Dhanteras 2025 Puja Vidhi, Shubh Muhurat, Samagri, Katha, Mantra, Aarti, LIVE Updates: पंंचांग के अनुसार, प्रतिवर्ष धनतेरस का पर्व कार्तिक माह के कृष्ण पक्ष की त्रयोदशी तिथि को मनाया जाता है। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार इस दिन भगवान धन्वंतरि का प्राकट्य हुआ था। इसी के कारण इसे धन्वंतरि जयंती के साथ-साथ धन त्रयोदशी भी कहा जाता है। धनतेरस पर मां लक्ष्मी के साथ कुबेर जी, देवता यमराज के साथ धन्वतंरि जी की पूजा की जाती है। धनतेरस के दिन सोना-चांदी के अलावा वाहन, गणेश-लक्ष्मी जी मूर्ति, बर्तन, झाड़ू, साबुत धनिया से लेकर कई चीजों की खरीदारी करना शुभ माना जाता है। मान्यता है कि इस दिन पीतल, चांदी या फिर धातु से बनी चीजें खरीदने से कई गुना अधिक शुभ फलों की प्राप्ति होती है। आइए जानते हैं धनतेरस का शुभ मुहूर्त, पूजा विधि, खरीदारी का समय, व्रत कथा, मंत्र, आरती सहित अन्य जानकारी…

शहर के अनुसार पूजा का समय धन्वंतरी आरतीधनतेरस व्रत कथामां लक्ष्मी की आरतीकुबेर देवता की आरती

धनतेरस 2025 (Dhanteras 2025 Date)

कार्तिक मास के कृष्ण पक्ष की त्रयोदशी तिथि का आरंभ 18 अक्टूबर को दोपहर 12 बजकर 20 मिनट से हो रहा है, जो 19 अक्टूबर, रविवार को दोपहर 1 बजकर 52 मिनट पर समाप्त होगी।

धनतेरस खरीदारी का शुभ मुहूर्त (Dhanteras 2025 Muhurat)

अमृत काल- सुबह 08 बजकर 50 मिनट से 10 बजकर 33 मिनट तक
अभिजित मुहूर्त- दोपहर 12 बजकर 01 मिनट से लेकर दोपहर 12 बजकर 48 मिनट तक
लाभ-उन्नति चौघड़िया मुहूर्त- दोपहर 01 बजकर 51 मिनट से लेकर दोपहर 03 बजकर 18 मिनट तक

Live Updates
21:59 (IST) 18 Oct 2025

दिवाली पर इन राशियों की चमक सकती है किस्मत (Diwali horoscope 2025)

टैरो मेंटर दीपाली रावतानी के अनुसार सामूहिक ऊर्जा के रूप में The Star और The Sun कार्ड यह संकेत देते हैं कि इस दीवाली, उम्मीद और उजाला एक हो रहे हैं। जीवन के वे हिस्से जो पहले धुंधले लगते थे, अब स्पष्ट हो रहे हैं। ब्रह्मांड आपको यह याद दिला रहा है कि आपकी कहानी में अभी बहुत प्रकाश बाकी है। आपके भीतर जो विश्वास दोबारा जन्म ले रहा है, वही अब आशीर्वादों को आपकी ओर खींचेगा। आपने जो खोया, वह केवल उस चीज़ के लिए जगह बना रहा था जो वास्तव में आपके लिए नियत थी।

Diwali Tarot Cards: दिवाली पर इन राशियों का चमकेगा भाग्य, अप्रत्याशित धन लाभ के योग,जानें टैरो कार्ड से

21:50 (IST) 18 Oct 2025

Dhanvantari Aarti Lyrics in Hindi: जय जय धन्वंतरि देवा, जय जय धन्वंतरि देवा

जय धन्वंतरि देवा, जय जय धन्वंतरि देवा।

जरा-रोग से पीड़ित, जन-जन सुख देवा।।

जय धन्वंतरि देवा, जय धन्वंतरि जी देवा।।

तुम समुद्र से निकले, अमृत कलश लिए।

देवासुर के संकट आकर दूर किए।।

जय धन्वंतरि देवा, जय जय धन्वंतरि देवा।।

आयुर्वेद बनाया, जग में फैलाया।

सदा स्वस्थ रहने का, साधन बतलाया।।

जय धन्वंतरि देवा, जय जय धन्वंतरि देवा।।

भुजा चार अति सुंदर, शंख सुधा धारी।

आयुर्वेद वनस्पति से शोभा भारी।।

जय धन्वंतरि देवा, जय जय धन्वंतरि देवा।।

तुम को जो नित ध्यावे, रोग नहीं आवे।

असाध्य रोग भी उसका, निश्चय मिट जावे।।

जय धन्वंतरि देवा, जय जय धन्वंतरि देवा।।

हाथ जोड़कर प्रभुजी, दास खड़ा तेरा।

वैद्य-समाज तुम्हारे चरणों का घेरा।।

जय धन्वंतरि देवा, जय जय धन्वंतरि देवा।।

धन्वंतरिजी की आरती जो कोई नर गावे।

रोग-शोक न आए, सुख-समृद्धि पावे।।

जय धन्वंतरि देवा, जय जय धन्वंतरि देवा।।

Dhanvantari Aarti Lyrics in Hindi: जय जय धन्वंतरि देवा, जय जय धन्वंतरि देवा…धनतेरस पर पढ़ें धन्वंतरि भगवान की ये आरती

21:15 (IST) 18 Oct 2025

अभ्यंग स्नान का समय (Narak Chaturdashi 2025 Abhyanga Snan Muhurat)

नरक चतुर्दशी के दिन अभ्यंग स्नान का विशेष महत्व है। इस दिन सूर्योदय के पहले शरीर पर उबटन लगाया जाता है और स्नान किया जाता है। पंचांग के अनुसार, इस बार अभ्यंग स्नान का समय 20 अक्टूबर को सुबह 05 बजकर 13 मिनट से 06 बजकर 25 मिनट तक है।

Choti Diwali 2025: 19 या 20 अक्टूबर, छोटी दिवाली कब है? जानें लें पूजा विधि और दीपदान का समय

20:41 (IST) 18 Oct 2025
कब है छोटी दिवाली (Choti Diwali 2025 Date)

कार्तिक मास में कृष्ण पक्ष की चतुर्दशी को छोटी दीवाली का त्योहार मनाया जाएगा। दीवाली के एक दिन पहले यानी 19 अक्टूबर को छोटी दिवाली मनाई जाएगी।

20:38 (IST) 18 Oct 2025

धनतेरस पर कहां-कहां जलाएं दिया

पहला दिया लक्ष्मी जी, दूसरा कुबेर जी, तीसरा भगवान धन्वंतरी, चौथा आंगन, पांचवां खिड़की पर, छठा मुख्य द्वार पर, सातवां पानी के पानी के पास, आठवां रसोई घर पर, नौवां लक्ष्मी जी के प्रतीक झाड़ू के पास, दसवां तुलसी जी के पास, 11वां पीपल के पेड़ पर, 12वां छत पर और 13वां कूड़ा के पास

20:35 (IST) 18 Oct 2025

धनतेरस पर कितने दीपक जलाएं

धनतेरस पर 13 दीपक जलाना शुभ माना जाता है। इससे घर की नकारात्मकता दूर होती है और शुभ फलों की प्राप्ति होने के साथ मां लक्ष्मी प्रसन्न होती है।

18:10 (IST) 18 Oct 2025

धनतेरस की आरती (Dhanteras Ki Aarti)

जय धन्वंतरि देवा, जय जय धन्वंतरि देवा।

जरा-रोग से पीड़ित, जन-जन सुख देवा।।

जय धन्वंतरि देवा, जय धन्वंतरि जी देवा।।

तुम समुद्र से निकले, अमृत कलश लिए।

देवासुर के संकट आकर दूर किए।।

जय धन्वंतरि देवा, जय जय धन्वंतरि देवा।।

आयुर्वेद बनाया, जग में फैलाया।

सदा स्वस्थ रहने का, साधन बतलाया।।

जय धन्वंतरि देवा, जय जय धन्वंतरि देवा।।

भुजा चार अति सुंदर, शंख सुधा धारी।

आयुर्वेद वनस्पति से शोभा भारी।।

जय धन्वंतरि देवा, जय जय धन्वंतरि देवा।।

तुम को जो नित ध्यावे, रोग नहीं आवे।

असाध्य रोग भी उसका, निश्चय मिट जावे।।

जय धन्वंतरि देवा, जय जय धन्वंतरि देवा।।

हाथ जोड़कर प्रभुजी, दास खड़ा तेरा।

वैद्य-समाज तुम्हारे चरणों का घेरा।।

जय धन्वंतरि देवा, जय जय धन्वंतरि देवा।।

धन्वंतरिजी की आरती जो कोई नर गावे।

रोग-शोक न आए, सुख-समृद्धि पावे।।

जय धन्वंतरि देवा, जय जय धन्वंतरि देवा।।

17:49 (IST) 18 Oct 2025

लक्ष्मी पूजन में ध्यान रखें ये बातें (Dhanteras 2025 Laxmi Pujan)

दीपावली की रात मां लक्ष्मी की पूजा का विशेष महत्व होता है। ऐसा माना जाता है कि इस दिन यदि पूजा-विधि सही ढंग से की जाए तो देवी लक्ष्मी घर में स्थायी रूप से निवास करती हैं। पूजा करते समय कुछ बातों का ध्यान जरूर रखें। लक्ष्मी पूजन के दौरान काले या गहरे रंग के फूलों का प्रयोग न करें, बल्कि लाल या कमल के फूल अर्पित करें। मां को नमक, लहसुन और प्याज वाली चीजों का भोग नहीं लगाना चाहिए, क्योंकि यह तामसिक मानी जाती हैं। इसके अलावा पूजा स्थल के आसपास टूटे बर्तन, फटी तस्वीरें या जूते-चप्पल न रखें, क्योंकि ये नकारात्मक ऊर्जा को आकर्षित करते हैं।

17:28 (IST) 18 Oct 2025

भगवान धन्वंतरि के मंत्र (Dhanteras 2025 LIVE)

ॐ श्रीमते नमः।

ॐ सर्वाश्चर्यमयाय नमः।

ॐ सर्वेश्वराय नमः।

16:54 (IST) 18 Oct 2025

धनतेरस पूजा का शुभ मुहूर्त (Dhanteras Puja Time)

धनतेरस के दिन पूजन के लिए शुभ मुहूर्त प्रदोष काल यानी 07 बजकर 16 मिनट से लेकर 08 बजकर 20 मिनट तक है। इस दौरान आप भगवान धन्वंतरि की पूजा-अर्चना कर सकते हैं।

16:46 (IST) 18 Oct 2025

मां लक्ष्मी के मंत्र: (Maa Lakshmi Mantra)

ॐ लक्ष्म्यै नमः।

ॐ धनाय नमः।

ॐ लक्ष्मी नारायण नमः।

ॐ श्रीं ह्रीं क्लीं श्री सिद्ध लक्ष्म्यै नमः॥

16:19 (IST) 18 Oct 2025

धन्वंतरि मंत्र: (Dhanvantari Mantra)

ॐ धन्वंतरये नमः।

ॐ नमो भगवते धन्वंतरये अमृतकलश हस्ताय सर्व रोगनिवारणाय त्रिलोकनाथाय श्री महाविष्णवे नमः॥

15:51 (IST) 18 Oct 2025

धनतेरस 2025 की पूजा विधि

धनतेरस की शाम को शुभ मुहूर्त में घर के ईशान कोण (उत्तर-पूर्व दिशा) में विधिवत पूजन करें। सबसे पहले एक साफ चौकी पर लाल या पीले रंग का वस्त्र बिछाएं। उस पर भगवान गणेश, मां लक्ष्मी, भगवान धन्वंतरि और कुबेर देव की मूर्तियाँ या चित्र स्थापित करें। चौकी के पास एक जल से भरा कलश रखें और उसके ऊपर आम या अशोक के पत्ते लगाएं। इसके बाद हाथ में जल, चावल और फूल लेकर पूजा का संकल्प करें। संकल्प के बाद भगवान गणेश की पूजा आरंभ करें। उन्हें तिलक, पुष्प, दूर्वा और मिठाई अर्पित करें। इसके बाद मां लक्ष्मी, भगवान धन्वंतरि और कुबेर जी की श्रद्धा से पूजा करें और दीपक जलाकर आरोग्य, धन और समृद्धि की कामना करें।

15:12 (IST) 18 Oct 2025

धनतेरस का धार्मिक महत्व

धनतेरस के दिन धन्वंतरि भगवान, विष्णुजी, माता लक्ष्मी, कुबेर देवता और यमराज की पूजा करने का महत्व होता है। धनतेरस के दिन बर्तन, चांदी, सोना, झाड़ू आदि खरीदना बेहद शुभ माना गया है। शास्त्रों के अनुसार भगवान धन्वंतरि की पूजा उपासना करने से आरोग्य की प्राप्ति होती है और व्यक्ति ऊर्जावान रहता है।

15:04 (IST) 18 Oct 2025

धनतेरस 2025 शुभ चौघड़िया मुहूर्त (Dhanteras 2025 Choghadiya Muhurat)

दिन का चौघड़िया

शुभ-उत्तम- 07:51 ए एम से 09:17 ए एम

लाभ-उन्नति- 01:36 पी एम से 03:02 पी एम

अमृत-सर्वोत्तम- 03:02 पी एम से 04:28 पी एम

रात्रि का चौघड़िया

लाभ-उन्नति- 05:54 पी एम से 07:28 पी एम

शुभ – उत्तम- 09:02 पी एम से 10:36 पी एम

अमृत – सर्वोत्तम- 10:36 पी एम से 19 अक्टूबर को सुबह 12:10 तक

लाभ – उन्नति– 04:52 ए एम से 19 अक्टूबर को 06:26 ए एम

12:48 (IST) 18 Oct 2025

धनतेरस पर वाहन खरीदने का शुभ मुहूर्त (Dhanteras 2025 Vehicle Buying Muhurat)

सुबह: 7:49 AM बजे से 9:15 AM बजे तक

दोपहर: 1:32 PM बजे से 4:23 PM बजे तक

शाम: 6:36 PM बजे से रात 8:32 PM बजे तक

12:39 (IST) 18 Oct 2025

धनतेरस पूजा का शुभ मुहूर्त (Dhanteras Puja Ka Shubh Muhurat)

धनतेरस के दिन पूजन के लिए शुभ मुहूर्त प्रदोष काल यानी 07 बजकर 16 मिनट से लेकर 08 बजकर 20 मिनट तक है। इस दौरान आप भगवान धन्वंतरि की पूजा-अर्चना कर सकते हैं।

12:27 (IST) 18 Oct 2025

धनतेरस पर सोना-चांदी खरीदने का मुहूर्त (Dhanteras 2025 Gold-silver Purchase Timing)

धनत्रयोदशी के दिन सोना खरीदने का शुभ मुहूर्त – 12:18 पी एम से 19 अक्टूबर को 06:26 ए एम

12:07 (IST) 18 Oct 2025

कुबेर जी की आरती (Kuber Devta Ki Aarti Lyrics in Hindi)

ॐ जय यक्ष कुबेर हरे,

स्वामी जय यक्ष जय यक्ष कुबेर हरे।

शरण पड़े भगतों के,

भण्डार कुबेर भरे।

॥ ॐ जय यक्ष कुबेर हरे…॥

शिव भक्तों में भक्त कुबेर बड़े,

स्वामी भक्त कुबेर बड़े।

दैत्य दानव मानव से,

कई-कई युद्ध लड़े ॥

॥ ॐ जय यक्ष कुबेर हरे…॥

स्वर्ण सिंहासन बैठे,

सिर पर छत्र फिरे,

स्वामी सिर पर छत्र फिरे।

योगिनी मंगल गावैं,

सब जय जय कार करैं॥

॥ ॐ जय यक्ष कुबेर हरे…॥

गदा त्रिशूल हाथ में,

शस्त्र बहुत धरे,

स्वामी शस्त्र बहुत धरे।

दुख भय संकट मोचन,

धनुष टंकार करे॥

॥ ॐ जय यक्ष कुबेर हरे…॥

भांति भांति के व्यंजन बहुत बने,

स्वामी व्यंजन बहुत बने।

मोहन भोग लगावैं,

साथ में उड़द चने॥

॥ ॐ जय यक्ष कुबेर हरे…॥

यक्ष कुबेर जी की आरती,

जो कोई नर गावे,

स्वामी जो कोई नर गावे ।

कहत प्रेमपाल स्वामी,

मनवांछित फल पावे।

॥ इति श्री कुबेर आरती ॥

11:33 (IST) 18 Oct 2025

धनतेरस पूजा का शुभ मुहूर्त (Dhanteras 2025 Puja Muhurat)

पूजा का शुभ मुहूर्त- 18 अक्टूबर शाम 7:16 बजे से रात 8:20 बजे तक

ब्रह्म मुहूर्त- प्रातः 4:43 से 5:33 बजे तक

अभिजीत मुहूर्त- सुबह 11:43 से दोपहर 12:29 बजे तक

प्रदोष काल – शाम 05:48 से रात 08:20 बजे तक

वृषभ काल – शाम 07:16 से रात 09:11 बजे तक

10:49 (IST) 18 Oct 2025

Dhanteras Upay 202 (धनतेरस के उपाय)

धनतेरस के दिन 5 गोमती चक्र लें और उन पर केसर व चंदन से ‘श्रीं ह्रीं श्री’ लिखें। इसके बाद मां लक्ष्मी की विधि-विधान से पूजा करें। पूजा के पश्चात इन गोमती चक्रों को एक साफ लाल कपड़े में बांधकर अपने धन रखने के स्थान पर रख दें। ऐसा करने से धन वृद्धि के योग बनते हैं और मां लक्ष्मी की कृपा सदा बनी रहती है।

10:19 (IST) 18 Oct 2025

भगवान धन्वंतरि के मंत्र

ॐ धन्वंतराये नमः।।

भगवान धन्वंतरि को प्रसन्न करके आरोग्य प्राप्त करने का मंत्र :

ॐ नमो भगवते महासुर्शनाय वासुदेवाय धन्वंतरायेः

अमृतकलश हस्ताय सर्व भयविनाशाय सर्व रोगनिवारणाय।

त्रिलोकपथाय त्रिलोकनाथाय श्रीमहाविष्णुस्वरूप

श्री धन्वंतरि स्वरूप श्री श्री श्री औषणचक्र नारायणाय नमः।।

10:11 (IST) 18 Oct 2025

धन्वंतरिजी की आरती लिरिक्स (Dhanvantari Ji Ki Aarti Lyrics)

जय धन्वंतरि देवा, जय धन्वंतरि जी देवा।

जरा-रोग से पीड़ित, जन-जन सुख देवा।।जय धन्वं.।।

तुम समुद्र से निकले, अमृत कलश लिए।

देवासुर के संकट आकर दूर किए।।जय धन्वं.।।

आयुर्वेद बनाया, जग में फैलाया।

सदा स्वस्थ रहने का, साधन बतलाया।।जय धन्वं.।।

भुजा चार अति सुंदर, शंख सुधा धारी।

आयुर्वेद वनस्पति से शोभा भारी।।जय धन्वं.।।

तुम को जो नित ध्यावे, रोग नहीं आवे।

असाध्य रोग भी उसका, निश्चय मिट जावे।।जय धन्वं.।।

हाथ जोड़कर प्रभुजी, दास खड़ा तेरा।

वैद्य-समाज तुम्हारे चरणों का घेरा।।जय धन्वं.।।

धन्वंतरिजी की आरती जो कोई नर गावे।

रोग-शोक न आए, सुख-समृद्धि पावे।।जय धन्वं.।।

09:47 (IST) 18 Oct 2025

मां लक्ष्मी चालीसा

॥लक्ष्मी चालीसा॥

॥ दोहा ॥

मातु लक्ष्मी करि कृपा,करो हृदय में वास।

मनोकामना सिद्ध करि,परुवहु मेरी आस॥

॥ सोरठा ॥

यही मोर अरदास,हाथ जोड़ विनती करुं।

सब विधि करौ सुवास,जय जननि जगदम्बिका।

॥ चौपाई ॥

सिन्धु सुता मैं सुमिरौ तोही। ज्ञान, बुद्धि, विद्या दो मोही॥

तुम समान नहिं कोई उपकारी। सब विधि पुरवहु आस हमारी॥

जय जय जगत जननि जगदम्बा। सबकी तुम ही हो अवलम्बा॥

तुम ही हो सब घट घट वासी। विनती यही हमारी खासी॥

जगजननी जय सिन्धु कुमारी। दीनन की तुम हो हितकारी॥

विनवौं नित्य तुमहिं महारानी। कृपा करौ जग जननि भवानी॥

केहि विधि स्तुति करौं तिहारी। सुधि लीजै अपराध बिसारी॥

कृपा दृष्टि चितववो मम ओरी। जगजननी विनती सुन मोरी॥

ज्ञान बुद्धि जय सुख की दाता।संकट हरो हमारी माता॥

क्षीरसिन्धु जब विष्णु मथायो। चौदह रत्न सिन्धु में पायो॥

चौदह रत्न में तुम सुखरासी। सेवा कियो प्रभु बनि दासी॥

जब जब जन्म जहां प्रभु लीन्हा। रुप बदल तहं सेवा कीन्हा॥

स्वयं विष्णु जब नर तनु धारा। लीन्हेउ अवधपुरी अवतारा॥

तब तुम प्रगट जनकपुर माहीं। सेवा कियो हृदय पुलकाहीं॥

अपनाया तोहि अन्तर्यामी। विश्व विदित त्रिभुवन की स्वामी॥

तुम सम प्रबल शक्ति नहीं आनी। कहं लौ महिमा कहौं बखानी॥

मन क्रम वचन करै सेवकाई। मन इच्छित वाञ्छित फल पाई॥

तजि छल कपट और चतुराई। पूजहिं विविध भाँति मनलाई॥

और हाल मैं कहौं बुझाई। जो यह पाठ करै मन लाई॥

ताको कोई कष्ट नोई। मन इच्छित पावै फल सोई॥

त्राहि त्राहि जय दुःख निवारिणि। त्रिविध ताप भव बन्धन हारिणी॥

जो चालीसा पढ़ै पढ़ावै। ध्यान लगाकर सुनै सुनावै॥

ताकौ कोई न रोग सतावै। पुत्र आदि धन सम्पत्ति पावै॥

पुत्रहीन अरु सम्पति हीना। अन्ध बधिर कोढ़ी अति दीना॥

विप्र बोलाय कै पाठ करावै। शंका दिल में कभी न लावै॥

पाठ करावै दिन चालीसा। ता पर कृपा करैं गौरीसा॥

सुख सम्पत्ति बहुत सी पावै। कमी नहीं काहू की आवै॥

बारह मास करै जो पूजा। तेहि सम धन्य और नहिं दूजा॥

प्रतिदिन पाठ करै मन माही। उन सम कोइ जग में कहुं नाहीं॥

बहुविधि क्या मैं करौं बड़ाई। लेय परीक्षा ध्यान लगाई॥

करि विश्वास करै व्रत नेमा। होय सिद्ध उपजै उर प्रेमा॥

जय जय जय लक्ष्मी भवानी। सब में व्यापित हो गुण खानी॥

तुम्हरो तेज प्रबल जग माहीं। तुम सम कोउ दयालु कहुं नाहिं॥

मोहि अनाथ की सुधि अब लीजै। संकट काटि भक्ति मोहि दीजै॥

भूल चूक करि क्षमा हमारी। दर्शन दजै दशा निहारी॥

बिन दर्शन व्याकुल अधिकारी। तुमहि अछत दुःख सहते भारी॥

नहिं मोहिं ज्ञान बुद्धि है तन में। सब जानत हो अपने मन में॥

रुप चतुर्भुज करके धारण। कष्ट मोर अब करहु निवारण॥

केहि प्रकार मैं करौं बड़ाई। ज्ञान बुद्धि मोहि नहिं अधिकाई॥

09:37 (IST) 18 Oct 2025

धनतेरस खरीदारी का शुभ मुहूर्त (Dhanteras 2025 Muhurat)

अमृत काल- सुबह 08 बजकर 50 मिनट से 10 बजकर 33 मिनट तक

अभिजित मुहूर्त- दोपहर 12 बजकर 01 मिनट से लेकर दोपहर 12 बजकर 48 मिनट तक

लाभ-उन्नति चौघड़िया मुहूर्त- दोपहर 01 बजकर 51 मिनट से लेकर दोपहर 03 बजकर 18 मिनट तक

09:32 (IST) 18 Oct 2025

धनतेरस 2025 (Dhanteras 2025 Date)

कार्तिक मास के कृष्ण पक्ष की त्रयोदशी तिथि का आरंभ 18 अक्टूबर को दोपहर 12 बजकर 20 मिनट से हो रहा है, जो 19 अक्टूबर, रविवार को दोपहर 1 बजकर 52 मिनट पर समाप्त होगी।

08:15 (IST) 18 Oct 2025

Dhanteras 2025 mantra: धनतेरस पर करें इन मंत्रों का जाप

ऊँ श्रीं ल्कीं महालक्ष्मी महालक्ष्मी एह्येहि सर्व सौभाग्यं देहि मे स्वाहा।।श्रीं ह्रीं क्लीं ऐं कमलवासिन्यै स्वाहा।ॐ श्रीं ह्रीं क्लीं श्री सिद्ध लक्ष्म्यै नम:लक्ष्मी नारायण नम:

08:03 (IST) 18 Oct 2025

माता लक्ष्मी की आरती लिरिक्स (Lakshmi Mata Ki Aarti Lyrics)

ॐ जय लक्ष्मी माता, मैया जय लक्ष्मी माता

तुमको निशदिन सेवत, हरि विष्णु विधाताॐ जय लक्ष्मी माता-2

उमा, रमा, ब्रह्माणी, तुम ही जग-माता

सूर्य-चन्द्रमा ध्यावत, नारद ऋषि गाता

ॐ जय लक्ष्मी माता-2

दुर्गा रूप निरंजनी, सुख सम्पत्ति दाता

जो कोई तुमको ध्यावत, ऋद्धि-सिद्धि धन पाता

ॐ जय लक्ष्मी माता-2

तुम पाताल-निवासिनि, तुम ही शुभदाता

कर्म-प्रभाव-प्रकाशिनी, भवनिधि की त्राता

ॐ जय लक्ष्मी माता-2

जिस घर में तुम रहतीं, सब सद्गुण आता

सब सम्भव हो जाता, मन नहीं घबराता

ॐ जय लक्ष्मी माता-2

तुम बिन यज्ञ न होते, वस्त्र न कोई पाता

खान-पान का वैभव, सब तुमसे आता

ॐ जय लक्ष्मी माता-2

शुभ-गुण मन्दिर सुन्दर, क्षीरोदधि-जाता

रत्न चतुर्दश तुम बिन, कोई नहीं पाता

ॐ जय लक्ष्मी माता-2

महालक्ष्मीजी की आरती, जो कोई नर गाता

उर आनन्द समाता, पाप उतर जाता

ॐ जय लक्ष्मी माता-2

ॐ जय लक्ष्मी माता, मैया जय लक्ष्मी माता

तुमको निशदिन सेवत,मैया जी को निशदिन सेवत हरि विष्णु विधाता

ॐ जय लक्ष्मी माता-2

07:30 (IST) 18 Oct 2025

गणेश आरती (Ganesh Ji Ki Aarti)

जय गणेश, जय गणेश, जय गणेश देवा

माता जाकी पार्वती, पिता महादेवा.

एकदन्त दयावन्त, चार भुजाधारी

माथे पर तिलक सोहे, मूसे की सवारी.

पान चढ़े फूल चढ़े, और चढ़े मेवा

.लड्डुअन का भोग लगे, सन्त करें सेवा.

जय गणेश, जय गणेश, जय गणेश देवा.

माता जाकी पार्वती, पिता महादेवा.

अँधे को आँख देत, कोढ़िन को काया.

बाँझन को पुत्र देत,निर्धन को माया.

सूर श्याम शरण आए, सफल कीजे सेवा.

माता जाकी पार्वती, पिता महादेवा.

दीनन की लाज राखो, शम्भु सुतवारी.

कामना को पूर्ण करो, जग बलिहारी.

जय गणेश, जय गणेश, जय गणेश देवा.माता जाकी पार्वती, पिता महादेवा.

07:15 (IST) 18 Oct 2025

Dhanteras 2025 Citywise Muhurat: शहर अनुसार सोना-चांदी मुहूर्त

नई दिल्ली शाम 7:16 से 8:20 बजे तक

गुड़गांव शाम 7:17 से 8:20 बजे तक

जयपुर शाम 7:24 से 8:26 बजे तक

कोलकाता शाम 6:41 से 7:38 बजे तक

पुणे शाम 7:46 से 8:38 बजे तक

चेन्नई शाम 7:28 से 8:15 बजे तक

नोएडा शाम 7:15 से 8:19 बजे तक

अहमदाबाद शाम 7:44 से 8:41 बजे तक

बेंगलुरु शाम 7:39 से 8:25 बजे तकमुंबई

शाम 7:49 से 8:41 बजे तक

चंडीगढ़ शाम 7:14 से 8:20 बजे तक

हैदराबाद शाम 7:29 से 8:20 बजे तक

लखनऊ शाम 07:05 बजे से रात 08:08 बजे तक