Dussehra Vijayadashami Puja Vidhi and Shubh Muhurat: हर साल दशहरा अधर्म पर धर्म की जीत के रूप में मनाया जाता है। इस दिन भगवान श्री राम ने लंकापति रावण का वध किया था और मां दुर्गा ने महिषासुर नामक राक्षस का अंत किया था। इसलिए यह पर्व विजयादशमी के नाम से भी जाना जाता है। पंचांग के अनुसार इस साल दशहरा 5 अक्टूबर दिन बुधवार को है। इस दिन कई शहरों में रावण, मेघनाथ का प्रतीकात्मक पुतला दहन किया जाता है। वहीं इस साल दशहरा पर तीन विशेष योग बन रहे हैं। जिससे इस त्याोहार का महत्व और भी बढ़ गया है। आइए जानते हैं दशहरा की तिथि, योग और शुभ मुहूर्त
जानिए दशहरा तिथि
वैदिक पंचांग के मुताबिक, दशमी तिथि 04 अक्टूबर 2022 को दोपहर 02 बजकर 21 मिनट से शुरु हो रही है, जो कि 05 अक्टूबर 2022 को दोपहर 12 बजे समाप्त हो जाएगी। इसलिए उदयातिथि को आधार मानकर दशहरा 5 अक्टूबर को ही मनाया जाएगा।
बन रहे हैं 3 विशेष योग
इस साल पंचांग के अनुसार दशहरा या विजयादशमी पर तीन शुभ योग बन रहे हैं। दशहरा के दिन रवि, सुकर्मा और धृति योग बनने से इस दिन का महत्व दोगुना हो रहा है। इन योगों का ज्योतिष में विशेष महत्व है। इन योगों में किए गए उपाय सिद्ध हो जाते हैं।
दशहरा अबूझ मुहूर्त
ज्योतिष शास्त्र के अनुसार दशहरा तिथि एक अबूझ मुहूर्त माना जाता है। मतलब इसमें बिना कोई मुहूर्त देखे, सभी शुभ कार्य किए जा सकते हैं। कोई कारोबार, प्रापर्टी या वाहन खरीद सकते हैं। लेकिन फिर भी विशेष मुहूर्त यह हैं…
विजय मुहूर्त: बुधवार, 5 अक्टूबर को दोपहर 02 बजकर 12 मिनट से लेकर 2 बजकर 53 मिनट तक
अमृत काल: बुधवार, 5 अक्टूबर सुबह 11 बजकर 32 से लेकर दोपहर 1 बजकर 3 मिनट तक
दुर्मुहूर्त: बुधवार, 5 अक्टूबर सुबह 11 बजकर 52 मिनट से लेकर 12 बजकर 39 मिनट तक
दशहरा पूजा विधि
शास्त्रों में दशहरा की पूजा दोपहर के समय करने का विधान है। आपको बता दें कि इस दिन ईशान कोण में 8 कमल की पंखुड़ियों से अष्टदल चक्र बनाएं। इसके बाद अष्टदल के बीच में अपराजिताय नमः मंत्र का जप करना चाहिए। वहीं इसके बाद मां भगवती के साथ श्री राम का चित्र या मूर्ति स्थापित करिए। अब माता को रोली, अक्षत, फूल आदि पूजा की सामग्री अर्पित करें और भोग लगाएं। इसके बाद आरती करें। साथ ही भोग सभी परिजनों में बांट दें।