Falgun Sankashti ganesh Chaturthi 2019 Shubh muhurat Vrat katha and Puja vidhi: संकष्टी चतुर्थी का व्रत भारत में महाराष्ट्र, मध्यप्रदेश, पश्चिम और दक्षिण भारत में धूमधाम से मनाया जाता है। फाल्गुन माह की संकष्टी गणेश चतुर्थी इस बार 22 फरवरी 2019, शुक्रवार को पड़ रही है। संकष्टी गणेश चतुर्थी भगवान गणेश का जन्मदिवस है। कहते हैं कि इस दिन भगवान गणेश की पूजा अर्चना करने से मनुष्य के सभी संकट दूर हो जाते हैं और इसी वजह से इसे संकट हारा चतुर्थी भी कहते हैं। चूंकि यह चतुर्थी हर माह मनाई जाती है, इस वजह से भगवान गणेश के कई रूपों की पूजा होती है। 22 फरवरी 2019 शुक्रवार संकष्टी चतुर्थी पर चांद निकलने का समय रात्रि 9 बजकर 24 मिनट है। आगे हम आपको पूजन विधि बता रहे हैं।

पूजन विधि: संकष्टी चतुर्थी पर पूजन करते समय पूरब या उत्तर दिशा की तरफ अपना मुंह रखें। भगवान गणेश की मूर्ति या पोस्टर सामने रखकर किसी स्वच्छ आसन पर बैठ जाएं। अब फल फूल, अक्षत, रोली और पंचामृत से भगवान गणेश को स्नान कराएं। इसके बाद पूजा करें और फिर धूप, दीप के साथ श्री गणेश मंत्र का जाप करें। गणेश जी को तिल से बनी चीजों का भोग लगाएं। तिल का लड्डू या मोदक का भोग लगाने से भगवान गणेश प्रसन्न होते हैं। इसके बाद “ॐ सिद्ध बुद्धि महागणपति नमः” मंत्र का जाप करें। व्रत करने वाले लोग शाम को संकष्टी व्रत कथा का पाठ अवश्य करें। यदि शुभ मुहूर्त में पाठ किया गया तो फल जरूर मिलता है।

व्रत कथा: राजा हरिशचंद्र के राज्य में एक कुम्हार रहता था। उसने मिट्टी के बर्तन बनाए और बर्तन पकाने के लिए आंव लगाया लेकिन आंव पका नहीं और इस तरह बर्तन कच्चे रह गए। परेशान कुम्हार को बार-बार नुकसान उठाना पड़ रहा था जिससे परेशान होकर उसने एक तांत्रिक से मदद मांगी। उपाय के रूप में तांत्रिक ने कुम्हार को एक बच्चे की बलि देने के लिए कहा। कुम्हार ने बहुत कोशिश की लेकिन बलि देने लायक उसे कोई बच्चा मिला नहीं। एक दिन राज्य में रहने वाले एक शख्स ऋषि शर्मा की मृत्यु हो गई, तो उसके बेटे पर कुम्हार की नजर गई और उसने उसे संकट चौथ के दिन आंव में डाल दिया।

बालक की माता गणेश जी की भक्त थी इसलिए कुम्हार जब आंव देखने गया तो वो हैरान रह गया कि आंव पका हुआ था और बच्चा सुरक्षित था। कुम्हार को गलती का एहसास हुआ और उसने राजा के सामने जाकर अपनी भूल के लिए माफी मांगी। राजा ने बच्चे की मां को बुलाकर उसे बच्चे को सौंप दिया और चमत्कार का कारण पूछा। मां ने बताया कि वो संकट चौथ के दिन भगवान गणेश का व्रत रखकर पूजा करती है इसलिए भगवान गणेश ने उसके बेटे के प्राणों की रक्षा की। इस घटना के बाद से ही कृष्ण पक्ष की चतुर्थी को ‘संकट हारिणी’ भी माना जाता है।

कर्क राशिफल: आज आपके सितारे पक्ष हैं। कार्य आसानी से पूरे होते हुए दिखाई दे रहे हैं। कठिन समय दूर होगा।