December Vrat 2022: दिसंबर में कई व्रत पड़ रहे हैं। अभी मार्गशीर्ष माह चल रहा है। यह पूजा-अर्चना और भगवान विष्णु का सबसे प्रिय महीना माना जाया है। इस माह में भगवान विष्णु की पूजा का अधिक महत्व बताया गया है।
मार्गशीर्ष माह 9 नवंबर से शुरू और 8 दिसंबर को समाप्त होगा। मान्यता के अनुसार इस माह में पड़ने वाले व्रत का अन्य माह में पड़ने वाले व्रतों से अधिक महत्व है।
3 दिसंबर को मोक्षदा एकादशी पड़ रही है। वहीं 5 दिसंबर को प्रदोष व्रत और 8 दिसंबर को मार्गशीर्ष पूर्णिमा पड़ रही है। 11 दिसंबर को संकष्टी चतुर्थी और 19 दिसंबर को सफला एकादशी का व्रत पड़ रहा है।
मोक्षदा एकादशी का महत्व (Mokshada Ekadashi 2022)
मान्यता के अनुसार इस दिन भगवान कृष्ण ने अर्जुन को गीता का ज्ञान दिया था। इसलिए इस दिन गीता जयंती भी मनाई जाती है। मार्गशीर्ष माह के शुक्ल पक्ष की एकादशी को मोक्षदा एकादशी कहते हैं। इस दिन मौन व्रत रखने की भी परंपरा है, इसलिए इसे मौनी एकादशी भी कहते हैं। इस दिन विधि विधान से भगवान विष्णु की पूजा करनी चाहिए।
प्रदोष व्रत (Pradosh Vrat 2022)
हर माह के कृष्ण पक्ष और शुक्ल पक्ष की त्रयोदशी को प्रदोष व्रत पड़ता है। इस दिन भगवान शिव और माता पार्वती की विधि-विधान से पूजा करने से सभी मनोकानाएं पूरी होने की मान्यता है।
मार्गशीर्ष पूर्णिमा (Margashirsha Purnima 2022)
मार्गशीर्ष पूर्णिमा 8 दिसंबर को पड़ रही है। इस दिन पितरों का तर्पण करने का विधान है। इस भगवान विष्णु की पूजा की जाती है। मान्यता है कि पितरों का श्राद्ध-तर्पण और दान करने से आर्थिक संकट दूर हो जाता है।
सफला एकादशी (Saphala Ekadashi 2022)
मान्यता के अनुसार सफला एकादशी का व्रत रखने से सभी कार्य पूर्ण हो जाते हैं। पौष माह के कृष्ण पक्ष की एकादशी को सफला एकादशी कहा जाता है। सभी एकादशी में इस एकादशी व्रत का अधिक महत्व और मान्यता है।
