Diwali (Deepavali) 2020 Puja Vidhi, Shubh Muhurat Timings, Time, Aarti, Samagri List, Mantra: कार्तिक मास के कृष्ण पक्ष की अमावस्या तिथि के दिन दिवाली मनाई जाती है। इस साल दिवाली 14 नवंबर, शनिवार यानी आज मनाई जाएगी। इस दिन माता महालक्ष्मी की पूजा करने का विधान हैं।

दिवाली पूजा विधि (Diwali Puja Vidhi)
एक चौकी लें। उस पर लाल रंग का कपड़ा बिछाकर माता महालक्ष्मी और भगवान गणेश की प्रतिमा विराजमान करें।
ध्यान रखें कि भगवान गणेश को माता महालक्ष्मी के पास ही स्थापित करें।
अब गंगाजल के छींटों से स्थान और प्रतिमाओं पर छिड़काव करें।
दीप, धूप और अगरबत्ती जलाएं।
5 तरह के फल, 5 तरह की मिठाईयां और 5 तरह के द्रव्य अर्पित करें।
अब ‘ॐ केशवाय नमः, ॐ नारायणाय नमः, ॐ माधवाय नमः’ कहते हुए गंगाजल या साधारण जल से आचमन करें।

हाथ में जल लेकर दिवाली पूजा का संकल्प लें। संकल्प के लिए हाथ में अक्षत, फूल और जल लें। साथ ही एक रूपए का सिक्का भी लें।
अब संकल्प करें कि – मैं अमुक व्यक्ति अमुक स्थान और समय पर माता महालक्ष्मी, माता सरस्वती और भगवान गणेश की पूजा करने जा रहा हूं, जिसका मुझे शास्त्रोक्त फल प्राप्त हों।

फिर कलश पूजन करें। इसके बाद नवग्रहों का पूजन करें। हाथ में चावल और फूल लें और नवग्रह स्तोत्र का पाठ करें। अब भगवती षोडश मातृकाओं का पूजन करें।

इसके बाद लक्ष्मी चालीसा, गणेश चालीसा, लक्ष्मी स्तोत्र, गणेश स्तोत्र और कनकधारा स्तोत्र का पाठ करें।
फिर माता महालक्ष्मी के मंत्रों का जाप करें। अंत में माता महालक्ष्मी, भगवान गणेश और देवी सरस्वती की आरती करते हुए पूजा संपन्न करें।

अब भगवान को फल और मिठाईयों का भोग लगाते हुए दंडवत प्रणाम कर आरती लें।

दिवाली पूजा का शुभ मुहूर्त (Diwali Puja Ka Shubh Muhurat)
14 नवंबर, शनिवार – शाम 5 बजकर 28 मिनट से 7 बजकर 24 मिनट तक।

लक्ष्मी माता मंत्र (Laxmi Mata Mantra)
ॐ श्रीं ह्रीं श्रीं कमले कमलालये प्रसीद प्रसीद श्रीं ह्रीं श्रीं महालक्ष्म्यै नमः।।

ॐ श्री श्री आये नमः।

जय देवी जय देवी जय महालक्ष्मी।
वससी व्यापकरुपे तू स्थूलसूक्ष्मी॥

ॐ या देवी सर्वभूतेषु लक्ष्मी रूपेण संस्थिता नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमो नमः।

ॐ श्री महालक्ष्म्यै नमः। ॐ आद्यलक्ष्म्यै नम:। ॐ विद्यालक्ष्म्यै नम:। ॐ सौभाग्यलक्ष्म्यै नम:। ॐ अमृतलक्ष्म्यै नम:। ॐ कामलक्ष्म्यै नम:। ॐ सत्यलक्ष्म्यै नम:। ॐ भोगलक्ष्म्यै नम:। ॐ योगलक्ष्म्यै नम:।।