हर किसी की चाहता है कि उसके घर में खुशहाली, सुख-समृद्धि हो और कभी भी पैसों की किल्लत का सामना न करना पड़ें। ऐसे में व्यक्ति अधिक मेहनत करता है, जिससे वह अपने हर सपने को पूरा कर सके। लेकिन कई बार अधिक मेहनत करने के बावजूद कुछ लोगों को शुभ फल नहीं मिलता। माना जाता है कि व्यक्ति द्वारा की गई छोटी-छोटी गलतियां भी इसके सुख-समृद्धि में अड़चन उत्पन्न करती हैं। ऐसे में जरूरी है कि कुछ चीजों का विशेष ध्यान रखा जाएं। मनुस्मृति में ऐसे से ही चार कामों का वर्णन किया गया है जिन्हें शाम के समय बिल्कुल भी नहीं करना चाहिए। माना जाता है कि इन कामों को सूर्यास्त के समय करने से घर में दरिद्रता का वास होता है। इसके साथ ही व्यक्ति की तरक्की में रुकावट आती है और पैसों की तंगी का भी सामना करना पड़ता है और मां लक्ष्मी की कृपा प्राप्त नहीं होती है। जानिए वह कौन से कान है जो संध्याकाल में नहीं करना चाहिए।

श्लोक
चत्वार‌खिलु कार्याणि संध्याकाले विवर्जयेत्।
आहारं मैथुनं निद्रां स्वाध्यायन्च चतुर्थकम्।।

इस श्लोक का मतलब है कि शाम के समय व्यक्ति को भोजन नहीं करना चाहिए, न ही सोना चाहिए। प्रेम प्रसंग से बचना चाहिए, वेद-शास्त्रों का अध्ययन और पैसों का लेनदेन नहीं करना चाहिए।

शाम के समय न करें भोजन

मनुस्मृति के अनुसार, शाम के समय सूर्यास्त के समय भोजन नहीं करना चाह‌िए। कहा जाता है कि इस समय भोजन करने से व्यक्ति अगले जन्म में पशु योनी में जन्म लेता है।

शाम को समय न सोएं

शास्त्रों में इस बात का जिक्र काफी किया गया है। माना जाता है कि सूर्यास्त के समय किसी भी स्वस्थ व्यक्ति को सोना या फिर लेटना नहीं चाहिए। इससे मां लक्ष्मी अप्रसन्न होती हैं और दरिद्रता का वास हो जाता है।

काम भाव को करें नियंत्रित

मनु स्मृति के अनुसार, शाम के समय व्यक्ति को भगवान की आराधना करनी चाहिए। सूर्यास्त के समय काम भाव को कंट्रोल में रखना चाहिए। इस समय स्त्री और पुरुष को प्रसंग से बचना चाहिए। माना जाता है कि इस समय गर्भधारण से उत्पन्न संतान को जीवन में कई कष्टों का सामना करना पड़ सकता है।

वेद-शास्त्रों की पढ़ाई वर्जित

इस श्लोक में कहा गया है कि शाम के समय वेद और शास्त्रों का अध्ययन नहीं करना चाह‌िए। इस समय ध्यान और साधना करना उत्तम माना जाता है।

पैसों का लेन देन

शाम के समय पैसों के लेन देन करने से बचना चाहिए। ऐसा करने में मां लक्ष्मी रुष्ट हो जाती हैं और व्यक्ति की कभी भी आर्थिक स्थिति मजबूत नहीं हो पाती है।