Dhanteras 2025: हिंदू धर्म में धनतेरस का पर्व बहुत ही धूमधाम के साथ मनाया जाता है। हर साल धनतेरस का पर्व कार्तिक माह के कृष्ण पक्ष की त्रयोदशी तिथि को मनाया जाता है। इस साल ये पर्व 19 अक्टूबर को मनाया जा रहा है। धनतेरस का पर्व प्रत्येक घर में धन, सुख और समृद्धि के स्वागत का प्रतीक माना जाता है। इस दिन मां लक्ष्मी की पूजा का विशेष महत्व होता है। मान्यता है कि जो व्यक्ति धनतेरस के दिन मां लक्ष्मी की प्रतिमा की स्थापना कर श्रद्धा से उनकी पूजा करता है तो उसके घर में सदैव धन-धान्य, समृद्धि और सौभाग्य बना रहता है। इसके अलावा इस दिन कुबेर जी के साथ लक्ष्मी की पूजा की जाती है। इसके अलावा इस दिन सोना-चांदी, गणेश-लक्ष्मी मूर्ति के अलावा बर्तन, झाड़ू, वाहन से लेकर अन्य चीजों की खरीदारी करना शुभ माना जाता है। टैरो गुरु पूजा वर्मा से जानें धनतेरस के दिन किस तरह की मां लक्ष्मी की मूर्तियां खरीदना शुभ हो सकता है।

आज के समय में बाजारों में मां लक्ष्मी की प्रतिमाएं अनेक भव्य और आकर्षक रूपों में उपलब्ध हैं जैसे रेज़िन, पीतल (ब्रास), डस्ट मार्बल और गोल्ड प्लेटेड फिनिश। प्रत्येक सामग्री की अपनी विशिष्ट ऊर्जा और आभा होती है, जो घर के वातावरण को सकारात्मकता से भर देती है। ऐसे में जानते हैं कि घर में किस तरह की मां लक्ष्मी की मूर्ति रखना लाभकारी हो सकता है।

धनतेरस पूजा का शुभ मुहूर्त (Dhanteras 2025 Puja Muhurat)

पूजा का शुभ मुहूर्त- 18 अक्टूबर शाम 7:16 बजे से रात 8:20 बजे तक
ब्रह्म मुहूर्त- प्रातः 4:43 से 5:33 बजे तक
अभिजीत मुहूर्त- सुबह 11:43 से दोपहर 12:29 बजे तक
प्रदोष काल – शाम 05:48 से रात 08:20 बजे तक
वृषभ काल – शाम 07:16 से रात 09:11 बजे तक

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धनतेरस पर खरीदारी का मुहूर्त (Dhanteras 2025 Shoping Timing)

धनत्रयोदशी के दिन खरीदारी कै शुभ मुहूर्त – 12:18 पी एम से 19 अक्टूबर को 06:26 ए एम

धनतेरस पर खरीदें मां लक्ष्मी की ये मूर्तियां (Pic- Insta/Armonia Home Decor and Gift)

धनतेरस पर खरीदें मां लक्ष्मी की ऐसी मूर्तियां

पीतल की मूर्ति- पारंपरिकता और स्थायित्व का प्रतीक

पीतल (ब्रास) से बनी प्रतिमाएं शास्त्रों में सबसे शुभ और दीर्घायु मानी गई हैं। धातु से निर्मित मूर्तियां घर में स्थिरता, सकारात्मक ऊर्जा और समृद्धि का संचार करती हैं। धनतेरस पर पीतल की लक्ष्मी प्रतिमा लाना विशेष रूप से दीर्घकालिक समृद्धि का संकेत माना गया है। यह न केवल पूजा के लिए उपयुक्त है, बल्कि एक आदर्श शुभ उपहार भी है, जो पारिवारिक और आध्यात्मिक संबंधों को और मजबूत करता है।

डस्ट मार्बल की मूर्ति- पवित्रता और शांति का प्रतीक

डस्ट मार्बल (संगमरमर चूर्ण से बनी) प्रतिमाएं सौम्यता और पवित्रता की अनुभूति कराती हैं। इनकी शुभ्रता (सफेद आभा) मां लक्ष्मी की करुणा, शांति और दिव्यता का प्रतीक है। ऐसी प्रतिमाएं पूजास्थल या घर के किसी भी कोने को दिव्य और सौम्य बना देती हैं। इन मूर्तियों की कोमल चमक से वातावरण में शांति और आध्यात्मिकता का संचार होता है।

धनतेरस पर खरीदें मां लक्ष्मी की ये मूर्तियां (Pic- Insta/Armonia Home Decor and Gift)

गोल्ड प्लेटेड मूर्ति- ऐश्वर्य और दिव्यता का प्रतीक

गोल्ड प्लेटेड मां लक्ष्मी की प्रतिमाएं राजसी और आलौकिक आभा से परिपूर्ण होती हैं। स्वर्ण की चमक और मां की मुस्कान का संगम घर में ऐश्वर्य, समृद्धि और शुभता का संदेश लाता है। ये प्रतिमाएँ न केवल पूजा-अर्चना के लिए उपयुक्त हैं, बल्कि उपहार स्वरूप देने के लिए भी श्रेष्ठ मानी जाती हैं। धनतेरस पर इन्हें घर में लाना ऐसा माना जाता है मानो आप सर्वोच्च सौभाग्य का स्वागत कर रहे हों।

रेज़िन की मूर्ति— आधुनिकता और सौंदर्य का संगम

रेज़िन से बनी मां लक्ष्मी की मूर्तियां बेहद आकर्षक होती हैं और आधुनिक गृह-सजावट के अनुरूप एक उत्कृष्ट विकल्प मानी जाती हैं। इनकी फिनिशिंग चिकनी और कलात्मक होती है, जिससे यह पूजास्थल और लिविंग एरिया दोनों के लिए उपयुक्त हैं। रेज़िन की मूर्तियों की सबसे बड़ी खूबी यह है कि इन्हें सूक्ष्म और जटिल डिज़ाइनों में भी ढाला जा सकता है।

धनतेरस पर भगवान की मूर्तियां क्यों खरीदें?

टैरो गुरु पूजा वर्मा के अनुसार, धनतेरस के दिन देवी-देवताओं की प्रतिमाएं खरीदना अत्यंत शुभ माना जाता है। यह परंपरा न केवल धार्मिक दृष्टि से पवित्र है, बल्कि धन, स्वास्थ्य और सौभाग्य को आकर्षित करने का माध्यम भी है। यह दिन विशेष रूप से देवी लक्ष्मी और भगवान धन्वंतरि की आराधना का होता है लक्ष्मीजी समृद्धि की अधिष्ठात्री हैं, जबकि धन्वंतरि आरोग्य के देवता। एक नई और पवित्र प्रतिमा की स्थापना से घर में देवताओं का आशीर्वाद वर्षभर बना रहता है और नकारात्मक ऊर्जा दूर होती है।

दिवाली के बाद नवबंर माह में ग्रहों के राजा सूर्य राशि परिवर्तन करके वृश्चिक राशि में प्रवेश कर जाएंगे। ऐसे में मीन राशि में विराजमान शनि के साथ संयोग करके नवपंचम राजयोग का निर्माण करेंगे। इस राजयोग का निर्माण होने से 12 राशियों के जीवन में किसी न किसी तरह से प्रभाव देखने को मिलने वाला है। लेकिन इन तीन राशि के जातकों को विशेष लाभ मिल सकता है। जानें इन लकी राशियोें के बारे में

मेष राशि जुलाई से दिसंबर 2025 राशिफलवृषभ राशि जुलाई से दिसंबर 2025 राशिफल
मिथुन राशि जुलाई से दिसंबर 2025 राशिफलकर्क राशि जुलाई से दिसंबर 2025 राशिफल
सिंह राशि जुलाई से दिसंबर 2025 राशिफलकन्या राशि जुलाई से दिसंबर 2025 राशिफल
तुला राशि जुलाई से दिसंबर 2025 राशिफलवृश्चिक राशि जुलाई से दिसंबर 2025 राशिफल
धनु राशि जुलाई से दिसंबर 2025 राशिफलमकर राशि जुलाई से दिसंबर 2025 राशिफल
कुंभ राशि जुलाई से दिसंबर 2025 राशिफलमीन राशि जुलाई से दिसंबर 2025 राशिफल

डिसक्लेमर- इस लेख को विभिन्न माध्यमों जैसे ज्योतिषियों, पंचांग, मान्यताओं या फिर धर्मग्रंथों से संग्रहित कर ये जानकारियां आप तक पहुंचाई गई हैं। हमारा उद्देश्य महज सूचना पहुंचाना है। इसके सही और सिद्ध होने की प्रामाणिकता नहीं दे सकते हैं। इसके किसी भी तरह के उपयोग करने से पहले संबंधित विशेषज्ञ से सलाह जरूर लें।