Diwali 2024 Pujan Samagri, Saman List In Hindi: साल 2024 में दिवाली का पर्व 31 अक्टूबर को मनाया जाता है। हर साल कार्तिक मास की अमावस्या तिथि को दीपावली का पर्व मनाया जाता है। इस दिन प्रदोष काल में मां लक्ष्मी गणेश जी की पूजा-अर्चना की जाती है। इसके साथ ही पूरे घर को दीपों से सजाया जाता है। मान्यता है कि दिवाली की रात में मां लक्ष्मी धरती पर आती है। इस दिन जिस घर को साफ-सुथरा और दिए की रोशनी से जगमगाता हुए देखती हैं, तो अति प्रसन्न हो जाती है और वह ठहर जाती है। इसी के कारण दिवाली की रात लक्ष्मी पूजन का विशेष महत्व है। अगर आप भी विधिवत तरीके से लक्ष्मी पूजा करना चाहते हैं, तो पूरी पूजा सामग्री पहले से ही एकत्र कर लें। आइए जानते हैं दिवाली में लक्ष्मी पूजन की संपूर्ण सामग्री…
दिवाली 2024 लक्ष्मी पूजन मुहूर्त (Diwali 2024 Laxmi Puja Muhurat)
लक्ष्मी पूजा का निशिता मुहूर्त- 31 अक्टूबर को रात 11 बजकर 39 मिनट से देर रात 12:31 बजे तक है।
प्रदोष काल- 31 अक्टूबर को प्रदोष काल शाम 05 बजकर 36 मिनट लेकर 08 बजकर 11 मिनट तक रहेगा।
वृषभ लग्न – शाम 06 बजकर 25 मिनट से लेकर रात को 08 बजकर 20 मिनट तक रहेगा।
लक्ष्मी पूजा का सर्वश्रेष्ठ मुहूर्त
लक्ष्मी पूजन के लिए सबसे सर्वश्रेष्ठ मुहूर्त 31 अक्टूबर की शाम को 06:25 से लेकर 7:13 के बीच का समय का है। कुल मिलाकर 48 मिनट का यह मुहूर्त सर्वश्रेष्ठ रहेगा।
दिवाली पूजन सामग्री (Diwali 2024 Puja Samagri)
- गणेश-लक्ष्मी जी मूर्ति
- कुबेर यंत्र
- चांदी का सिक्का
- गणेश-लक्ष्मी जी के वस्त्र
- माला
- मिट्टी या पीतल का कलश
- कलश ढकने के लिए ढक्कन
- आम के पत्ते
- ढक्कन में रखने के लिए अनाज
- कमल का फूल
- गुलाब के फूल
- चंदन
- कपूर
- केसर
- यज्ञोपवीत 5
- कुमकुम
- रंगोली बनाने के लिए आटा
- चौकी
- चावल
- अबीर
- कुमकुम
- सिंदूर
- गुलाल
- हल्दी
- सोलह श्रृंगार
- रुई
- सुपारी
- पान के पत्ते
- कमलगट्टे
- धनिया साबुत
- हल्दी की गांठ
- सप्तमृत्तिका
- सप्तधान्य
- कुशा व दूर्वा
- पंच मेवा
- गंगाजल
- शहद
- शक्कर
- शुद्ध घी
- दही
- दूध
- गन्ना, सीताफल, सिंघाड़े आदि
- नैवेद्य
- मिठाई
- छोटी इलायची
- लौंग
- मौली
- इत्र की शीशी
- तुलसी दल
- सफेद कपड़ा (आधा मीटर)
- लाल कपड़ा (आधा मीटर)
- पंच रत्न (सामर्थ्य अनुसार)
- दीपक
- अगरबत्ती
- बड़े दीपक के लिए तेल
- मिट्टी के दीपक
- ताम्बूल (लौंग लगा पान का बीड़ा)
- श्रीफल (नारियल)
- लेखनी (कलम)
- बही-खाता, स्याही की दवात
- खील-बताशे
- गट्टे
- मुरमुरे
- अर्घ्य पात्र सहित अन्य सभी पात्र
- जल का पात्र
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