भगवान गणेश का जन्मोत्सव यानी गणेश चतुर्थी इस साल 22 अगस्त, शनिवार को मनाई जा रही है। भाद्रपद माह के शुक्ल पक्ष की चतुर्थी तिथि को भगवान गणेश का प्राकट्य दिवस मनाया जाता है। कहते हैं कि जब भगवान शिव ने गणेश जी का शीश अपने त्रिशूल से काट दिया था, तब भाद्रपद माह के शुक्ल पक्ष की चतुर्थी तिथि के दिन ही भगवान गणेश को हाथी का मस्तक लगाकर दोबारा जीवित किया गया था। तब से ही गणेश जी को गजानन के नाम से जाना जाता है। उस दिन से ही भगवान गणेश को सभी देवी-देवताओं में प्रथम पूजनीय माना गया।
Ganesh Ji Ki Aarti: यहां पढ़े श्री गणेश जी की आरती लिरिक्स इन हिंदी
गणेश जी की आरती (Ganesh Ji Ki Aarti):
जय गणेश जय गणेश, जय गणेश देवा।
माता जाकी पार्वती, पिता महादेवा॥
एकदन्त दयावन्त, चार भुजा धारी।
माथे सिंदूर सोहे, मूसे की सवारी॥
जय गणेश जय गणेश, जय गणेश देवा।
माता जाकी पार्वती, पिता महादेवा॥
पान चढ़े, फूल चढ़े, और चढ़े मेवा।
लड्डुअन का भोग लगे, संत करें सेवा॥
जय गणेश जय गणेश, जय गणेश देवा।
माता जाकी पार्वती, पिता महादेवा॥
अंधन को आंख देत, कोढ़िन को काया।
बांझन को पुत्र देत, निर्धन को माया॥
जय गणेश जय गणेश,जय गणेश देवा।
माता जाकी पार्वती, पिता महादेवा ॥
‘सूर’ श्याम शरण आए, सफल कीजे सेवा।
माता जाकी पार्वती, पिता महादेवा॥
जय गणेश जय गणेश, जय गणेश देवा।
माता जाकी पार्वती, पिता महादेवा॥
दीनन की लाज रखो, शंभु सुतकारी।
कामना को पूर्ण करो, जाऊं बलिहारी॥
जय गणेश जय गणेश, जय गणेश देवा।
माता जाकी पार्वती, पिता महादेवा॥
कहते हैं जो भी व्यक्ति श्रद्धा से गणेश चतुर्थी के दिन भगवान गणेश को अपने घर लेकर आता है वह अपने सभी विघ्नों, कष्टों और दुखों का नाश करवा लेता है। गणेश जी की कृपा से ऐसे घरों में शुभता का वास होता है।