Diwali 2024 Puja Muhurat, Puja Vidhi Timing, Samagri List: देश के कई जगहों पर आज यानी 1 नवंबर को दिवाली मनाई जा रही है। सबसे खास बात यह है कि इस साल दो दिन अमावस्या तिथि पड़ने की वजह से दिवाली दो दिन मनाई जा रही है। इसलिए कुछ लोग आज भी दीपावली का पर्व मना रहे हैं। अगर आप भी उनमें से हैं और आज दिवाली मना रहे हैं तो ऐसे में हम आपको बताएंगे लक्ष्मी पूजन का सही शुभ मुहूर्त। आइए जानते हैं।

दिवाली पूजा का समय

दिवाली पूजा के लिए सबसे सही समय शाम 4 बजकर 49 मिनट से 6 बजकर 15 मिनट के बीच है। इस समय के दौरान पूजा करना बहुत शुभ माना जाता है। लेकिन इस बात का ध्यान रखें कि पूजा का आरंभ शाम 5 बजकर 34 मिनट से पहले कर लें। क्योंकि फिर चर लग्न का समय शुरू हो जाएगा, जो कि पूजा के लिए अच्छा नहीं माना जाता।

इस साल प्रदोष काल में पूजा करने का समय भी महत्वपूर्ण है। इस साल जैसे ही प्रदोष काल शुरू होगा, अमावस्या तिथि खत्म हो जाएगी। इसलिए, सूर्योदय के बाद 48 मिनट का समय ही पूजा के लिए उचित रहेगा। इसके अलावा, आज रात का महानिशीथ काल 10 बजकर 52 मिनट से 1 बजकर 30 मिनट तक रहेगा। इसमें शुभ चौघड़िया का समय 12 बजकर 11 मिनट से शुरू होगा। आप उस समय भी पूजा कर सकते हैं।

1 नवंबर को दिवाली पूजन का शुभ मुहूर्त

दीवाली पर पूजा का शुभ मुहूर्त शाम में 4 बजकर 49 मिनट से 6 बजकर 15 मिनट तक है। ज्योतिष के अनसुार, शाम 4 बजकर 49 मिनट से 5 बजकर 35 मिनट के बीच पूजा आरंभ करने लेना श्रेष्ठ होगा। अगर आप दुकानों पर दिवाली पूजा करना चाहते हैं, तो आज का मुहूर्त शाम 4 बजकर 14 मिनट से 5 बजकर 35 मिनट के बीच है। इस समय में पूजा करने से व्यापार में लाभ और सफलता मिल सकती है।

दिवाली पूजन सामग्री (Diwali 2024 Puja Samagri)

गणेश-लक्ष्मी जी मूर्ति, कुबेर यंत्र, चांदी का सिक्का, गणेश-लक्ष्मी जी के वस्त्र, माला, मिट्टी या पीतल का कलश, कलश ढकने के लिए ढक्कन, आम के पत्ते, ढक्कन में रखने के लिए अनाज, कमल का फूल, गुलाब के फूल, चंदन, कपूर, केसर, यज्ञोपवीत 5, कुमकुम, रंगोली बनाने के लिए आटा, चौकी, चावल, अबीर, कुमकुम, सिंदूर, गुलाल, हल्दी, सोलह श्रृंगार, रुई, सुपारी, पान के पत्ते, कमलगट्टे, धनिया साबुत, हल्दी की गांठ, सप्तमृत्तिका, सप्तधान्य, कुशा व दूर्वा, पंच मेवा, गंगाजल, शहद, शक्कर, शुद्ध घी, दही, दूध, गन्ना, सीताफल, सिंघाड़े आदि, नैवेद्य, मिठाई, छोटी इलायची, लौंग, मौली, इत्र की शीशी, तुलसी दल, सफेद कपड़ा (आधा मीटर), लाल कपड़ा (आधा मीटर), पंच रत्न (सामर्थ्य अनुसार), दीपक, अगरबत्ती, बड़े दीपक के लिए तेल, मिट्टी के दीपक, ताम्बूल (लौंग लगा पान का बीड़ा), श्रीफल (नारियल), लेखनी (कलम), बही-खाता, स्याही की दवात, खील-बताशे
गट्टे,मुरमुरे, अर्घ्य पात्र सहित अन्य सभी पात्र, जल का पात्र

डिसक्लेमर- इस लेख में दी गई किसी भी जानकारी की सटीकता या विश्वसनीयता की गारंटी नहीं है। विभिन्न माध्यमों जैसे ज्योतिषियों, पंचांग, मान्यताओं या फिर धर्मग्रंथों से संग्रहित कर ये जानकारियां आप तक पहुंचाई गई हैं। हमारा उद्देश्य महज सूचना पहुंचाना है। इसके सही और सिद्ध होने की प्रामाणिकता नहीं दे सकते हैं। इसके किसी भी तरह के उपयोग करने से पहले संबंधित विशेषज्ञ से सलाह जरूर लें।