Diwali 2020 Laxmi Puja Vidhi, Shubh Muhurat, Samagri, Mantra, Aarti: हिंदू पंचांग के मुताबिक हर साल कार्तिक मास की कृष्ण पक्ष की अमावस्या तिथि को दिवाली मनाई जाती है। ग्रेगोरियन कैलेंडर के मुताबिक इस साल दिवाली 14 नवंबर, शनिवार यानी आज मनाई जा रही है। कहते हैं कि दिवाली की पूजा शुभ मुहूर्त में करनी चाहिए। साथ ही पूजा में विधि-विधान का भी ध्यान रखना चाहिए।
दिवाली पूजा का शुभ मुहूर्त (Diwali Puja Ka Shubh Muhurat)
14 नवंबर, शनिवार – शाम 5 बजकर 28 मिनट से 7 बजकर 24 मिनट तक।
दिवाली पूजा की सामग्री (Diwali Puja Ki Samagri)
महालक्ष्मी पूजा या दिवाली पूजा के लिए रोली, चावल, पान- सुपारी, लौंग, इलायची, धूप, कपूर, घी या तेल से भरे हुए दीपक, कलावा, नारियल, गंगाजल, गुड़, फल, फूल, मिठाई, दूर्वा, चंदन, घी, पंचामृत, मेवे, खील, बताशे, चौकी, कलश, फूलों की माला, शंख, लक्ष्मी व गणेश जी की मूर्ति, थाली, चांदी का सिक्का और 11 दीए आदि।
लक्ष्मी माता मंत्र (Laxmi Mata Mantra)
ॐ श्री श्री आये नमः।
ॐ या देवी सर्वभूतेषु लक्ष्मी रूपेण संस्थिता नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमो नमः।
ॐ श्री महालक्ष्म्यै नमः।
बीज मंत्र – श्रीं
माता महालक्ष्मी जी की आरती (Laxmi Ji Ki Aarti)
ॐ जय लक्ष्मी माता, मैया जय लक्ष्मी माता।।
तुमको निशदिन सेवत, हरि विष्णु विधाता। ॐ जय लक्ष्मी माता।।
उमा, रमा, ब्रह्माणी, तुम ही जग-माता।
सूर्य-चन्द्रमा ध्यावत, नारद ऋषि गाता। ॐ जय लक्ष्मी माता।।
दुर्गा रूप निरंजनी, सुख सम्पत्ति दाता।
जो कोई तुमको ध्यावत, ऋद्धि-सिद्धि धन पाता। ॐ जय लक्ष्मी माता।।
तुम पाताल-निवासिनि, तुम ही शुभदाता।
कर्म-प्रभाव-प्रकाशिनी, भवनिधि की त्राता। ॐ जय लक्ष्मी माता।।
जिस घर में तुम रहतीं, सब सद्गुण आता।
सब सम्भव हो जाता, मन नहीं घबराता। ॐ जय लक्ष्मी माता।।
तुम बिन यज्ञ न होते, वस्त्र न कोई पाता।
खान-पान का वैभव, सब तुमसे आता। ॐ जय लक्ष्मी माता।।
शुभ-गुण मन्दिर सुन्दर, क्षीरोदधि-जाता।
रत्न चतुर्दश तुम बिन, कोई नहीं पाता। ॐ जय लक्ष्मी माता।।
महालक्ष्मी जी की आरती, जो कोई नर गाता।
उर आनन्द समाता, पाप उतर जाता। ॐ जय लक्ष्मी माता।।
ॐ जय लक्ष्मी माता, मैया जय लक्ष्मी माता।
तुमको निशदिन सेवत, हरि विष्णु विधाता। ॐ जय लक्ष्मी माता।।