Sawan 2020: श्रावण पूर्णिमा के दिन सावन का महीना खत्म हो जाता है और इसी दिन रक्षा बंधन का त्योहार भी मनाया जाता है। श्रावण मास की पूर्णिमा तिथि 03 अगस्त को है। कहा जाता है कि शिव सावन के पवित्र महीने में अपने भक्तों की सभी मनोकामनाएं पूर्ण करते हैं। इसलिए इन दिनों शिवलिंग की विशेष पूजा अर्चना की जाती है। मान्यता है कि शिव की कृपा से धन संबंधी परेशानियां भी दूर होती हैं। जानिए सावन के आखिरी दिनों में धन संबंधी बाधाओं को दूर करने के लिए क्या उपाय कर सकते हैं…

सावन के दिनों में रात 11 बजे से लेकर 12 बजे के बीच शिवलिंग के समक्ष दीपक जलाएं। दीपक जलाते समय ऊँ नम शिवाय का जाप करें। इसके अलावा रोजाना शिवलिंग पर जल, दूध और चावल चढ़ाएं। मान्यता है कि इस उपाय को करने से धन संबंधी समस्याएं दूर होती हैं।

यदि व्यवसाय में बार बार धन हानि हो रही है। तो सावन में नदी या फिर किसी तालाब के किनारे मछलियों को आटे से बनीं गोलियां खिलाएं। सावन सोमवार के दिन सुबह या फिर शाम को 11, 21, 51 और 108 बार ऊं नम: शिवाय मंत्र का जप करें। ज्‍योतिष शास्‍त्र के मुताबिक ऐसा करने से घर में लक्ष्‍मीजी का वास होता है।

शिवजी को प्रसन्न करने के लिए उनकी पूजा में जल, दूध, दही, शहद, चीनी, घी, पंचामृत, चन्दन, रोली, चावल, फूल, कलावा, वस्त्र, जनेऊ, बिल्वपत्र, दूर्वा, फल, आक, धूतूरा, कमल−गट्टा, पान, लौंग, इलायची, सुपारी, पंचमेवा, धूप और दीप का इस्तेमाल जरूर करें। इससे शिव प्रसन्न होकर अपने भक्तों की मनोकामनाएं पूर्ण करते हैं।

कहा जाता है कि सावन में शिव चालीसा का पाठ करने से समस्त बाधाएं दूर होती हैं। सावन में चीनी से शिवलिंग का अभिषेक करने से सुख और वैभव की प्राप्ति होती है। सावन में रोज 21 बिल्वपत्रों पर चंदन से ऊं नम: शिवाय लिखकर शिवलिंग पर चढ़ाने से आर्थिक संकट दूर होते हैं।

सावन के महीने में किसी भी दिन घर में पारद शिवलिंग की स्थापना करें और उसकी विधिवत पूजा करें। इसके बाद इस मंत्र का 108 बार जप करें- ऊं ऐं ह्रीं श्रीं ऊं नम: शिवाय:। प्रत्येक बार मंत्र का जाप करते हुए बिल्वपत्र चढ़ाएं। बिल्वपत्र के तीनों दलों पर लाल चंदन से क्रमश: ऐं, ह्री, श्रीं लिखें। आखिरी यानी 108 वां बिल्वपत्र शिवलिंग पर चढ़ाने के बाद उसे निकाल लें और उसकी पूजन स्थान पर रखकर प्रतिदिन पूजा करें। मान्यता है कि ऐसा करने से व्यक्ति की आमदनी में इजाफा होता है।