शास्त्रों में धनतेरस त्योहार का विशेष महत्व बताया गया है। पंचांग के अनुसार यह त्योहार हर साल कार्तिक मास की कृष्ण पक्ष की त्रयोदशी तिथि को मनाया जाता है. इस त्योहार से दिवाली के पर्व की शुरुआत हो जाती है। इस दिन धन्वंतरि देव, लक्ष्मी जी और कुबेर देव की पूजा अर्चना की जाती है। साथ ही इस दिन सोना, चांदी और बर्तन खरीदना बहुत ही शुभ माना जाता है। इस साल धनतेरस का त्योहार 23 अक्टूबर को मनाया जाएगा। आइए जानते हैं शुभ मुहूर्त, पूजा विधि और महत्व…
धनतेरस तिथि
वैदिक पंचांग के अनुसार त्रयोदशी तिथि की शुरुआत 22 अक्टूबर, शनिवार को शाम 06 बजकर 01 मिनट पर होगी और 23 अक्टूबर, रविवार को शाम 06 बजकर 04 मिनट पर अंत होगा। इसलिए उदयातिथि को आधार मानते हुए धनरेरस का त्योहार 23 अक्टूबर को ही मनाया जाएगा।
धनतेरस शुभ मुहूर्त
ज्योतिष पंचांग के मुताबिक धनतेरस पूजा का शुभ मुहूर्त 23 अक्टूबर को शाम 05 बजकर 43 मिनट से 06 बजकर 06 मिनट तक रहेगा। प्रदोष काल का समय 23 अक्टूबर को शाम 5 बजकर 43 मिनट से रात 8 बजकर 17 मिनट तक रहेगा। वहीं धनतेरस का शुभ मुहूर्त लगभग 21 मिनट का रहेगा।
जानिए पूजा- विधि
इस दिन सुबह जल्दी उठकर स्नान कर लें। इसके बाद साफ- स्वच्छ कपड़े पहन लें। धनतेरस पर धन्वंतरि और कुबेर देव की पूजा का विधान है। पूजा शाम के समय शुभ मुहूर्त में ही करें। इस दिन पीतल और चांदी के बर्तन खरीदने की परंपरा है। इसलिए बाजार से कुछ न कुछ जरूर खरीदकर लाएं। इस दिन शाम के समय घर के मुख्य द्वार और आंगन में दीये जलाने चाहिए। क्योंकि धनतेरस से ही दीपावली के त्योहार की शुरुआत होती है। धनतेरस के दिन शाम के वक्त शुभ मुहूर्त में उत्तर की ओर कुबेर और धन्वंतरि की स्थापना करें। साथ ही उनको तिलक करने के बाद पुष्प, फल आदि चीजें अर्पित करें। वहीं ‘ऊं ह्रीं कुबेराय नमः’ इस मंत्र का जाप करें। भगवान धन्वंतरि को प्रसन्न करने के लिए इस दिन धन्वंतरि स्तोत्र का पाठ जरूर करें। ऐसा करने से सुख- समृद्धि की प्राप्ति होगी।
जानिए महत्व
पुराणों के अनुसार जब देवता और राक्षस समुद्र मंथन कर रहे थे तब भगवान धन्वंतरि इसी दिन अपने हाथों में अमृत का कलश लेकर प्रकट हुए थे। इसलिए इस दिन उनका पूजन किया जाता है। धनतेरस के दिन धन के देवता कुबेर की विधि-विधान से पूजा की जाती है। मान्यता है जो व्यक्ति इस दिन भगवान धन्वंतरि और कुबेर देवता की पूजा करता है। उसे धन, यश और प्रतिष्ठा की प्राप्ति होगी।