हिंदू धर्म में कोई भी पूजा बिना गणेश भगवान की आरती को उतारे शुरु नहीं की जाती। क्योंकि गणपति जी को प्रथम पूज्य देवता की उपाधि प्राप्त है। इसलिए हर शुभ कार्य में इन्हें याद किया जाता है। इन दिनों कई लोगों के घरों में गणपति जी की विशेष अराधना की जा रही है। क्योंकि गणेश चतुर्थी के दिन बप्पा जो पधारे हैं। जिन लोगों ने अपने घरों में गजानन की मूर्ति की स्थापना की है उन्हें उनकी विधि विधान पूजा करनी चाहिए और पूजा के दौरान गणेश जी की इस आरती को करना भी न भूलें ..

Ganesh Ji Ki Aarti: यहां पढ़े श्री गणेश जी की आरती लिरिक्स इन हिंदी

श्री गणेश जी की आरती – (Jai Ganesh Jai Ganesh Deva Aarti)

जय गणेश जय गणेश जय गणेश देवा। माता जाकी पार्वती पिता महादेवा॥
जय गणेश जय गणेश जय गणेश देवा। माता जाकी पार्वती पिता महादेवा॥
एकदन्त दयावन्त चारभुजाधारी। माथे पर तिलक सोहे मूसे की सवारी॥

पान चढ़े फूल चढ़े और चढ़े मेवा। लड्डुअन का भोग लगे सन्त करें सेवा॥
जय गणेश जय गणेश जय गणेश देवा। माता जाकी पार्वती पिता महादेवा॥

गणेश चतुर्थी की व्रत कथा

अन्धे को आँख देत, कोढ़िन को काया। बांझन को पुत्र देत, निर्धन को माया॥
‘सूर’ श्याम शरण आए सफल कीजे सेवा। माता जाकी पार्वती पिता महादेवा॥
जय गणेश जय गणेश जय गणेश देवा। माता जाकी पार्वती पिता महादेवा॥

इस साल हरतालिका तीज व्रत की तारीखों को लेकर मतभेद होने के कारण कई जगह ये व्रत 1 सितंबर को तो कुछ जगह 2 सितंबर को मनाया जायेगा। इस व्रत को सुहागिन स्त्रियों के अलावा कुंवारी लड़कियां भी रखती हैं। ऐसा माना जाता है कि इस व्रत को सच्चे मन से करने पर मनचाहे वर की प्राप्ति हो जाती है। ऐसी मान्यता है कि इस व्रत को सबसे पहले माता पार्वती ने भगवान शंकर को पति रूप में पाने के लिए रखा था।

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