Ekadanta Sankashti Chaturthi 2024 date: हर मास के कृष्ण और शुक्ल पक्ष की चतुर्थी तिथि को गणेश चतुर्थी का व्रत रखा जाता है। हर एक चतुर्थी का अपना-अपना महत्व है। ज्येष्ठ माह के कृष्ण पक्ष की चतुर्थी तिथि को एकदंत संकष्टी चतुर्थी कहते हैं। इस दिन भगवान गणेश की विधिवत पूजा करने के साथ व्रत रखने का विधान है। इस बार एकदंत संकष्टी चतुर्थी तिथि को सर्वार्थ सिद्धि योग बन रहा है। मान्यता है कि इस दिन गणपति जी की पूजा सच्चे मन से करने से संतान सुख, सुख-समृद्धि के साथ तरक्की का आशीर्वाद मिलता है और हर तरह के कष्टों से छुटकारा मिल जाता है। आइए जानते हैं एकदंत संकष्टी चतुर्थी व्रत की सही तिथि, मुहूर्त, पारण के साथ से लेकर हर एक जानकारी…
एकदंत संकष्टी चतुर्थी 2024 तिथि (Ekadanta Sankashti Chaturthi 2024 date)
हिंदू पंचांग के अनुसार, ज्येष्ठ माह के कृष्ण पक्ष की चतुर्थी 26 मई, रविवार को शाम 06 बजकर 06 मिनट पर आरंभ हो रही है, जो 27 मई सोमवार को शाम 04 बजकर 53 मिनट पर समाप्त होगी। ऐसे में ज्येष्ठ मास की संकष्टी चतुर्थी व्रत 26 मई रविवार को रखा जाएगा।
एकदंत संकष्टी चतुर्थी 2024 पूजा मुहूर्त (Ekadanta Sankashti Chaturthi 2024 Puja Muhurat)
एकदंत संकष्टी चतुर्थी पूजा के दो शुभ मुहूर्त हैं। पहला शुभ मुहूर्त सुबह 7 बजकर 8 मिनट से दोपहर 12 बजकर 18 मिनट तक और दूसरा शुभ मुहूर्त शाम 7 बजकर 12 मिनट से रात 9 बजकर 45 मिनट तक का है।
एकदंत संकष्टी चतुर्थी 2024 अर्घ्य समय (Ekadanta Sankashti Chaturthi 2024 Arghya Time)
संकष्टी चतुर्थी व्रत के दिन चंद्रमा को अर्घ्य दिए बगैर पूजा अधूरी मानी जाती है। इसलिए 26 मई को चंद्रोदय रात 10 बजकर 12 मिनट पर होगा।
एकदंत संकष्टी चतुर्थी का महत्व (Ekadanta Sankashti Chaturthi 2024 Importance)
हिंदू धर्म में एकदंत संकष्टी चतुर्थी का विशेष महत्व है। मान्यता है कि इस दिन गणपति की जी पूजा करने और व्रत रखने से हर तरह के दुख-दर्द से छुटकारा मिल जाता है और व्यक्ति की हर मनोकामना पूरी हो जाती है। जीवन में खुशहाली बनी रहती है। लंबे समय से रुके काम पूरे हो जाते हैं। गणपति बप्पा की कृपा से हर तरह के विघ्न से छुटकारा मिल जाता है।
एकदंत संकष्टी चतुर्थी में करें इन मंत्रों का जाप (Ekadanta Sankashti Chaturthi 2024 Mantra)
संकष्टी चतुर्थी के दिन 11 बार ‘ॐ श्रीं ॐ ह्रीं श्रीं ह्रीं क्लीं श्रीं क्लीं वित्तेश्वराय नमः’ या फिर ऊं गणेशाय नम: मंत्र का जाप करें।
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