Eid Ul Fitr 2025 In India: ईद उल फितर का त्योहार मुसलमानों के लिए बेहद खास होता है। ईद का चांद नजर आते ही हर मुसलमान की खुशी का ठिकाना नहीं रहता। रमजान के पूरे महीने रोजे रखने और अल्लाह की इबादत करने के बाद जब ईद का ऐलान होता है, तो हर कोई जश्न मनाने के लिए तैयार हो जाता है। लोग एक-दूसरे को ईद की मुबारकबाद देते हैं, नए कपड़े पहनते हैं, और घरों में खास पकवान बनाते हैं। आपको बता दें कि इस साल भारत में 30 मार्च, रविवार को ईद का चांद नजर आया, जिसके बाद आज यानी 31 मार्च को देशभर में धूमधाम के साथ ईद मनाई जा रही है। ऐसे में आइए जानते हैं कि आखिर मुसलमान ईद क्यों मनाते हैं।
ईद क्यों मनाई जाती है?
ईद सिर्फ एक त्योहार नहीं, बल्कि रमजान के पूरे महीने की इबादत और सब्र का इनाम है। ऐसा माना जाता है कि पहली बार ईद 624 ईस्वी में मनाई गई थी, जब पैगंबर हजरत मुहम्मद ने बद्र की लड़ाई में जीत हासिल की थी। उन्होंने इस खुशी में लोगों का मुंह मीठा करवाया था। तब से यह परंपरा शुरू हुई और हर साल ईद-उल-फितर मनाई जाने लगी।
ईद पर खास तैयारियां
ईद से पहले ही बाजारों में रौनक बढ़ जाती है। लोग नए कपड़े खरीदते हैं, घरों की सफाई करते हैं और ईद की नमाज की तैयारी करते हैं। सुबह-सुबह नहाकर साफ कपड़े पहने जाते हैं, इत्र लगाया जाता है और फिर मस्जिदों में नमाज अदा की जाती है। नमाज के बाद एक-दूसरे को गले लगाकर ईद की बधाई दी जाती है।
मीठी ईद क्यों कहते हैं?
ईद-उल-फितर को मीठी ईद इसलिए कहा जाता है क्योंकि इस दिन हर घर में मीठे पकवान बनते हैं। खासकर सेवइयां तो हर घर में जरूर बनाई जाती हैं। यह त्योहार खाने-पीने के साथ-साथ आपसी प्यार और भाईचारे का भी संदेश देता है।
फितरा
ईद सिर्फ अपनी खुशी मनाने का दिन नहीं, बल्कि जरूरतमंदों की मदद करने का भी मौका होता है। इस दिन गरीबों को फितरा दिया जाता है, जिसे ‘सदका-ए-फ़ित्र’ भी कहा जाता है। यह एक तरह का दान होता है, जिसे ईद की नमाज से पहले अदा करना जरूरी माना जाता है।
ईद की नमाज का महत्व
रमजान के पूरे महीने में मुसलमान अल्लाह की इबादत में लगे रहते हैं और रोजे रखते हैं। ईद के दिन खास नमाज अदा की जाती है, जिससे अल्लाह का शुक्रिया अदा किया जाता है। यह नमाज मस्जिदों या ईदगाह में जमात के साथ पढ़ी जाती है। इस दिन लोग गिले-शिकवे भूलकर एक-दूसरे को गले लगाते हैं और खुशी बांटते हैं। गरीबों और जरूरतमंदों की मदद करना भी ईद का अहम हिस्सा है।
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