नवरात्र में चारों ओर मां दुर्गा का जयकारा गूंजता हुआ नजर आ रहा है। भक्त माता की भक्ति में खोए हुए मालूम पड़ते हैं। मान्यता है कि नवरात्र में मां दुर्गा की पूजा करने से मनोकामनाएं पूरी होती हैं। आप जानते होंगे कि दुर्गा जी शक्ति की मां रूप में पूजा जाती हैं। लेकिन क्या आपको इसकी वजह मालूम है। यदि नहीं तो हम आपको इसी बारे में बताने जा रहे हैं। मालूम हो कि शक्ति का तात्पर्य ऊर्जा से है। ऐसा माना जाता है कि ऊर्जा का सही दिशा में प्रयोग होना बहुत जरूरी है। ऐसा नहीं होने पर यह ऊर्जा घातक भी हो सकती है। कहते हैं कि मां एक ऐसा शब्द है जो अपने आपमें तमाम ऊर्जा समेटे हुए है।

माना जाता है कि मां दुर्गा में ऊर्जा का भंडार है। और उनकी पूजा करने से भक्त को ऊर्जा की प्राप्ति होती है। मां दुर्गा के कुल नौ स्वरूप हैं। ये सभी रूप अपने अंदर ऊर्जा यानी कि शक्ति को समेटे हुए हैं। शक्ति साधना में मुख्य रूप से नौ देवियों की साधना, तीन महादेवियों की साधना और दश महाविद्या की साधना आदि का विशेष महत्व है। कहते हैं कि नवरात्रि में मां के इन नौ शक्ति रूपों की आराधना करने से विशेष फल की प्राप्ति होती है। इससे भक्त के जीवन में सकारात्मकता का संचार होता है।

मालूम हो कि शक्ति पूजन के बिना कोई भी देव पूजा अधूरी मानी जाती है। श्रीयंत्र पूजा शक्ति साधना का एक बड़ा ही प्रखर रूप माना जाता है। शास्त्रों में ऐसा कहा गया है कि शक्ति के बिना शिव शव हैं। इससे शक्ति की महत्ता का अंदाजा लगाया जा सकता है। योगबल विद्या में भी शक्ति का विशेष महत्व बताया गया है। कहते हैं कि शक्ति के बिना योग की सिद्धि प्राप्ति नहीं की जा सकती है। नवरात्र में शक्ति स्वरूप मां दुर्गा की पूजा बड़ी ही शुभ मानी गई है। कहते हैं कि इससे भक्तों में ऊर्जा यानी कि शक्ति का संचार होता है।