Shri Premanand Ji Maharaj: हिंदू धर्म में किसी की शादी-विवाह तिथि, शुभ मुहूर्त देखकर ही तय किया जाता है। इसके बाद ही इस मांगलिक बेले में शामिल होने के लिए अपने दोस्तों, रिश्तेदारों आदि को खूबसूरत कार्ड भेजते हैं। जिसमें विवाह संबंधी हर एक जानकारी दी जाती है। शादी ही नहीं बल्कि पार्टी, सोलह संस्कार आदि में भी निमंत्रण देने की परंपरा सदियों से यूहीं चली आ रही है। बस समय के साथ-साथ कार्ड की डिजाइन आदि बदलती जा रही है। ऐसे में अधिकतर घरों में शादी के कार्ड्स का जमावड़ा लग जाता है। कई लोग इन्हें ऐसे ही कूड़े में फेंक देते हैं या फिर जल में प्रवाहित कर देते हैं। लेकिन वास्तव में कार्ड को इस तरह से नष्ट करके आप कोई गलती तो नहीं कर रहे हैं। आइए जानते हैं प्रेमानंद महाराज जी से…
प्रेमानंद जी महाराज का एक वीडियो में इस बारे में जिक्र किया है कि आखिर पुराने शादी के कार्ड्स का क्या करना चाहिए। इसे बेकार समझकर फेंक देना चाहिए या फिर इसका किसी और तरह से इस्तेमाल कर लेना चाहिए। दरअसल, हिंदू धर्म में किसी भी मांगलिक कार्य शुरू करने से पहले गणेश जी की पूजा करने का विधान है। इसलिए कार्ड में गणेश जी की तस्वीर के अलावा कलश, स्वास्तिक, नारियल का चित्र बना होता है। इसके साथ कई लोग श्री राम, माता लक्ष्मी, माता सीता के साथ अन्य देवी देवता की तस्वीर या फिर नाम लिख देते हैं। जिनका पैर के नीचे आना या फिर यहां वहां फेंक देना किसी पाप से कम नहीं है।
क्या करें पुराने शादी का कार्ड का?
प्रेमानंद महाराज जी बताते हैं कि अगर आपके घर में शादी के कार्ड पड़े हैं, तो इन्हें इधर-अधर न फेंके, बल्कि आप इन्हें अग्नि में चला सकते हैं। क्योंकि अग्नि भगवान का स्वरूप माना जाता है। यह सबसे शुद्ध होती है। इसमें हवन आदि किया जाता है। इसलिए कार्ड या फिर ऐसी ही अन्य चीजें आप आग में डाल सकते हैं। अग्नि में कार्ड डालते समय मन में कामना करना चाहिए कि हे अग्नि आपको में भगवान स्वरूप मानकर ये चीजें अर्पित कर रहा हूं। इसके बाद जो भस्म बन जाए उसे आप गंगा, यमुना आदि नदियों में प्रवाहित कर सकते हैं। ऐसा करने से किसी भी प्रकार का दोष नहीं लगता है।