Dussehra (Dasara) 2025 Puja Vidhi, Shubh Muhurat, Mantra, Aarti: शारदीय नवरात्रि के समापन के साथ देशभर में दशहरा (विजयादशमी) का पर्व आज पूरे उत्साह और श्रद्धा के साथ मनाया जा रहा है। यह पर्व आश्विन मास की शुक्ल पक्ष की दशमी तिथि को मनाया जाता है और यह बुराई पर अच्छाई की विजय का प्रतीक माना जाता है। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, इसी दिन भगवान श्रीराम ने लंकापति रावण का वध कर अधर्म, अहंकार और पाप का अंत किया था। इसी उपलक्ष्य में देश के विभिन्न हिस्सों में रामलीलाओं का आयोजन होता है, जिसमें भगवान राम के जीवन की लीलाओं का मंचन किया जाता है। अबूझ मुहूर्तों में से माने जाने वाले दशहरा में शुभ औप मांगलिक काम करना शुभ माना जाता है। इसके साथ ही शाम के समय रावण, कुंभकर्ण और मेघनाद के विशालकाय पुतलों का दहन कर बुराई के अंत का प्रतीक रूप से प्रदर्शन किया जाता है। जानें रावण दहन का समय, पूजा विधि, मंत्र और श्री राम की आरती…

दशहरा 2025 की तिथि और समय (Dussehra 2025 Date And Time)

दशमी तिथि प्रारंभ: 1 अक्टूबर 2025 को रात 7 बजकर 1 मिनट तक
दशमी तिथि समाप्त: 2 अक्टूबर 2025 को शाम 7 बजकर 10 मिनट पर

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दशहरा 2025 शुभ मुहूर्त (Dussehra 2025 Muhurat)

विजय मुहूर्त – 02:13 पी एम से 03:00 पी एम
अभिजीत मुहूर्त – 11:52 एएम– 12:39 पीएम
अपराह्न पूजा का समय – 01:25 पी एम से 03:48 पी एम

रावण दहन का शुभ मुहूर्त (Dussehra 2025 Ravan Dahan Muhurat)

2 अक्टूबर को शाम 6:03 से 7:10 बजे तक

दशहरा पर शस्त्र पूजा का समय  (Dussehra 2025 Shastra Puja Muhurat)

पंचांग के अनुसार, दशहरे पर शस्त्र पूजन का शुभ मुहूर्त दोपहर 2:09 बजे से 2:56 बजे तक है।

इस वर्ष दशहरा 2025 पर बन रहे शुभ योग (Dussehra 2025 Shubh Yog)

इस बार विजयदशमी पर रवि योग, नवपंचम योग, सुकर्मा, धृति और केंद्र योग जैसे कई शुभ संयोग बन रहे हैं, जो पूजा-पाठ, नए कार्यों की शुरुआत और रावण दहन के लिए अत्यंत शुभ माने जा रहे हैं। इन योगों में किया गया कार्य स्थायी और फलदायक होता है।

दशहरा 2025 पूजन विधि (Dussehra 2025 Puja Vidhi)

दशहरा के दिन प्रातःकाल ब्रह्ममुहूर्त में उठकर स्नान आदि दैनिक कार्यों से निवृत्त हों और स्वच्छ वस्त्र धारण करें। इसके बाद प्रातःकालीन सूर्य को अर्घ्य अर्पित करें। फिर अपराजिता और शमी वृक्ष की विधिपूर्वक पूजा करें। भगवान श्रीराम और हनुमान जी की पूजा करते समय उन्हें फूल, माला, सिंदूर, अक्षत, फल, मिठाई आदि अर्पित करें। घी का दीपक और धूप जलाकर मंत्र, चालीसा का पाठ करें और पूजा के अंत में आरती करें। पूजा सम्पन्न होने के बाद जाने-अनजाने हुई भूल-चूक के लिए क्षमा याचना करें।

दशहरा 2025 मंत्र  (Dussehra 2025 Mantra)

दशहरा के दिन पूजा के दौरान ‘श्री रामचन्द्राय नमः’ या ‘रामाय नमः’ मंत्र का जाप कर सकते हैं।

दशहरा का धार्मिक महत्व (Dussehra 2025 Significance)

दशहरा केवल एक उत्सव नहीं, बल्कि न्याय, धर्म और सत्य की स्थापना का पर्व है। इस दिन भगवान श्रीराम की विधिपूर्वक पूजा करना विशेष पुण्यदायक माना गया है। मान्यता है कि जो व्यक्ति विजयादशमी के दिन श्रीराम और हनुमान जी की श्रद्धापूर्वक पूजा करता है, उसे सुख, शांति और समृद्धि प्राप्त होती है। साथ ही जीवन में आने वाले संकटों, दुखों और दोषों का नाश होता है।

दशहरा पर करें श्री राम की आरती  (Dussehra 2025 Shri Ram Aarti)

आरती कीजे श्रीरामलला की । पूण निपुण धनुवेद कला की ।।
धनुष वान कर सोहत नीके । शोभा कोटि मदन मद फीके ।।
सुभग सिंहासन आप बिराजैं । वाम भाग वैदेही राजैं ।।
कर जोरे रिपुहन हनुमाना । भरत लखन सेवत बिधि नाना ।।
शिव अज नारद गुन गन गावैं । निगम नेति कह पार न पावैं ।।
नाम प्रभाव सकल जग जानैं । शेष महेश गनेस बखानैं
भगत कामतरु पूरणकामा । दया क्षमा करुना गुन धामा ।।
सुग्रीवहुँ को कपिपति कीन्हा । राज विभीषन को प्रभु दीन्हा ।।
खेल खेल महु सिंधु बधाये । लोक सकल अनुपम यश छाये ।।
दुर्गम गढ़ लंका पति मारे । सुर नर मुनि सबके भय टारे ।।
देवन थापि सुजस विस्तारे । कोटिक दीन मलीन उधारे ।।
कपि केवट खग निसचर केरे । करि करुना दुःख दोष निवेरे ।।
देत सदा दासन्ह को माना । जगतपूज भे कपि हनुमाना ।।
आरत दीन सदा सत्कारे । तिहुपुर होत राम जयकारे ।।
कौसल्यादि सकल महतारी । दशरथ आदि भगत प्रभु झारी ।।
सुर नर मुनि प्रभु गुन गन गाई । आरति करत बहुत सुख पाई ।।
धूप दीप चन्दन नैवेदा । मन दृढ़ करि नहि कवनव भेदा ।।
राम लला की आरती गावै । राम कृपा अभिमत फल पावै ।।

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