ईद इस्लाम धर्म का एक पवित्र पर्व है। यह पर्व दुनियाभर में शांति और अमन फैलाने का संदेश देता है। रमजान महीने के आखिरी रोजे के बाद ईद आती है जिसके सेलिब्रेशन में मुसलमानों के अलवा हिूंद और अन्य धर्मों के लोग भी शामिल होते हैं। मालूम हो कि रमजान के पूरे महीने में मुसलमानों के द्वारा रोजे रखने का मतलब केवल खुद को भूखा-प्यासा रखना नहीं होता। बल्कि, इससे जीवन में संयम और शांति धारण करने का संदेश मिलता है। रमजान मुसलमान लोगों को बुरे कर्म छोड़कर अच्छाई की ओर चलने की सीख देता है। महीनेभर रोजे रखने के बाद ईद का आना मुसलमान लोगों के लिए अल्लाह की नेमत जैसा होता है। ऐसा कह सकते हैं कि मुस्लिम लोगों को हर साल ईद का बसब्री से इंतजार रहता है।
ऐसा माना जा रहा है कि इस साल(2018) 15 मई या 16 मई को ईद पड़ सकती है। दरअसल ईद किस दिन मनाई जाएगी यह चांद के दिखने पर निर्भर करता है। यदि 14 मई(गुरुवार) को चांद दिखा तो भारत में 15 मई(शुक्रवार) को ईद सेलिब्रेट की जाएगी। इसी प्रकार से यदि 15 मई(शुक्रवार) को चांद दिखा तो हमारे यहां 16 मई(शनिवार) को ईद का जश्न मनाया जाएगा। दरअसल जिस रात को चांद का दीदार होता है उसके अगले दिन ईद मनाए जाने की परंपरा है।
Eid 2018 Date in India: जानें किस दिन होगा रमजान का आखिरी रोजा और कब मनाई जाएगी ईद
कहते हैं कि मुहम्मद साहब बड़ी ही सादगी के साथ ईद का त्यौहार मनाते थे। बताते हैं कि मुहम्मद साहब ईद के दिन एक बार बाजार में घूम रहे थे। इस दौरान उन्हें एक रोता हुआ बच्चा मिला। हजरत साहब उस बच्चे के पास गए और उसके दुखी होने का कारण पूछा। इस पर बच्चे ने उनसे कहा कि आज ईद है और उसके पास नए कपड़े तक नहीं हैं। इसके बाद मुहम्मद साहब उस बच्चे को लेकर उसके घर गए। मुहम्मद ने उस छोटे से बच्चे से कहा, “तुम कहते हो कि ईद पर तुम्हारे पास कुछ नहीं है। लेकिन देखो तुम्हारे घर तुम्हारी मां आयशा, बहन फातिमा और भाई हुसनैन हैं।” यह सुनकर वह बच्चा काफी प्रसन्न हो गया और उसे नए कपड़े व मिठाई दिलाई गई। इस प्रकार से मुहम्मद साहब ने यह साबित कर दिया कि अल्लाह की नेमत हर किसी पर होती है।