Shri Hit Premanand Govind Sharan Ji Maharaj On Ravan Dahan: हर साल आश्विन मास के शुक्ल पक्ष की दशमी तिथि को दशहरा का पर्व मनाया जाता है, जिससे विजयादशमी भी कहा जाता है। मान्यता है कि इस दिन प्रभु राम ने लंकापति रावण का वध किया था। इसी के कारण प्रतिवर्ष अधर्म पर धर्म की विजय के प्रतीक के रूप में दशहरा का पर्व मनाया जाता है और रावण दहन किया जाता है। बता दें रावण लंका का राजा था और एक अत्यंत ज्ञानी, शक्तिशाली तथा तपस्वी राक्षस माना जाता है। रावण ऋषि विश्रवा के पुत्र थे। ये ब्रह्मा जी के पुत्र पुलस्त्य के पौत्र थे। वहीं दूसरी ओर रावण की माता कैकसी थी, जो राक्षस कुल थी। ऐसे में रावण प्रकांड पंडित होने के साथ-साथ राक्षस था रावण इतना ज्यादा ज्ञानी थे कि उनसे कोई ग्रह नक्षत्र नहीं बचा था। लेकिन फिर भी वह प्रभु के हाथों से वध हुआ। रावण इतना शक्तिशाली,महाबली, विद्वान होने के बाद भी राम जी के हाथों से मार खाया। आइए जानते हैं प्रेमानंद महाराज से इसका कारण…
प्रेमानंद महाराज ने जवाब देते हुए कहा कि, पुराने समय में एक से बढ़कर एक योद्धा हुए, जिसमें रावण सबसे अधिक बलशाली और महाप्रतापी था. जिसने शिव-पार्वती समेत कैलाश पर्वत को उठाकर सबको भयभीत कर दिया। कैलाश को उठाकर 20 बार ऊपर नीचे किया। पार्वती-शिव जी से लेकर गणों को उठा लिया। रावण की उन्हीं भुजाओं और सिर को प्रभु श्रीराम ने काटकर फेंक दिया, जब रावण चरित्रहीन बन गया।
अगर बल का प्रयोग सदुपयोग कार्य में हो, सत्कार्यों सामाजिक कार्यों के लिए, राष्ट्र के नाम पर हो, तो वह बल महत्वपूर्ण हो जाता है। बिना किसी सामाजिक काम के ये बल किसी काम का नहीं होता है। एक से एक महाबली हमारे देश और दुनिया में मौजूद है। हमें चाहिए कि जितना बल हमें मिला है, तो उसे दूसरों की मदद के लिए इस्तेमाल किया जाए, दूसरों का सुख दें, दूसरों के कर्तव्यों का पालन करें, स्वयं के कर्तव्य पालन करें।
प्रेमानंद महाराज ने कहा कि रावण का वध इसलिए हुए क्योंकि इतना बल होने के बावजूद उसने दूसरों के सुख के लिए इस्तेमाल नहीं किया। बल्कि उन्हें परेशान किया, नुकसान पहुंचाया। जिसके कारण उसका ऐसा अंत हुआ। इसलिए कभी भी अपने बल का गलत इस्तेमाल न करें।
शनि गुरु बृहस्पति के नक्षत्र पूर्वाभाद्रपद में प्रवेश करेंगे। यह नक्षत्र परिवर्तन कई राशियों के लिए निर्णायक साबित हो सकता है। कुछ जातकों के लिए यह समय तरक्की और नए अवसर लेकर आएगा, तो वहीं कुछ को चुनौतियों का सामना करना पड़ सकता है। जानें 12 में से किन 3 राशि के जातकों को विशेष लाभ मिल सकता है। जानें शनि के नक्षत्र परिवर्तन का असर
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