Dream Interpretation: सपने आमतौर पर हर इंंसान देखता है। वहीं कुछ सपने देखकर डर का अनुभव करता है तो कुछ सपने देखकर इंसान सुख का अनुभव करता है लेकिन आपको बता दें कि ये जरूरी नहीं कि जो सपना देखा हो उसका असल जिंदगी में भी वही मतलब हो। वहीं यहां हम आपको बताने जा रहे हैं ऐसे सपनों के बारे में जो कालसर्प और पितृदोष को दर्शाते हैं। आइए जानते हैं ये सपने कौन से हैं…
सपने में माता-पिता दुखी आए नजर
अगर आपको सपने में माता-पिता दुखी दिखाई दें तो यह एक अशुभ संकेत है। इसका मतलब है आपके पूर्वज आपसे नाराज हैं। साथ ही आने वाले दिनों में आपको कुछ नुकसान हो सकता है। साथ ही आपके परिवार में कोई अशुभ घटना हो सकती है। साथ ही आपके परिवार में कोई अशुभ घटना हो सकती है। वहीं किसी व्यक्ति का स्वास्थ्य खराब हो सकता है। वहीं अगर ये सपना आपको बार- बार आता है तो आपकी कुंडली में पितृ दोष हो सकता है।
सपने में सांप का बार- बार दिखाई देना
स्वप्न शास्त्र अनुसार यदि आपको अगर बार-बार सांप से जुड़े सपने आते हैं और सपने में सांप हमेशा आपको डस लेता है या डसने की कोशिश करता है, तो यह भी एक लक्षण है कि आपकी कुंडली में कालसर्प दोष है। साथ ही ऐसा होने पर आपको कालसर्प दोष की शांति करवानी चाहिए।
सपने में ये विचित्र चीज दिखाई देना
आपको यदि सपने में मृत लोगों का दिखना और उनका कुछ मांगना, जल में डूबना, खुद के साथ कोई दुर्घटना देखना, किसी ऊंचाई से नीचे गिरना, बार- बार दिखाई देता है। तो आपको समझ लेना चाहिए कि आपकी कुंडली में कालसर्प है और आपको कालसर्प दोष की शांति करवानी चाहिए। साथ ही उपाय करने चाहिए।
हो सकता है पितृ दोष
यदि सपने में पूर्वज नाराज होते या अत्याधिक गुस्सा करते दिखाई दें तो इसका मतलब है कि वे आपसे दुखी हैं। संभव है कि आपकी कुंडली में पितृ दोष हो। ऐसा होने से आपको पितरों को प्रसन्न करने के उपाय करने चाहिए।
पितृ दोष और कालसर्प दोष के उपाय
अगर आपकी कुंडली में कालसर्प दोष है तो आपको भगवान शिव का सोमवार को दूध और दही से अभिषेक करना चाहिए। साथ ही महामृत्युंजय मंत्र का जाप रोजाना 108 बार करना चाहिए।
वहीं अगर आपकी कुंडली में पितृ दोष है तो घर में हर अमावस्या को श्रीमद्भागवत के गजेंद्र मोक्ष अध्याय का पाठ करें। वहीं हर चतुर्दशी (अमावस्या और पूर्णिमा के एक दिन पहले) को पीपल पर दूध चढ़ाएं और भगवान विष्णु से प्रार्थना करें। साथ ही घर के आसपास पीपल के वृक्ष पर दोपहर में जल चढ़ाएं।
