Surya Grahan 2021: अभी पिछले सप्ताह ही साल का पहला चंद्र ग्रहण देखा गया था, 26 मई को ग्रहण के बाद अब साल का पहला सूर्य ग्रहण लगने जा रहा है। हिंदू पंचांग के मुताबिक ज्येष्ठ माह की अमावस्या तिथि को सूर्य ग्रहण है। खगोलशास्त्रियों के मुताबिक 10 जून को लगने वाला ये ग्रहण वलयाकार सूर्य ग्रहण होगा। इसे ग्रीनलैंड, यूरोप, कनाडा, एशिया, उत्तरी अमेरिका और रूस जैसे देशों में देखा जा सकेगा। ज्योतिष शास्त्र के विद्वानों की मानें तो यह ग्रहण भारत में नजर नहीं आएगा लेकिन भारत में रहने वाले लोगों को भी इस दौरान सावधानियां बरतनी चाहिए। ऐसा इसलिए क्योंकि ग्रहण का प्रभाव पूरे विश्व पर पड़ता है।
इस साल कुल कितने लग रहे हैं ग्रहण: इस साल कुल 4 ग्रहण लगेंगे जिसमें से पहला 26 मई को चंद्र ग्रहण के रूप में देखा गया। इसके बाद 10 जून को पहला सूर्य ग्रहण होगा। फिर 19 नवंबर 2021 को दूसरा और आखिरी चंद्र ग्रहण लगेग। अंतिम में 4 दिसंबर को सूर्य ग्रहण होगा।
सूर्य ग्रहण का समय: 10 जून, गुरुवार को वलयाकार सूर्य ग्रहण लगने जा रहा है। ये ग्रहण करीब 5 घंटे लंबा होगा। वृष राशि में लगने जा रहे इस ग्रहण की शुरुआत करीब दोपहर 1 बजकर 42 मिनट पर होगी जो शाम 6 बजकर 41 मिनट तक रहेगा।
सूतक लगेगा या नहीं?: धार्मिक मान्यताओं अनुसार ग्रहण शुभ नहीं माना जाता है। चाहे कोई भी ग्रहण हो उसमें शुभ कार्यों को करने की मनाही होती है। साल का पहला सूर्य ग्रहण भारत में दिखाई नहीं देगा। ऐसे में सूर्य ग्रहण का भारत में सूतक काल मान्य नहीं होगा। बता दें कि आमतौर पर सूतक काल ग्रहण लगने से ठीक 12 घंटे पहले लग जाता है।
क्या होता है वलयकार सूर्य ग्रहण: जब चंद्रमा सू्र्य के करीब 97 फीसदी हिस्से को कुछ ऐसे ढ़क लेता है जिससे सूर्य बीच में से तो ढ़का हुआ नजर आता है लेकिन किनारे में पूरी रोशनी रहती है तब उस ग्रहण को वलयाकार सूर्य ग्रहण कह जाता है। इसमें सूरज देवता रोशनी का एक छल्ला या अंगूठी बनते दिखाई देते हैं।
क्या बरतें सावधानी: ग्रहण के सूतक काल में स्नान न करें। खाना पकाना और खाना दोनों ही वर्जित है, हालांकि, बच्चे, बीमार, बुजुर्ग और गर्भवती महिलाएं इस दौरान खा सकती हैं। प्रेग्नेंट लेडीज को ग्रहण के दौरान चाकू, कैंची, सूई, तलवार और कोई भी धारदार या नुकीली वस्तु का इस्तेमाल न करें। कोशिश करें कि आप नकारात्मक न सोचें और न ही कोई नकारात्मक गतिविधि करें। ग्रहण के दौरान सूर्य को न देखें। खाने पीने की चीजों में ग्रहण शुरू होने से पहले ही तुलसी के पत्ते डालकर रख दिये जाते हैं।