Eid Milad Un Nabi 2024 Date: ईद-ए-मिलाद मुस्लिम समुदाय के प्रमुख त्योहारों में से एक माना जाता है। इस्लामी कैलेंडर के अनुसार, तीसरा माह रबी उल अव्वल होता है। यह इस्लामी इतिहास का सबसे महत्वपूर्ण महीना माना जाता है,क्योंकि इस महीने में पैगम्बर मोहम्मद का जन्म हुआ था। इस दिन लोग उनके जन्म का जश्न मनाते हैं और उनकी शिक्षाओं और जीवन को याद करते हैं। आइए जानते हैं इस साल कब मनाया जाएगा ईद-ए-मिलाद?
कब है ईद-ए-मिलाद 2024?
इस्लामिक कैलेंडर के मुताबिक, ईद ए मिलाद उन नबी को रबी-उल-अव्वल के 12वें दिन मनाया जाता है। बता दें कि भारत में रबीउल अव्वल का चांद 4 सितंबर 2024 को नजर आ चुका है। ऐसे में इस साल ईद-ए-मिलाद 16 सितंबर को मनाया जाएगा।
क्यों मनाते हैं ईद ए मिलाद?
इस्लाम धर्म के अनुसार, इस दिन पैगंबर मुहम्मद का साहब जन्म हुआ था। माना जाता है कि 571 ईं को सऊदी अरब के मक्का शहर में उनका जन्म हुआ था। बता दें कि मुहम्मद साहब का पूरा नाम पैगंबर हजरत मोहम्मद सल्लल्लाहु अलैहि वसल्लम है।
ईद मिलाद-उन-नबी खुशी या गम का पर्व?
बता दें कि रबी-उल-अव्वल की 12वां तारीख को ही
पैगंबर हजरत मुहम्मद साहब का जन्म हुआ था। इसके साथ ही मान्यता है कि इसी दिन पैगंबर हजरत मुहम्मद का वफ़ात हुई थी। इसी के कारण कई लोग इसे शोक के रूप में मनाते हैं।
कैसे मनाते हैं ईद-उल-मिलाद?
इस दिन अल्लाह की इबादत करते हैं। इसके साथ ही घरों को सजाने हैं और क्षेत्र में जुलूस भी निकाला जाता है। शाम के समय लोग एक-दूसरे के गले लगकर बधाई देते हैं। इसके अलावा इस दिन जरूरतमंद और गरीबों को दान देते हैं। कुछ विद्वान और कवि 13वीं सदी के अरबी सूफी बुसिरी की प्रसिद्ध कविता, कासिदा अल-बुरदा शरीफ का पाठ करके भी जश्न मनाते हैं।
पैगंबर साहब का जन्म
कहा जाता है कि पैगम्बर मोहम्मद के जन्म से पहले लोग अज्ञानता और अंधकार की स्थिति में जी रहे थे। वे अल्लाह के मार्ग से भटक रहे थे। ऐसे में अल्लाह से पैगम्बर साहब को अपना संदेशवाहक बनाकर धरती पर भेजा। ऐसे में वह जन्म के समय वे अपने साथ सत्य का संदेश, अल्लाह का संदेश, उनकी एकता का संदेश लेकर आए। इस संदेश ने लोगों को ज्ञान के मार्ग पर ले जाकर उन्हें सही और गलत के बीच अंतर करने में मदद की।
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