किसी भी शुभ काम को करने से पहले गणेश जी की विधिवत पूजा करने का विधान है, जिससे उस काम में किसी प्रकार का विघ्न उत्पन्न न हो। दिवाली हिंदू धर्म के प्रमुख त्योहारों में से एक है।
Ganesh Ji Ki Aarti: यहां पढ़े श्री गणेश जी की आरती लिरिक्स इन हिंदी
दिवाली के मौके पर मां लक्ष्मी के साथ-साथ भगवान गणेश की विधिवत पूजा करने का विधान है। दिवाली के दिन प्रदोष काल में माता लक्ष्मी, कुबेर भगवान के साथ -साथ भगवान गणेश की विधिवत पूजा करें और अंत में गणेश मंत्र के साथ गणेश जी की आरती अवश्य कर लें। आइए जानते हैं गणेण जी की संपूर्ण आरती…
Laxmi Ji Aarti Lyrics In Hindi: Read Here
श्री गणेश आरती (Ganesh Aarti)
जय गणेश जय गणेश, जय गणेश देवा।
माता जाकी पार्वती, पिता महादेवा॥
एक दंत दयावंत, चार भुजा धारी।
माथे सिंदूर सोहे, मूसे की सवारी॥
जय गणेश जय गणेश, जय गणेश देवा।
माता जाकी पार्वती, पिता महादेवा॥
पान चढ़े फल चढ़े, और चढ़े मेवा।
लड्डुअन का भोग लगे, संत करें सेवा॥
जय गणेश जय गणेश, जय गणेश देवा।
माता जाकी पार्वती, पिता महादेवा॥
अंधन को आंख देत, कोढ़िन को काया।
बांझन को पुत्र देत, निर्धन को माया॥
जय गणेश जय गणेश, जय गणेश देवा।
माता जाकी पार्वती, पिता महादेवा॥
‘सूर’ श्याम शरण आए, सफल कीजे सेवा।
माता जाकी पार्वती, पिता महादेवा॥
जय गणेश जय गणेश, जय गणेश देवा।
माता जाकी पार्वती, पिता महादेवा॥
दीनन की लाज रखो, शंभु सुतकारी।
कामना को पूर्ण करो, जाऊं बलिहारी॥
जय गणेश जय गणेश, जय गणेश देवा।
माता जाकी पार्वती, पिता महादेवा॥
भगवान गणेश की जय, पार्वती के लल्ला की जयो
दिवाली पर करें गणेश जी के इन मंत्रों का जाप (Ganesh Mantra)
‘ॐ श्रीं गं सौम्याय गणपतये, वरवरद सर्वजनं में वशमानाय स्वाहा।’
‘ॐ ह्रीं ग्रीं ह्रीं।’
‘ॐ गं गणपतये नम:।’
‘ॐ वक्रतुण्डाय हुं।’
‘ॐ हुं गं ग्लौं हरिद्रा गणपतये वरवरद सर्वजन हृदयं स्तम्भय स्तम्भय स्वाहा।’
‘ॐ गणेशं ऋणं छिन्धि वरेण्यं हुं नम: फट्।’
डिसक्लेमर- इस लेख में दी गई किसी भी जानकारी की सटीकता या विश्वसनीयता की गारंटी नहीं है। विभिन्न माध्यमों जैसे ज्योतिषियों, पंचांग, मान्यताओं या फिर धर्मग्रंथों से संग्रहित कर ये जानकारियां आप तक पहुंचाई गई हैं। हमारा उद्देश्य महज सूचना पहुंचाना है। इसके सही और सिद्ध होने की प्रामाणिकता नहीं दे सकते हैं। इसके किसी भी तरह के उपयोग करने से पहले संबंधित विशेषज्ञ से सलाह जरूर लें।