Dhanu Sankranti 2024: धनु संक्रांति का दिन हिंदू धर्म में बेहद खास दिन माना जाता है। वैदिक पंचांग के अनुसार, 15 दिसंबर 2024 को सूर्य देव धनु राशि में प्रवेश करेंगे और इसी राशि परिवर्तन को धनु संक्रांति के नाम से जाना जाता है। इसी दिन से खरमास भी शुरू होता है, जिसमें शादी-विवाह, सगाई, नामकरण, गृह प्रवेश जैसे सभी मांगलिक कार्य बंद हो जाते हैं। हालांकि इस समय पूजा-पाठ और दान-पुण्य करना बहुत शुभ माना जाता है। बता दें कि फिलहाल सूर्यदेव वृश्चिक राशि में गोचर कर रहे हैं और 15 दिसंबर को धनु राशि में प्रवेश कर जाएंगे। हिंदू धर्म में भगवान सूर्य को ग्रहों का राजा माना जाता है। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, अगर किसी जातक पर भगवान सूर्यदेव की कृपा बरसती है तो उसका सोया भाग्य जाग उठता है। ऐसे में धनु संक्रांति के दिन कुछ खास उपाय कर आप सूर्य देव को प्रसन्न कर सकते हैं। आइए जानते हैं धनु संक्रांति के उपाय, शुभ मुहूर्त और महत्व के बारे में।
धनु संक्रांति का पुण्यकाल
हिंदू पंचांग के अनुसार, धनु संक्रांति 15 दिसंबर 2024 को है। धनु संक्रांति का पुण्यकाल 15 दिसंबर को दोपहर 12 बजकर 16 मिनट से लेकर शाम 5 बजकर 26 मिनट तक रहेगा और धनु संक्रांति का महा पुण्य काल 15 दिसंबर को दोपहर 3 बजकर 43 मिनट से लेकर शाम 5 बजकर 26 मिनट तक रहेगा।
धनु संक्रांति उपाय
धनु संक्रांति के दिन सुबह जल्दी उठकर स्नान करें और साफ कपड़े पहनें। फिर भगवान सूर्य को जल अर्पित करें। माना जाता है कि ऐसा करने भगवान सूर्य की कृपा बरसती है। इस दिन महामृत्युंजय मंत्र का 108 बार जाप करना चाहिए। मान्यता है कि इससे आपकी परेशानियां दूर होंगी और तरक्की के रास्ते खुलेंगे। इसके साथ ही धनु संक्रांति के दिन भगवान विष्णु और माता लक्ष्मी की भी पूजा करें। ऐसा करने से घर में धन और सुख-समृद्धि बढ़ती है। यदि संभव हो तो इस दिन किसी पवित्र नदी में स्नान करें। इसके बाद जरूरतमंदों को अन्न, धन और कपड़े दान करें। ऐसा करने से पितरों का आशीर्वाद मिलता है। इस दिन गायत्री मंत्र का जाप करने से मन शांत होता है और शुभ फल मिलते हैं।
धनु संक्रांति का महत्व
धनु संक्रांति पर सूर्य देव की पूजा करने से जीवन में सकारात्मक ऊर्जा आती है। इसके अलावा इस दिन पवित्र नदियों में स्नान और दान करने से घर-परिवार पर आए संकट दूर होते हैं। इस दिन पूजा-पाठ करने से सुख-शांति और समृद्धि बढ़ती है।
हिंदू धर्म में मासिक शिवरात्रि का खास महत्व है। हिंदू पंचांग के अनुसार, हर महीने कृष्ण पक्ष की चतुर्दशी तिथि को यह व्रत रखा जाता है। मासिक शिवरात्रि के दिन भगवान शिव और माता पार्वती की पूजा की जाती है। इस व्रत को रखने से जीवन में सुख-शांति आती है और विवाह में आ रही रुकावटें दूर होती हैं।
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