हिंदू धर्म में धनतेरस का विशेष महत्व है। इस साल धनतेरस का पर्व 29 अक्टूबर यानी कि आज है। आपको बता दें कि इस दिन कुबेर महराज भगवान की पूजा का विधान है। वहीं कुबेर महाराज को सभी देवताओं का कोषाध्यक्ष कहा जाता है। धार्मिक मान्यता है कि धन की देवी लक्ष्मी ने धन संबंधी कार्यों का लेखा-जोखा भगवान कुबेर को सौंप रखा है। इसलिए मान्यता है जो व्यक्ति कुबेर देवता की सच्चे मन से आराधना करता है,उसकी सभी मुराद पूरी होती हैं। आइए जानते हैं कुबेर भगवान की आरती और मंत्र…
Kuber Ji Ki Aarti: यहां पढ़े कुबेर जी की आरती लिरिक्स इन हिंदी
कुबेर जी की आरती
ॐ जय यक्ष कुबेर हरे,
स्वामी जय यक्ष जय यक्ष कुबेर हरे।
शरण पड़े भगतों के,
भण्डार कुबेर भरे।
॥ ॐ जय यक्ष कुबेर हरे…॥
शिव भक्तों में भक्त कुबेर बड़े,
स्वामी भक्त कुबेर बड़े।
दैत्य दानव मानव से,
कई-कई युद्ध लड़े ॥
॥ ॐ जय यक्ष कुबेर हरे…॥
स्वर्ण सिंहासन बैठे,
सिर पर छत्र फिरे,
स्वामी सिर पर छत्र फिरे।
योगिनी मंगल गावैं,
सब जय जय कार करैं॥
॥ ॐ जय यक्ष कुबेर हरे…॥
गदा त्रिशूल हाथ में,
शस्त्र बहुत धरे,
स्वामी शस्त्र बहुत धरे।
दुख भय संकट मोचन,
धनुष टंकार करे॥
॥ ॐ जय यक्ष कुबेर हरे…॥
भांति भांति के व्यंजन बहुत बने,
स्वामी व्यंजन बहुत बने।
मोहन भोग लगावैं,
साथ में उड़द चने॥
॥ ॐ जय यक्ष कुबेर हरे…॥
यक्ष कुबेर जी की आरती,
जो कोई नर गावे,
स्वामी जो कोई नर गावे ।
कहत प्रेमपाल स्वामी,
मनवांछित फल पावे।
॥ इति श्री कुबेर आरती ॥
कुबेर देव को आहुति देने के लिए इस मंत्र का प्रयोग करें।
जपतामुं महामन्त्रं होमकार्यो दिने दिने
दशसंख्य: कुबेरस्य मनुनेध्मैर्वटोद्भवै
कुबेर जी के मंत्र
भगवान कुबेर का अमोघ मंत्र
ॐ यक्षाय कुबेराय वैश्रवणाय धनधान्याधिपतये
धनधान्यसमृद्धिं मे देहि दापय स्वाहा॥
अष्ट लक्ष्मी कुबेर मंत्र
ॐ ह्रीं श्रीं क्रीं श्रीं कुबेराय अष्ट-लक्ष्मी मम गृहे धनं पुरय पुरय नमः॥
धन प्राप्ति के लिए कुबेर मंत्र
ॐ श्रीं ह्रीं क्लीं श्रीं क्लीं वित्तेश्वराय नमः॥