Heera Stone Ratna: हीरा शुक्र ग्रह का रत्न माना जाता है। हीरा अगर सूट कर जाए तो इसके प्रभाव से व्यक्ति का जीवन सुख और समृद्धि से भर जाता है। लेकिन क्या आप जानते हैं कि हीरा हर किसी के लिए नहीं होता। ज्योतिष अनुसार हीरा पहनने से पहले कुछ बातों की जानकारी आवश्यक है जैसे ये किसके लिए उपयोगी होता है और किसके लिए विनाशकारी साबित हो सकता है। जानिए हीरा कब, किसे और कैसे धारण करना चाहिए…

हीरा पहनने के लाभ: शुक्र ग्रह को प्रेम, सौंदर्य और वैवाहिक सुख आदि का प्रतीक माना जाता है इसलिए हीरा पहनने से वैवाहिक संबंध मजबूत होने के साथ वैभव व सुख भी प्राप्त होता है। स्त्री वर्ग से जुड़ा व्यापार जैसे आभूषण, कपड़े, कॉस्मेटिक्स आदि काम करने वालों के लिए हीरा रत्न लाभकारी माना गया है। इसके साथ ही कलात्मक क्षेत्र से जुड़े लोग जैसे फिल्म व टेलीविजन कलाकार, गायक, लेखक आदि के लिए भी हीरा शुभ होता है। जिन जातकों की कुंडली में शुक्र ग्रह शुभ प्रभाव दे रहा हो, उन्हें हीरा पहनने से लाभ मिलता है। हीरा धारण करने से आयु में वृद्धि होती है। विवाह में देरी या रुकावटें आ रही हैं तो भी ज्योतिष की सलाह से हीरा धारण किया जा सकता है। हीरा मधुमेह, मूत्र रोग, किडनी रोग और नेत्र रोगों से पीड़ित लोगों के लिए भी शुभ होता है।

हीरा पहनने के नुकसान और सावधानियां: हीरा आपकी राशि के विपरीत हो तो ये आपकी मुश्किलें बढ़ा देता है। बिना ज्योतिष सलाह के इसे न ही पहनें तो बेहतर होगा। दाग लगा या टूटा हुआ हीरा दुर्घटना की वजह बन सकता है। ध्यान रखें कि हीरे के साथ मूंगा या गोमेद न पहनें। शुक्र यदि किसी अशुभ भाव में स्थित हो तो हीरा आपके जीवन के लिए घातक होता है। इसके प्रभाव से बीमारियां, रिश्तों में दरार या अलगाव की स्थिति भी हो सकती है। जिन लोगों का मेष, सिंह, वृश्चिक, धनु व मीन लग्न है, उन्हें हीरा नहीं पहनना चाहिए। आध्यात्मिक पेशे से जुड़े हुए लोगों को भी हीरा धारण नहीं करना चाहिए। हीरे के साथ पुखराज, लहसुनिया व पन्ना नहीं पहनना चाहिए।

कितने रत्ती का व किस प्रकार हीरा रत्न धारण करना चाहिए? यदि आप शुक्र की कृपा चाहते हैं तो आपको हीरा कम से कम 0.50 से 2 कैरेट तक का धारण करना चाहिए। अंगूठी बनवाने के लिए आप चांदी की धातु का इस्तेमाल कर सकते हैं। शुक्ल पक्ष के शुक्रवार के दिन सुबह स्नान करने के बाद पांच अगरबत्ती जलाकर पूजा करें और ॐ शं शुक्राय नम: मंत्र का 108 बार जाप करें। फिर अंगूठी के ऊपर भी अगरबत्ती घुमाएं और फिर मां लक्ष्मी के चरणों से अंगूठी लगाकर उसे अनामिका या मध्यिका उंगली में धारण करें। लेकिन इससे पहले अंगूठी को गंगा जल या फिर दूध में डुबोकर रखें। ऐसा करने से उसकी सारी अशुद्धियां धुल जाएंगी और नकारात्मक भाव भी खत्म हो जाएंगे। हीरे का प्रभाव 25 दिन में दिखना शुरू हो जाएगा और इसका असर लगभग 7 वर्ष तक रहता है। फिर 7 वर्ष के पश्चात् नया हीरा धारण कर लेना चाहिए।