधा के पूर्ण हो सके। एक बार पूजन का संकल्प लेने के बाद उस पूजा को पूरा जरूर करना चाहिए। इस कर्म से हमारी संकल्प शक्ति मजबूत होती है।

19:59 (IST)22 Aug 2020
कोविड-19: गणेश उत्सव में श्रद्धालु से लेकर पंडाल तक हुए ऑनलाइन

कोविड-19 संकट के बीच इस गणेश उत्सव में श्रद्धालुओं और पंडालों के लिए तकनीक का बड़ा सहारा है और सभी गणेश मंडल शनिवार से शुरू हुए दस दिवसीय उत्सव में गणपति के ऑनलाइन दर्शन करा रहे हैं। कोरोना वायरस के कारण आवाजाही और सामाजिक मेलजोल पर पाबंदियों के बीच कई लोग विभिन्न ऐप के माध्यम से अपने परिजनों तथा मित्रों से संपर्क कर रहे हैं। गणेश उत्सव के पहले दिन कई लोगों ने और विशेष रूप से शहर के प्रतिष्ठित गणेश पंडालों ने सोशल मीडिया पर ऑनलाइन आरती और दर्शन के लिए निमंत्रण भेजे हैं।

18:35 (IST)22 Aug 2020
गणेश चतुर्थी स्थापना पूजन और शुभ मुहूर्त चौघड़िया

गणेश चतुर्थी का आरंभ 21 अगस्त की रात 11 बजकर 4 मिनट से। समापन होगा- 22 अगस्त शाम 7 बजकर 58 मिनट पर। शुभ चौघड़िया सुबह 7 बजकर 58 से 9 बजकर 30 तक ही रहेंगी। वहीं लाभ चौघड़िया दोपहर 2 बजकर 17 मिनट से 3 बजकर 52 मिनट तक बना रहेगा। अमृत चौघड़िया शाम 3 बजकर 53 मिनट से शुरू होगी और 5 बजकर 17 मिनट पर खत्म हो जाएगी।

18:13 (IST)22 Aug 2020
21 लड्डू , 21 दूब के साथ करें पूजा

लाल रंग के वस्त्र गणेश जी को पहनाकर उन्हें बेलपत्र, अपामार्ग, शमीपत्र, दूर्वा अपर्ण करना चाहिए। धन की अच्छी स्थिति होने पर 21 लड्डू , 21 दूब, जामुन आदि के साथ फल, पंचमेवा, पान आदि तो होना ही चाहिए। 10 लड्डूओं का दान करना चाहिए।

17:21 (IST)22 Aug 2020
सुबह 9 बजे से 10 बजकर 30 मिनट तक राहु काल रहेगा

गणेश चतुर्थी शनिवार के दिन लग जाने की वजह से सुबह 9 बजे से 10 बजकर 30 मिनट तक राहु काल रहेगा। यह समय गणेश प्रतिमा स्थापना और पूजन करने के लिए अनुकूल नहीं है। इस समय खंड का त्याग करना शुभ फलदायी होगा।

15:59 (IST)22 Aug 2020
गणेश चतुर्थी पर बन रहे ये खास संयोग

आज गणेश चतुर्थी है। 10 दिन तक चलने वाली गणेश पूजा के बाद 1 सितंबर को गणेशोत्सव मनाया जाएगा। जानकारी के लिए बता दें कि इस बार गणेश चतुर्थी पर बड़ा खास संयोग भी बन रहा है। गणेश चतुर्थी पर 126 साल बाद सूर्य और मंगल अपनी-अपनी स्वराशि में विराजमान हैं। जिसका मेष, कर्क, तुला और वृश्चिक राशि वालों को काफी फायदा मिलने वाला है।

15:15 (IST)22 Aug 2020
इस मंदिर में हैं बाईं सूड़ के गणपति

महाराष्ट्र के मुंबई-गोवा मार्ग पर पाली गांव स्थित गणपति का यह पावन धाम. इस मंदिर का नाम गणपति के अनन्य भक्त बल्लाल के नाम पर रखा गया है. इस मंदिर की पावनता को इस तरह से समझा जा सकता है कि पेशवाकाल में यहां की सौगंध देकर न्याय किया जाता था. यहां पर बाईं सूड़ वाले गणपति विराजमान हैं.

14:30 (IST)22 Aug 2020
इस रंग के कपड़े पहनने का है महत्व

गणेश चतुर्थी की पूजा में किसी भी व्यक्ति को नीले और काले रंग के कपड़े नहीं पहनने चाहिए. ऐसे में लाल और पीले रंग के कपड़े पहनना शुभ होता है

13:53 (IST)22 Aug 2020
क्यों चढ़ाया जाता है गणपति को मोदक

पुराणों में मोदक का वर्णन मिलता है. मोदक का अर्थ खुशी होता है और भगवान श्रीगणेश हमेशा खुश रहा करते थे. इसी वजह से उन्हें गणेश चतुर्थी पर मोदक का भोग लगाया जाता है. भगवान गणेश को ज्ञान का देवता भी माना जाता है और मोदक को भी ज्ञान का प्रतीक माना जाता है. इस वजह से भी उन्हें मोदक का भोग लगाया जाता है

13:13 (IST)22 Aug 2020
विघ्नहर्ता गणेश...

मान्‍यता है कि जिन घरों में बप्‍पा का स्‍वागत किया जाता है और 10 तक उनकी पूजा होती है, उन घरों पर बप्‍पा की विशेष कृपा होती है और उन घरों में कभी संकट नहीं आता। गणेशजी की कृपा से सभी कार्य बिना किसी बाधा के पूर्ण होते हैं। सभी मनोकामनाएं पूर्ण होती हैं।

12:23 (IST)22 Aug 2020
मूर्ति स्थापना के समय इन बातों का रखें ध्यान...

गणेश चतुर्थी के दिन गणेशोत्सव में भगवान गणेशजी की 10 दिन के लिए स्थापना करके उनकी पूजा अर्चना की जाती है. शास्त्रों के अनुसार, श्रीगणेश की प्रतिमा की 1, 2, 3, 5, 7, 10 आदि दिनों तक पूजा करने के बाद उसका विसर्जन करते हैं. कहा जाता है कि गणेश जी को घर पर स्थापित करने के बाद से विसर्जन करने तक उनका पूरा ख्याल रखा जाता है और उन्हें अकेला भी नहीं छोड़ा जाता.

11:42 (IST)22 Aug 2020
Ganesh Chaturthi 2020: ऐसे दर्शन करने को माना जाता है अशुभ

भगवान गणेश की मूर्ति के पास अगर अंधेरा हो तो ऐसे में उनके दर्शन नहीं करने चाहिए. अंधेरे में भगवान की मूर्ति के दर्शन करना अशुभ माना जाता है.

10:59 (IST)22 Aug 2020
धूमधाम से मनाया जाता है गणेश चतुर्थी

पौराणिक मान्यताओं के अनुसार विघ्नहर्ता श्री गणेश जी का जन्म भाद्रपद शुक्ल चतुर्थी के दिन ही हुआ था, इसलिए इस दिन गणेश चतुर्थी या विनायक चतुर्थी मनाई जाती है. इस साल गणेश चतुर्थी 22 अगस्त को मनाई जाएगी.गणेश चतुर्थी पर लोग गणेश जी को अपने घर लाते हैं, गणेश चतुर्थी के ग्यारहवें दिन धूमधाम के साथ उन्हें विसर्जित कर दिया जाता है और अगले साल जल्दी आने की प्रार्थना की जाती है

10:20 (IST)22 Aug 2020
बन रहा दुरुधरा महायोग

इस बार गणेश चतुर्थी के समय दुरुधरा महायोग भी है. दुरुधरा महायोग तब बनता है जब कुंडली में चन्द्रमा जिस भाव में होते है, उसके दूसरे व 12वें भाव में सूर्य को छोड़कर अन्य ग्रह आते हैं. इस बार की गणेश चतुर्थी पर चन्द्रमा तुला राशि में रहेंगे. वहीं बुध, गुरु, शुक्र 12वें भाव व मंगल तथा शनि द्वितीय भाव में रहेंगे

09:41 (IST)22 Aug 2020
प्रथम पूजनीय हैं भगवान गणेश...

भगवान गणेश को हिंदू धर्म में प्रथम पूजनीय माना जाता है. किसी भी शुभ कार्य में सबसे पहले गणेश जी की ही पूजा की जाती हैं. ग्रह प्रवेश और भूमि पूजन से पहले हर बार गणपति को पहले पूजा जाता है. शास्‍त्रों में वैसे तो हर माह चतुर्थी को गणेश जी की पूजा का विधान है, लेकिन भाद्रपद के शुक्‍ल पक्ष की चतुर्थी को देश भर में धूम धाम से मनाई जाती है.

09:20 (IST)22 Aug 2020
इन चीजों का लगता है गणेश जी को भोग

भगवान गणेश को मोदक, लड्डू पसंद होते हैं। गणेश जी को मोदक, लड्डू का भोग लगाएं। आप अपनी इच्छानुसार भी भगवान गणेश को भोग लगा सकते हैं। अगर संभव हो तो गणेश चतुर्थी के दिन भोग में कुछ मीठा अवश्य बनाएं। इस बात का ध्यान रखें कि भगवान को सिर्फ सात्विक भोजन का ही भोग लगाया जाता है।

08:40 (IST)22 Aug 2020
नहीं पहनने चाहिए नीले और काले रंग के वस्त्र

गणेश चतुर्थी की पूजा में किसी भी व्यक्ति को नीले और काले रंग के कपड़े नहीं पहनने चाहिए. ऐसे में लाल और पीले रंग के कपड़े पहनना शुभ होता है.

08:00 (IST)22 Aug 2020
भगवान गणेश को दुर्वा अतिप्रिय...

गणेश चतुर्थी के दिन भगवान गणेश की पूजा करें और उन्हें दुर्वा अर्पित करें। भगवान गणेश को दुर्वा अतिप्रिय होता है। आप नित्य भी गणेश भगवान को दुर्वा अर्पित कर सकते हैं। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार दुर्वा अर्पित करने से भगवान गणेश प्रसन्न होते हैं और सभी मनोकामनाओं को पूरा करते हैं।

07:20 (IST)22 Aug 2020
विघ्नहर्ता गणेश....

हर साल भाद्रपद माह के शुक्ल पक्ष की चतुर्थी तिथि को गणेश चतुर्थी मनाई जाती है। मान्यता है कि जो भी गणेश चतुर्थी के दिन भगवान गणेश की पूजा करता है या उनके पूजन के लिए 11 दिनों तक उनको अपने घर या मोहल्ले में विराजमान करता है, वह व्यक्ति अपने जीवन से सारे विघ्नों और कष्टों को दूर कर लेता है।

05:59 (IST)22 Aug 2020
गणेश जी की आराधना करने वाले उनके प्रिय बन जाते हैं

गणेश जी की आराधना करने वाले उनके प्रिय बन जाते हैं। फिर उनकी सभी मनोकामनाओं को वे पूर्ण करते हैं। गणेश जी की महिमा अपरंपार है। घर में प्रतिदिन गणेश वंदना करने से घर से दरिद्रता खत्म होती है और संपन्नता आती है।

04:55 (IST)22 Aug 2020
गणेश भगवान की आराधना से सभी दुखों का नाश होता है

गणेश भगवान की आराधना से सभी दुखों का नाश होता है। घर में समृद्धि आती है और परिवार में प्रेम बढ़ता है। 

03:16 (IST)22 Aug 2020
श्रीगणेश अपने सम्पूर्ण स्वरूप में हमारे घर में सुख, रिद्धि-सिद्धि, शुभ-लाभ लेकर आते हैं

श्रीगणेश अपने सम्पूर्ण स्वरूप में हमारे घर में सुख,रिद्धि-सिद्धि,शुभ-लाभ,धर्म,वरदान,यश,सुख,समृद्धि,वैभव, पराक्रम,सफलता,प्रगति,सौभाग्य,ऐश्वर्य,धन,सम्पदा और आरोग्य का आशीष लेकर आते हैं...

00:59 (IST)22 Aug 2020
गणेश जी की स्थापना और पूजा करने से सभी संकटों से मिलती है निजात

मान्‍यता है कि जिन घरों में बप्‍पा का स्‍वागत किया जाता है और 10 तक उनकी पूजा होती है, उन घरों पर बप्‍पा की विशेष कृपा होती है और उन घरों में कभी संकट नहीं आता। गणेशजी की कृपा से सभी कार्य बिना किसी बाधा के पूर्ण होते हैं। सभी मनोकामनाएं पूर्ण होती हैं।

00:04 (IST)22 Aug 2020
प्रथम पूजनीय होते हैं गणेश जी

भगवान गणेश को हिंदू धर्म में प्रथम पूजनीय माना जाता है. किसी भी शुभ कार्य में सबसे पहले गणेश जी की ही पूजा की जाती हैं. ग्रह प्रवेश और भूमि पूजन से पहले हर बार गणपति को पहले पूजा जाता है. शास्‍त्रों में वैसे तो हर माह चतुर्थी को गणेश जी की पूजा का विधान है, लेकिन भाद्रपद के शुक्‍ल पक्ष की चतुर्थी को देश भर में धूम धाम से मनाई जाती है.

22:29 (IST)21 Aug 2020
गणेश जी का प्रिय रंग लाल और प्रिय भोग मोदक है

गणेश जी का प्रिय रंग लाल और प्रिय भोग मोदक है। पूजा-आराधना में इन दो चीजों का विशेष ध्यान रखा जाना चाहिए। बिना इन दो चीजों के गणेश जी की पूजा पूरी नहीं मानी जाता है।

21:48 (IST)21 Aug 2020
गणेश जी को क्यों चढ़ाया जाता है मोदक...

पुराणों में मोदक का वर्णन मिलता है. मोदक का अर्थ खुशी होता है और भगवान श्रीगणेश हमेशा खुश रहा करते थे. इसी वजह से उन्हें गणेश चतुर्थी पर मोदक का भोग लगाया जाता है. भगवान गणेश को ज्ञान का देवता भी माना जाता है और मोदक को भी ज्ञान का प्रतीक माना जाता है. इस वजह से भी उन्हें मोदक का भोग लगाया जाता है

21:15 (IST)21 Aug 2020
ये हैं पौराणिक मान्यताएं...

पौराणिक कथाओं के अनुसार एक बार माता पार्वती स्नान के लिए गयीं. उन्होंने द्वार पर गणेश जी को बिठा दिया. माता पार्वती ने गणेश जी को बिना उनकी इजाजत के किसी को भी अंदर नहीं आने देने को कहा था. इसी दौरान भगवान शिव पहुंचे और अंदर जाने की कोशिश करने लगें. जब गणेश जी ने उन्हें रोका तो क्रोधित होकर भगवान शिव ने गणेश जी का सिर धड़ से अलग कर दिया. जब माता पार्वती बाहर निकलीं तो यह देखकर व्याकुल हो उठीं. उन्होंने भगवान शिव से गणेश जी को बचाने के लिए कहा. भगवान शिव ने गणेश जी को हाथी का सिर लगा दिया. इस तरह भगवान गणेश गजानन के नाम से भी पूजे जानें लगे.

20:34 (IST)21 Aug 2020
126 साल बाद बन रहे हैं ये संयोग...

गणेश चतुर्थी पर इस बार ग्रह नक्षत्रों का विशेष संयोग बन रहा है। ज्योतिषीय गणना के मुताबिक गणेश चतुर्थी पर 126 साल बाद सूर्य और मंगल अपनी-अपनी स्वराशि में स्थित हैं। जहां सूर्य अपनी सिंह राशि में है तो वहीं मंगल भी अपनी मेष राशि में बैठा है। दोनों ग्रहों का ये संयोग कुछ राशियों के लिए अत्यंत शुभ है।

19:42 (IST)21 Aug 2020
ये हैं पौराणिक मान्यताएं...

मान्यता है कि जो भी गणेश चतुर्थी के दिन भगवान गणेश की पूजा करता है या उनके पूजन के लिए 11 दिनों तक उनको अपने घर या मोहल्ले में विराजमान करता है, वह व्यक्ति अपने जीवन से सारे विघ्नों और कष्टों को दूर कर लेता है। उसके जीवन में शुभता का आगमन शुरू हो जाता है। ऐसे व्यक्ति को बहुत भाग्यशाली माना जाता है। भगवान गणेश शुद्धता के प्रतीक हैं। उनके आने से मांगलिक कार्यों का आरंभ होता है।

18:58 (IST)21 Aug 2020
पूजा से लेकर चंद्र दर्शन का समय भी जान लीजिए

मध्यान्ह गणेश पूजन मुहूर्त - 10:46 सुबह से 1:57 दोपहर तक

वर्जित चंद्रदर्शन का समय - 8:47 रात से 9:22 रात तक

चतुर्थी तिथि आरंभ - 21 अगस्त की रात 11:02 बजे से।

चतुर्थी तिथि समाप्त : 22 अगस्त की रात 7:56 बजे तक।

18:30 (IST)21 Aug 2020
इस पूजा विधि से करें पूजन

भगवान की पूजा करें और लाल वस्त्र चौकी पर बिछाकर स्थान दें। इसके साथ ही एक कलश में जलभरकर उसके ऊपर नारियल रखकर चौकी के पास रख दें। दोनों समय गणपति की आरती, चालीसा का पाठ करें। प्रसाद में लड्डू का वितरण करें।

17:56 (IST)21 Aug 2020
मूर्ति स्थापना के बाद इन बातों का रखें ख्याल

गणेश चतुर्थी के दिन गणेशोत्सव में भगवान गणेशजी की 10 दिन के लिए स्थापना करके उनकी पूजा अर्चना की जाती है. शास्त्रों के अनुसार, श्रीगणेश की प्रतिमा की 1, 2, 3, 5, 7, 10 आदि दिनों तक पूजा करने के बाद उसका विसर्जन करते हैं. कहा जाता है कि गणेश जी को घर पर स्थापित करने के बाद से विसर्जन करने तक उनका पूरा ख्याल रखा जाता है और उन्हें अकेला भी नहीं छोड़ा जाता.

17:29 (IST)21 Aug 2020
गणपति बप्पा मोरया...

गणेश चतुर्थी का त्योहार गणेश जन्मोत्सव के रुप में मनाया जाता है। इस दिन बप्पा को ढोल नगाड़ों के साथ बड़ी धूमधाम से घर में लाया जाता है। पूरे गणेश उत्सव के दिनों में हर तरफ बप्पा के नाम का उद्घोष सुनाई पड़ता है। गणपति जी को प्रसन्न करने के लिए विभिन्न चीजों से उनको भोग लगाया जाता है, पूजा अर्चना की जाती है।