Benefits Of Budh Stotra: वैदिक ज्योतिष में बुध ग्रह को बुद्धि, तर्क, संवाद, गणित, चतुरता और मित्र का कारक माना जाता है। साथ ही बुध ग्रह मिथुन और कन्या राशि के स्वामी हैं। वहीं सूर्य और शुक्र, बुध के मित्र हैं जबकि चंद्रमा और मंगल इसके शुत्र ग्रह हैं। बुध का वर्ण हरा है और सप्ताह में बुधवार का दिन बुध को समर्पित है। साथ ही बुधवार का दिन गणेश भगवान को भी समर्पित होता है। इसलिए जो व्यक्ति इस दिन गणेश भगवान की पूजा- अर्चना करता है, उसके जीवन में सुख- समृद्धि का वास बना रहता है।

यहां हम आपको ऐसे स्त्रोत के बारे में बताने जा रहे हैं, जिसका रोज पाठ करने से आपको बुध दोष से मुक्ति मिल सकती है। इसका नाम है बुध स्त्रोत, जो जातक बुधवार के दिन बुध स्तोत्र का पाठ करता है, उसे उसका मनचाहा कार्यक्षेत्र प्राप्त होता है। साथ ही बुध स्त्रोत का पाठ करने से व्यापार में सफलता मिलती है। साथ ही व्यक्ति का कम्यूनिकेशन अच्छा होता है। वाणी में प्रभाव आता है। आइए जानते हैं बुध स्त्रोत के बारे में…

‘बुध स्तोत्र से पहले बप्पा की इस स्तुति का करें पाठ”

”गाइये गणपति जगवंदन ।

शंकर सुवन भवानी के नंदन ॥

सिद्धि सदन गजवदन विनायक ।

कृपा सिंधु सुंदर सब लायक ॥

गाइये गणपति जगवंदन ।

शंकर सुवन भवानी के नंदन ॥

मोदक प्रिय मुद मंगल दाता ।

विद्या बारिधि बुद्धि विधाता ॥

गाइये गणपति जगवंदन ।

शंकर सुवन भवानी के नंदन ॥

मांगत तुलसीदास कर जोरे ।

बसहिं रामसिय मानस मोरे ॥

गाइये गणपति जगवंदन ।

शंकर सुवन भवानी के नंदन” ॥

”बुध स्तोत्र”

”पीताम्बर: पीतवपु किरीटी, चतुर्भुजो देवदु:खापहर्ता ।

धर्मस्य धृक सोमसुत: सदा मे, सिंहाधिरुढ़ो वरदो बुधश्च ।।

प्रियंगुकनकश्यामं रूपेणाप्रतिमं बुधम ।

सौम्यं सौम्यगुणोपेतं नमामि शशिनन्दनम ।।

सोमसुनुर्बुधश्चैव सौम्य: सौम्यगुणान्वित: ।

सदा शान्त: सदा क्षेमो नमामि शशिनन्दनम ।।

उत्पातरूपी जगतां चन्द्रपुत्रो महाद्युति: ।

सूर्यप्रियकरोविद्वान पीडां हरतु मे बुधं ।।

शिरीषपुष्पसंकाशं कपिलीशो युवा पुन: ।

सोमपुत्रो बुधश्चैव सदा शान्तिं प्रयच्छतु ।।

श्याम: शिरालश्चकलाविधिज्ञ:, कौतूहली कोमलवाग्विलासी ।

रजोधिको मध्यमरूपधृक स्या-दाताम्रनेत्रो द्विजराजपुत्र:।।

अहो चन्द्रासुत श्रीमन मागधर्मासमुदभव: ।

अत्रिगोत्रश्चतुर्बाहु: खड्गखेटकधारक: ।।

गदाधरो नृसिंहस्थ: स्वर्णनाभसमन्वित: ।

केतकीद्रुमपत्राभ: इन्द्रविष्णुप्रपूजित: ।।

ज्ञेयो बुध: पण्डितश्च रोहिणेयश्च सोमज: ।

कुमारो राजपुत्रश्च शैशवे शशिनन्दन: ।।

गुरुपुत्रश्च तारेयो विबुधो बोधनस्तथा ।

सौम्य: सौम्यगुणोपेतो रत्नदानफलप्रद: ।।

एतानि बुधनामानि प्रात: काले पठेन्नर: ।

बुद्धिर्विवृद्धितां याति बुधपीडा न जायते” ।।

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