Ganesh Chaturthi 2020 Date, Puja Vidhi, Muhurat, Timings: गणेश चतुर्थी 2020 (Ganesh Chaturthi 2020) भाद्रपद माह के शुक्ल पक्ष की चतुर्थी तिथि को मनाई जाती है। इस साल गणेश चतुर्थी 22 अगस्त यानी शनिवार को मनाई जाएगी। यह दिन भगवान गणेश के जन्मोत्सव के रूप में मनाया जाता है। गणेश चतुर्थी के दिन लोग अपने घरों या मोहल्लों में गणेश जी की प्रतिमा लेकर आते हैं। निश्चित दिनों के लिए उनकी सेवा कर कुछ दिन बाद उनका विसर्जन करते हैं। 10 दिन तक चलने वाला यह गणेशोत्सव 1 सितंबर को पूर्ण होगा। जो लोग 10 दिन तक भगवान गणेश की उपासना करने में अक्षम है वह 1 दिन, 3 दिन, 5 दिन या 7 दिन के लिए भी भगवान गणेश को स्थापित कर सकते हैं।

Ganesh Chaturthi 2020 Puja Vidhi, Shubh Muhurat, Timings, Samagri, Mantra

गणेश चतुर्थी का इतिहास (Ganesh Chaturthi History/ Why Ganesh Chaturthi is celebrated): पौराणिक मान्यताओं के मुताबिक एक दिन भगवान शिव भोगवती नामक स्थान पर गए। देवी पार्वती कैलाश पर अकेली थीं। उस समय उनके मन में संतान की इच्छा उत्पन्न हुई। उन्होंने अपने शरीर का मैल एकत्र किया। उस मैल से एक बालक का शरीर बना कर उसकी प्राण प्रतिष्ठा की। देवी ने उस बालक को कहा कि आज से तुम मेरे पुत्र हो। अब मैं स्नान के लिए अंदर गुफा में जा रही हूं। तुम किसी भी पुरुष को भीतर ना आने देना।

देवी पार्वती की आज्ञा मानकर गणेश गुफा के बाहर पहरा देने लगे। तभी भगवान शिव भोगवती से लौटकर कैलाश आए। जब भगवान शिव ने गुफा के भीतर जाना चाहा तो गणेश ने उनका रास्ता रोका। देवी पार्वती से मिलने से रोकने के कारण भगवान शिव गणेश पर क्रोधित हो गए। गणेश से कहा कि मुझे भीतर जाने दो वरना मैं तुम्हारा शीश तुम्हारे शरीर से अलग कर दूंगा। इसके बावजूद गणेश जी भगवान शिव का रास्ता रोक कर खड़े रहे।

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भगवान शिव ने इससे क्रोधित हो अपने त्रिशूल से गणेश जी का शीश उनके शरीर से अलग कर दिया। देवी पार्वती को जब इस घटना की सूचना मिली तो वह रोती हुई भगवान शिव के पास आईं और बोली – हे भगवन, आपकी अनुपस्थिति में मैंने अपने मैल से एक बालक की रचना की थी। आपने उसका शीश क्यों काट दिया।

भगवान शिव को जब यह पता चला तो उन्होंने अपने गणों को आज्ञा दी कि जो भी माता अपने बालक की ओर पीठ कर सो रही हो। उसके बालक का शीश ले आओ। जंगल में एक हथिनी अपने बच्चे की ओर पीठ कर सो रही थी। भगवान शिव के गण हाथी का शीश लेकर कैलाश पहुंच गए। तब हाथी का शीश लगाकर भगवान शिव ने गणेश चतुर्थी जी को जीवित किया। तब से ही भाद्रपद मास के शुक्ल पक्ष की चतुर्थी तिथि को गणेश चतुर्थी मनाई जाती है।

गणेश चतुर्थी का महत्व (Ganesh Chaturthi Ka Mahatva/ Ganesh Chaturthi importance): भगवान गजानन सभी जीवों पर दया करते हैं। मान्यता है कि जो भी व्यक्ति गणेश चतुर्थी के दिन भगवान गणेश को अपने घर या मोहल्ले में विराजमान कर उनकी उपासना करता है, भगवान गणेश उनके जीवन से सभी दुखों और कष्टों को हर लेते हैं। गणेश जी को विघ्नहर्ता माना गया है। वह देवताओं में प्रथम पूजनीय हैं। कहते हैं जो भी व्यक्ति भगवान गणेश का पूजन करता है उसके जीवन में शुभता का वास होने लगता है।

ऐसे व्यक्ति के घर परिवार में कभी दरिद्रता नहीं आती है। गणेश जी की कृपा से उनकी आराधना करने वाले घरों में सदा मांगलिकता रहती है। किसी भी प्रकार का दुख, परेशानी, असफलता और कठिन परिस्थितियां ऐसे परिवार में नहीं आती हैं, जो गणेश चतुर्थी के दिन भगवान गणेश का पूजन करते हैं।

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Highlights

    05:48 (IST)23 Aug 2020
    अनंत चतुर्दशी के दिन हर्षोल्लास से गणपति को किया जाता है विदा

    महाराष्ट्र, गुजरात, मध्यप्रदेश समेत पूरे देश में गणपति का ये पर्व पूरे धूमधाम से मनाया जाता है। इस दिन लोग घरों में संकटहर्ता श्री गणेश को स्थापित करते हैं। वहीं, अनंत चतुर्दशी यानी कि दस दिनों के बाद हर्षोल्लास से उन्हें विदा किया जाता है। कहा जाता है कि विघ्नहर्ता भगवान गणेश का पूजन करने से जीवन में शुभता और सफलता का आगमन होता है।

    04:13 (IST)23 Aug 2020
    बल्लाल मंदिर में पेशवाकाल में यहां की सौगंध देकर न्याय किया जाता था

    महाराष्ट्र के मुंबई-गोवा मार्ग पर पाली गांव स्थित गणपति का यह पावन धाम. इस मंदिर का नाम गणपति के अनन्य भक्त बल्लाल के नाम पर रखा गया है. इस मंदिर की पावनता को इस तरह से समझा जा सकता है कि पेशवाकाल में यहां की सौगंध देकर न्याय किया जाता था. यहां पर बाईं सूड़ वाले गणपति विराजमान हैं.

    02:50 (IST)23 Aug 2020
    गणेश जी को लाल रंग पसंद है, लाल रंग के फूल से करें पूजा

    गणेशजी को लाल रंग अर्पित करने से लाभ मिलता है। क्योंकि लाल रंग गणेश जी का पसंदीदा रंग है। लाल और सिंदूरी गणेश जी के प्रिय रंग हैं। मान्यता है कि गणेश जी को लाल फूल अर्पित करने से वह प्रसन्न हो जाते हैं।

    22:40 (IST)22 Aug 2020
    दस दिन तक चलेगा गणपति उत्सव

    गणेश चतुर्थी के दिन लोग अपने घरों या मोहल्लों में गणेश जी की प्रतिमा लेकर आते हैं। निश्चित दिनों के लिए उनकी सेवा कर कुछ दिन बाद उनका विसर्जन करते हैं। 10 दिन तक चलने वाला यह गणेशोत्सव 1 सितंबर को पूर्ण होगा। जो लोग 10 दिन तक भगवान गणेश की उपासना करने में अक्षम है वह 1 दिन, 3 दिन, 5 दिन या 7 दिन के लिए भी भगवान गणेश को स्थापित कर सकते हैं।

    21:20 (IST)22 Aug 2020
    मूर्ति स्थापना पर ये करना चाहिए

    गणेश चतुर्थी के दिन गणेशोत्सव में भगवान गणेशजी की 10 दिन के लिए स्थापना करके उनकी पूजा अर्चना की जाती है. शास्त्रों के अनुसार, श्रीगणेश की प्रतिमा की 1, 2, 3, 5, 7, 10 आदि दिनों तक पूजा करने के बाद उसका विसर्जन करते हैं. कहा जाता है कि गणेश जी को घर पर स्थापित करने के बाद से विसर्जन करने तक उनका पूरा ख्याल रखा जाता है और उन्हें अकेला भी नहीं छोड़ा जाता.

    20:28 (IST)22 Aug 2020
    इस समय ना करें चंद्रदर्शन

    गणेश चतर्थी के दिन चंद्रदर्शन को वर्जित माना गया है। वर्जित चंद्रदर्शन का समय 8 बजकर 47 मिनट से रात 9 बजकर 22 मिनट तक रहेगा। तो इस समय चंद्रदर्शन ना करें।

    19:49 (IST)22 Aug 2020
    10 दिवसीय उत्सव में गणपति के ऑनलाइन दर्शन करा रहे हैं गणेश पंडाल

    कोविड-19 संकट के बीच इस गणेश उत्सव में श्रद्धालुओं और पंडालों के लिए तकनीक का बड़ा सहारा है और सभी गणेश मंडल शनिवार से शुरू हुए दस दिवसीय उत्सव में गणपति के ऑनलाइन दर्शन करा रहे हैं। कोरोना वायरस के कारण आवाजाही और सामाजिक मेलजोल पर पाबंदियों के बीच कई लोग विभिन्न ऐप के माध्यम से अपने परिजनों तथा मित्रों से संपर्क कर रहे हैं। गणेश उत्सव के पहले दिन कई लोगों ने और विशेष रूप से शहर के प्रतिष्ठित गणेश पंडालों ने सोशल मीडिया पर ऑनलाइन आरती और दर्शन के लिए निमंत्रण भेजे हैं।

    18:44 (IST)22 Aug 2020
    इस श्लोक का करें उच्चारण

    आरती करके 'गणेश्वरगणाध्यक्ष गौरीपुत्र गजानन। व्रतं संपूर्णता यातु त्वत्प्रसादादिभानन।।' श्लोक का उच्चारण करते हुए प्रार्थना करें।

    18:14 (IST)22 Aug 2020
    इस मंदिर में हैं बाईं सूड़ के गणपति

    महाराष्ट्र के मुंबई-गोवा मार्ग पर पाली गांव स्थित गणपति का यह पावन धाम. इस मंदिर का नाम गणपति के अनन्य भक्त बल्लाल के नाम पर रखा गया है. इस मंदिर की पावनता को इस तरह से समझा जा सकता है कि पेशवाकाल में यहां की सौगंध देकर न्याय किया जाता था. यहां पर बाईं सूड़ वाले गणपति विराजमान हैं.

    17:23 (IST)22 Aug 2020
    लाल फूल करें अर्पित

    गणेशजी को लाल रंग अर्पित करने से लाभ मिलता है। क्योंकि लाल रंग गणेश जी का पसंदीदा रंग है। लाल और सिंदूरी गणेश जी के प्रिय रंग हैं। मान्यता है कि गणेश जी को लाल फूल अर्पित करने से वह प्रसन्न हो जाते हैं।

    16:07 (IST)22 Aug 2020
    गणेश जी को करें दुर्वा अर्पित

    विनायक चतुर्थी के दिन भगवान गणेश की पूजा करें और उन्हें दुर्वा अर्पित करें। भगवान गणेश को दुर्वा अतिप्रिय होता है। आप नित्य भी गणेश भगवान को दुर्वा अर्पित कर सकते हैं। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार दुर्वा अर्पित करने से भगवान गणेश प्रसन्न होते हैं और सभी मनोकामनाओं को पूरा करते हैं।

    15:15 (IST)22 Aug 2020
    अंधेरे में दर्शन करने से बचें

    भगवान गणेश की मूर्ति के पास अगर अंधेरा हो तो ऐसे में उनके दर्शन नहीं करने चाहिए. अंधेरे में भगवान की मूर्ति के दर्शन करना अशुभ माना जाता है.

    14:30 (IST)22 Aug 2020
    भूल से चंद्रमा देखने पर करें ये काम

    हिंदू धर्म के अनुसार गणेश चतुर्थी के दिन चंद्रमा के दर्शन नहीं करने चाहिए. यदि आप भूलवश चंद्रमा का दर्शन कर भी लें तो जमीन से एक पत्थर का टुकड़ा उठाकर पीछे की तरफ फेंक दें

    13:53 (IST)22 Aug 2020
    मिट्टी से बनाएं गणेश जी की प्रतिमा

    गणेशजी की पूजा सभी देवताओं में सबसे सरल मानी जाती है। गणेश चतुर्थी (Ganesh Chaturthi) के दिन घर-घर में मिट्टी के गणेशजी स्‍थापित किए जाते हैं। मान्‍यता है कि हमारा शरीर पंचतत्‍व से बना है और उसी में विलीन हो जाएगा। इसी मान्‍यता के आधार पर गणपतिजी को अनंत चौदस के दिन विसर्जित कर दिया जाता है।

    13:13 (IST)22 Aug 2020
    भक्तों के दुख हर लेते हैं गणेश...

    मान्‍यता है कि जिन घरों में बप्‍पा का स्‍वागत किया जाता है और 10 तक उनकी पूजा होती है, उन घरों पर बप्‍पा की विशेष कृपा होती है और उन घरों में कभी संकट नहीं आता। गणेशजी की कृपा से सभी कार्य बिना किसी बाधा के पूर्ण होते हैं। सभी मनोकामनाएं पूर्ण होती हैं।

    12:23 (IST)22 Aug 2020
    भूल से चांद देख लेने पर करें इस मंत्र का जाप

    अगर भूल से चांद देख लिया हो तो लोगों को इस मंत्र का उच्चारण करना चाहिए -

    सिंह: प्रसेन मण्वधीत्सिंहो जाम्बवता हत:,
    सुकुमार मा रोदीस्तव ह्येष:स्यमन्तक:।

    11:42 (IST)22 Aug 2020
    1 सितंबर तक रहेगा गणेशोत्सव

    गणेश चतुर्थी के दिन लोग अपने घरों या मोहल्लों में गणेश जी की प्रतिमा लेकर आते हैं। निश्चित दिनों के लिए उनकी सेवा कर कुछ दिन बाद उनका विसर्जन करते हैं। 10 दिन तक चलने वाला यह गणेशोत्सव 1 सितंबर को पूर्ण होगा। जो लोग 10 दिन तक भगवान गणेश की उपासना करने में अक्षम है वह 1 दिन, 3 दिन, 5 दिन या 7 दिन के लिए भी भगवान गणेश को स्थापित कर सकते हैं।

    10:59 (IST)22 Aug 2020
    जान लीजिए शुभ मुहूर्त

    पूजा का शुभ मुहर्त पूर्वाह्न 11 बजकर सात मिनट से दोपहर एक बजकर 42 मिनट तकदूसरा शाम चार बजकर 23 मिनट से सात बजकर 22 मिनट तकरात में नौ बजकर 12 मिनट से 11 बजकर 23 मिनट तक है।

    10:20 (IST)22 Aug 2020
    इन चीजों का लगाएं भोग

    भगवान गणेश को मोदक, लड्डू पसंद होते हैं। गणेश जी को मोदक, लड्डू का भोग लगाएं। आप अपनी इच्छानुसार भी भगवान गणेश को भोग लगा सकते हैं। अगर संभव हो तो विनायक चतुर्थी के दिन भोग में कुछ मीठा अवश्य बनाएं। इस बात का ध्यान रखें कि भगवान को सिर्फ सात्विक भोजन का ही भोग लगाया जाता है।

    09:40 (IST)22 Aug 2020
    मांस-मदिरा का न करें सेवन...

    इस दिन मांस- मदिरा का सेवन नहीं करना चाहिए। विनायक चतुर्थी के दिन सात्विक भोजन का ही सेवन करें। 

    09:21 (IST)22 Aug 2020
    गणपति को तुलसी न करें अर्पित

    मान्यता है कि तुलसी ने भगवान गणेश को लम्बोदर और गजमुख कहकर शादी का प्रस्ताव दिया था जिससे कुपित होकर गणेश भगवान ने माता तुलसी को श्राप दे दिया।

    08:40 (IST)22 Aug 2020
    लाल पुष्प अर्पित करने की है अधिक मान्यता...

    भगवान गणेश को पुष्प अर्पित करने चाहिए। ऐसा करने से भगवान गणेश का आशीर्वीद प्राप्त होता है। अगर संभव हो तो गणेश भगवान को लाल पुष्प अर्पित करें।

    08:00 (IST)22 Aug 2020
    न करें चंद्रमा के दर्शन...

    हिंदू धर्म के अनुसार गणेश चतुर्थी के दिन चंद्रमा के दर्शन नहीं करने चाहिए. यदि आप भूलवश चंद्रमा का दर्शन कर भी लें तो जमीन से एक पत्थर का टुकड़ा उठाकर पीछे की तरफ फेंक दें.

    07:20 (IST)22 Aug 2020
    10 दिनों तक चलता है गणेशोत्सव...

    10 दिन तक चलने वाला यह गणेशोत्सव 1 सितंबर को पूर्ण होगा। जो लोग 10 दिन तक भगवान गणेश की उपासना करने में अक्षम है वह 1 दिन, 3 दिन, 5 दिन या 7 दिन के लिए भी भगवान गणेश को स्थापित कर सकते हैं।

    05:56 (IST)22 Aug 2020
    गणेश प्रतिमा की स्थापना के साथ दो बार आरती करें और स्तुतिगान करें

    गणेश जी की आराधना करने के लिए उनकी प्रतिमा की स्थापना करें। गणपति बप्पा की प्रतिमा की दस दिन तक रोज सुबह-शाम आरती-पूजन करें और भोग लगाएं। शाम को आरती के बाद प्रतिमा के पास बैठकर गणेश स्तुति करें और भजन गाएं। इससे गणेश भगवान का आशीर्वाद सबको मिलता है।

    04:53 (IST)22 Aug 2020
    लाल कपड़े पहनें और मोदक चढ़ाएं

    भगवान गणेश की आराधना करने से सभी तरह के कष्टों से मुक्ति मिल जाती है। वह बहुत दयालु और कृपावान हैं। गणपति की पूजा विधि-विधान से करने के लाल रंग के कपड़े पहनें और उन्हें मोदक चढ़ाएं।  

    03:13 (IST)22 Aug 2020
    पूजा के बाद गलती के लिए क्षमा मांगें

    विघ्नहर्ता श्री गणेश की 10 दिनों तक पूजा एवं आरती के बाद परिक्रमा करें और क्षमा मांगें कि पूजा में कोई भी कमी या भूल हुई तो उसके लिए माफ करें।

    00:58 (IST)22 Aug 2020
    पश्चिम बंगाल में दुर्गा पूजा की तरह महाराष्ट्र में गणेशोत्सव मनाने की परंपरा

    पश्चिम बंगाल में दुर्गा पूजा उत्सव की तरह ही महाराष्ट्र में गणेशोत्सव मनाने की परंपरा है। दुर्गा पूजा और गणेश पूजा पूरे देश में होती है, लेकिन पश्चिम बंगाल और महाराष्ट्र में यह विशेष तौर पर की जाती है।  

    00:02 (IST)22 Aug 2020
    गणेश चतुर्थी के दिन चंद्रमा को देखा तो साल भर लगेगा कलंक

    गणेश चतुर्थी के दिन भूलकर भी चंद्रमा के दर्शन न करें। यदि आपने इस दिन चंद्रमा का दर्शन कर लिया तो आप पर कलंक या गलत आरोप लग सकता है। पौराणिक कथाओं के अनुसार, गणेश चतुर्थी को चंद्रमा दर्शन के कारण ही भगवान कृष्ण पर स्यमंतक मणि चोरी करने का मिथ्या आरोप लगा था।

    22:25 (IST)21 Aug 2020
    भक्तों के सारे विध्न, बाधाएं दूर करते है, इसलिए विघ्नहर्ता कहे जाते हैं गणेश जी

    गणेश जी को सभी देवताओं में प्रथम पूजनीय माना गया है। इस दिन गणपति बप्पा को अपने घर में लाकर विराजमान करने से वे अपने भक्तों के सारे विध्न, बाधाएं दूर करते हैं। इसलिए गणेश जी को विघ्नहर्ता भी कहा जाता है। गणेश चतुर्थी को लोग गणेश जी को अपने घर लाते हैं, गणेश चतुर्थी के ग्यारहवें दिन धूमधाम के साथ उन्हें विसर्जित कर दिया जाता है और अगले बरस जल्दी आने की प्रार्थना करते हैं गणपति जी को अपने घर में किसी तरह की कोई कमी नहीं रहती है। 

    21:48 (IST)21 Aug 2020
    ऐसी स्थिति में इस मंत्र का करें उच्चारण

    अगर भूल से चांद देख लिया हो तो लोगों को इस मंत्र का उच्चारण करना चाहिए

    सिंह: प्रसेन मण्वधीत्सिंहो जाम्बवता हत:,

    सुकुमार मा रोदीस्तव ह्येष:स्यमन्तक:।

    21:15 (IST)21 Aug 2020
    गणपति और मोदक...

    पुराणों में मोदक का वर्णन मिलता है. मोदक का अर्थ खुशी होता है और भगवान श्रीगणेश हमेशा खुश रहा करते थे. इसी वजह से उन्हें गणेश चतुर्थी पर मोदक का भोग लगाया जाता है. भगवान गणेश को ज्ञान का देवता भी माना जाता है और मोदक को भी ज्ञान का प्रतीक माना जाता है. इस वजह से भी उन्हें मोदक का भोग लगाया जाता है.

    20:35 (IST)21 Aug 2020
    इस दिन चंद्रमा देखने से भी होती है मनाही...

    भगवान गणेश की स्थापना गणेश चतुर्थी के दिन मध्याह्न में की जाती है. माना जाता है कि गणपति बप्पा का जन्म मध्याह्न काल में हुआ था. हालांकि, इस दिन चंद्रमा देखना भी वर्जित है

    19:42 (IST)21 Aug 2020
    जानिये गणेश जी से जुड़ी ये खास बात...

    पूर्व दिशा गणेश जी को पसंद है. गणेश जी के दर्शन सदैव सामने की ओर से करने चाहिए. कहा जाता है कि गणेश जी के पीछे की तरफ दरिद्रता निवास करती है, इसलिए पीठ की तरफ से गणेश जी के दर्शन नहीं करने चाहिए.

    18:58 (IST)21 Aug 2020
    महाराष्ट्र में गणेशोत्सव

    पौराणिक मान्‍यताओं के अनुसार भाद्र मास के शुक्‍ल पक्ष की चतुर्थी को गणेशजी का जन्‍म हुआ था। इस उपलक्ष्‍य में हर साल गणेश चतुर्थी का पर्व मनाया जाता है। इस पर्व की सबसे ज्‍यादा धूम महाराष्‍ट्र में देखने को मिलती है। मगर इस बार कोरोना के चलते सबसे ज्‍यादा प्रभावित इस राज्‍य में त्‍योहार का रंग कहीं फीका न पड़ जाए।

    18:30 (IST)21 Aug 2020
    गणेशजी को प्रथम पूजनीय कहा जाता है...

    गणेशजी को प्रथम पूजनीय कहा जाता है, क्योंकि किसी भी शुभ कार्य में पहले श्रीगणेश की पूजा की जाती है। भक्तगण वैसे तो सालभर बप्पा की पूजा करते हैं, लेकिन बुधवार और चतुर्थी को गणपति की पूजा का विशेष महत्व है।

    17:56 (IST)21 Aug 2020
    कोरोना काल में गणेश चतुर्थी

    हिन्दू पंचांग के अनुसार गणेश जन्मोत्सव हर साल भाद्रपद शुक्ल पक्ष की चतुर्थी तिथि को बड़ी धूमधाम के साथ मनाया जाता है। लेकिन इस साल की बात कुछ अलग है क्योंकि इस समय कोरोना वायरस से पूरी दुनिया प्रभावित है। वायरस की रोकथाम के लिए लोग सामाजिक दूरियां बना रहे हैं। ऐसे में आप गणेश उत्सव पर सामूहिक कार्यक्रम में हिस्सा न लेकर स्वयं ही अपने घर पर विधिनुसार गणपति बप्पा को स्थापित कर सकते हैं।

    17:29 (IST)21 Aug 2020
    ये हैं गणेश पूजा के शुभ मुहूर्त

    पूजा का शुभ मुहर्त पूर्वाह्न 11 बजकर सात मिनट से दोपहर एक बजकर 42 मिनट तक
    दूसरा शाम चार बजकर 23 मिनट से सात बजकर 22 मिनट तक
    रात में नौ बजकर 12 मिनट से 11 बजकर 23 मिनट तक है।

    16:57 (IST)21 Aug 2020
    गणपति के पसंदीदा मोदक

    गणेशजी को मोदक के लड्डू बड़े प्रिय हैं. मोदक भी कई तरह के बनते हैं. महाराष्ट्र में खासतौर पर गणेश पूजा के अवसर पर घर-घर में तरह-तरह के मोदक बनाए जाते हैं.

    16:30 (IST)21 Aug 2020
    प्रत्येक माह की चतुर्थी भगवान गणेश की होती है पूजा

    भगवान गणेश (Ganesh Chaturthi 2020) को हिंदू धर्म में प्रथम पूजनीय माना जाता है. किसी भी शुभ कार्य में सबसे पहले गणेश जी की ही पूजा की जाती हैं. ग्रह प्रवेश और भूमि पूजन से पहले हर बार गणपति को पहले पूजा जाता है. शास्‍त्रों में वैसे तो हर माह चतुर्थी को गणेश जी की पूजा का विधान है, लेकिन भाद्रपद के शुक्‍ल पक्ष की चतुर्थी को देश भर में धूम धाम से मनाई जाती है.