Sikh Funeral Rituals: हम सभी जानते हैं कि इस दुनिया में हर किसी को एक दिन मौत का सामना करना पड़ता है। यह निश्चित है कि जन्म लेने वाला हर इंसान या जीव-जंतु एक दिन इस दुनिया को छोड़कर चला जाएगा। मृत्यु के बाद हर धर्म में शव का अंतिम संस्कार अलग-अलग तरीके से किया जाता है, और ये तरीके उस धर्म की मान्यताओं और परंपराओं के हिसाब से तय होते हैं। सिख धर्म में भी मृत्यु के बाद शव के अंतिम संस्कार का अपना एक खास तरीका है, जो हिंदू धर्म से कुछ हद तक मिलता-जुलता है, लेकिन इसमें कुछ अलग बातें भी हैं। ऐसे में आइए जानते हैं सिख धर्म में अंतिम संस्कार कैसे किया जाता है।
सिख धर्म में अंतिम संस्कार की प्रक्रिया
सिख धर्म में अंतिम संस्कार लगभग हिंदू धर्म की तरह ही होता है। सिख धर्म में जब किसी की मृत्यु हो जाती है तो शव को जलाने की प्रक्रिया अपनाई जाती है। वहीं, हिंदू धर्म में भी शव को जलाया जाता है। हालांकि हिंदू धर्म में महिलाओं को श्मशान घाट जाने की अनुमति नहीं होती, लेकिन सिख धर्म में महिलाएं भी अंतिम संस्कार की प्रक्रिया में शामिल हो सकती हैं। सिख धर्म में जब किसी व्यक्ति की मृत्यु हो जाती है, तो सबसे पहले उसके पार्थिव शरीर को शमशान घाट ले जाने से पहले नहलाया जाता है।
इसके बाद, सिख धर्म की पांच खास चीजें, जैसे कंघा, कटार, कढ़ा, कृपाल और केश को ठीक किया जाता है। ये सभी चीजें सिख धर्म में बहुत महत्व रखती हैं और व्यक्ति के जीवन का हिस्सा होती हैं। फिर, मृतक के परिवार के लोग और करीबी रिश्तेदार ‘वाहेगुरु’ का जाप करते हुए शव को शमशान घाट तक ले जाते हैं। शमशान घाट पहुंचने के बाद, मृतक के बेटे या किसी करीबी व्यक्ति द्वारा शव को मुखाग्नि दी जाती है। यह प्रक्रिया अंतिम संस्कार की सबसे महत्वपूर्ण प्रक्रिया होती है।
10 दिन तक चलने वाली रस्में
शव को जलाने के बाद, सिख धर्म में अगले 10 दिनों तक अलग-अलग रस्में निभाई जाती हैं। शमशान घाट से लौटने के बाद, सभी लोग पहले नहाते हैं और फिर शाम को अरदास (प्रार्थना) में शामिल होते हैं। इस समय, गुरु ग्रंथ साहिब का पाठ किया जाता है। यह पाठ अगले 10 दिनों तक चलता है। इस दौरान, जो लोग पाठ में शामिल होते हैं, उन्हें कड़हा प्रसाद दिया जाता है। प्रसाद के बाद फिर से भजन और कीर्तन होते हैं। यह सब मृतक की आत्मा की शांति के लिए किया जाता है। परिवार के लोग और रिश्तेदार इस समय को श्रद्धा के साथ बिताते हैं और मृतक की आत्मा के लिए अरदास करते हैं।
ज्योतिष शास्त्र के अनुसार, साल 2025 में चार ग्रहण देखने को मिलेंगे। इनमें से दो सूर्य ग्रहण और दो चंद्र ग्रहण होंगे। ऐसे में आइए जानते हैं 2025 में कब-कब सूर्य ग्रहण और चंद्र ग्रहण लगने वाला है।
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