ज्योतिष शास्त्र के अनुसार जब भी कोई ग्रह राशि परिवर्तन या किसी ग्रह के साथ युति बनाता है तो इसका सीधा प्रभाव मानव जीवन और पृथ्वी पर पड़ता है। आपको बता दें कि मंगल ग्रह की स्वराशि मेष में त्रिग्रही योग का निर्माण होने जा रहा है।

आपको बता दें कि वैदिक पंचांग के अनुसार अप्रैल के महीने में तीन बड़े ग्रह बुध, राहु और सूर्य मंगल की स्वराशि मेष में प्रवेश करने जा रहे हैं। साथ ही ये तीनों ग्रह मिलकर त्रिग्रही योग का निर्माण करेंगे। जिसमें बुध 8 अप्रैल को मेष राशि में प्रवेश कर चुके हैं। अब 12 अप्रैल को मायावी ग्रह राहु का मेष में प्रवेश होगा। इसके कुछ समय बाद 14 अप्रैल को सूर्य भी मेष राशि में गोचर कर जायेंगे। ज्योतिष अनुसार इन तीनों ग्रहों के मेष राशि में होने त्रिग्रही योग का निर्माण होगा। आइए जानते हैं इन योग से किन राशि वालों को हो फायदा हो सकता है…

मिथुन राशि: त्रिग्रही योग के निर्माण से मिथुन राशि के जातकों को अच्छा धनलाभ हो सकता है। क्योकि आपके 11वें स्थान में त्रिग्रही योग का निर्माण होगा। जिसे इनकम और लाभ स्थान कहा जाता है। इसलिए इस समय आपकी आय में बढ़ोतरी हो सकती है। साथ ही इनकम के नए- नए स्त्रोत बन सकते हैं। व्यापार मेंं निवेश के लिए यह भी यह समय अनुकूल है। इस समय आप निवेश कर सकते हैं। हालांकि यहां पर यह देखने वाली बात होगी कि राहु और सूर्य देव आपकी कुंडली में किस स्थिति में विराजमान हैं। मतलब उनकी स्थिति शुभ है या अशुभ है।

कर्क राशि: आपकी राशि से त्रिग्रही योग का निर्माण दशम स्थान में होगा, जिसे करियर और जॉब का भाव कहा जाता है। इसलिए इस समय आपको नई नौकरी का प्रस्ताव आ सकता है। साथ ही अगर आप जॉब कर रहे हैं तो आपका प्रमोशन या इंक्रीमेंट हो सकता है। वहीं व्यापार में मुनाफे के योग हैं। कारोबार में कोई नई डील भी फाइनल हो सकती है। जिससे आपको भविष्य में फायदा हो सकता है। लेकिन कुंडली में राहु और सूर्य की स्थिति देखना बहुत जरूरी है।

सिंह राशि: त्रिग्रही योग का निर्माण आपके नवम भाव में होगा, जिसे भाग्य स्थान कहा जाता है। इसलिए इस समय आपको भाग्य का पूरा साथ मिलेगा। अटके हुए काम बनेंगे। साथ ही व्यापार में आशातीत सफलता मिल सकती है। छात्रों के लिए भी इस समय किस्मत का पूरा साथ मिलेगा। मतलब वह कोई प्रतियोगी परीक्षा को पास कर सकते हैं। या कहीं एडमिशन ले सकते हैं। सिंह राशि के स्वामी सूर्य देव हैं। इसलिए कुंडली में सूर्य देव की स्थिति को देखना बहुत जरूरी है।