Chhath Sandhya Arghya Puja Timing 2021: छठ पर्व कार्तिक शुक्ल पक्ष की षष्ठी को मनाया जाता है। इस पर्व में सूर्य देव और छठी मैया की अराधना की जाती है। ये व्रत संतान की दीर्घायु और परिवार की खुशहाली के लिए रखा जाता है। व्रती 36 घंटों तक निर्जला व्रत रखकर डूबते हुए सूर्य और उगते हुए सूर्य को अर्घ्य देते हैं। मुख्य रूप से ये पर्व बिहार और उत्तर प्रदेश में मनाया जाता है। कहते हैं जो व्यक्ति सच्चे मन से छठ व्रत करता है उसकी सारी मनोकामनाएं पूर्ण हो जाती हैं। जानिए छठ पर्व कैसे मनाया जाता है?

छठ व्रत की पूजा विधि:
-छठ पर्व के दिन सुबह-सुबह स्नान कर व्रत करने का संकल्प लिया जाता है। संकल्प लेते हुए इस मंत्र को बोलना चाहिए:
ॐ अद्य अमुक गोत्रो अमुक नामाहं मम सर्व पापनक्षयपूर्वक शरीरारोग्यार्थ श्री सूर्यनारायणदेवप्रसन्नार्थ श्री सूर्यषष्ठीव्रत करिष्ये।

-इसके बाद पूरे दिन बिना खाए और बिना पानी पिए 36 घंटों का कठिन व्रत रखा जाता है। फिर शाम के समय नदी या तालाब में जातक पुन: स्नान करके डूबते हुए सूर्य को जल दिया जाता है।

-अर्घ्य देने के लिए एक बांस के सूप में केला, कुछ अन्य फल, अलोना प्रसाद, गन्ना आदि रखकर उसे पीले वस्त्र से ढक दिया जाता है। इसके बाद सूप में दीप जलाकर और सूप को हाथों में पकड़कर इस मंत्र का उच्चारण करते हुए तीन बार अस्त होते हुए सूर्य को अर्घ्य दिया जाता है। मंत्र-
ॐ एहि सूर्य सहस्त्रांशों तेजोराशे जगत्पते।
अनुकम्पया मां भक्त्या गृहाणार्घ्य दिवाकर:॥

Chhathi Maiya Aarti: जय छठी मैया ऊ जे केरवा जे फरेला खबद से…छठी मैया की आरती

छठ पूजा में क्या करें:
-छठ पूजा के दौरान साफ-सफाई का विशेष ध्यान दिया जाता है। इस दौरान साफ-सुथरे और अगर मुमकिन हो को नए कपड़े पहनकर ही छठ पूजा करनी चाहिए।
-छठ पर्व के दौरान व्रती को बिस्तर पर नहीं सोना चाहिए।
-इस दौरान सात्विक भोजन ही करें और शराब का भी सेवन न करें।
-जरूरतमंदों की सहायता करें।
-व्रती की जितना हो सके सेवा करें। उन्हें गलती से भी परेशान न करें।
-पूजन के लिए बांस के सूप का ही उपयोग करें।
-छठ का प्रसाद जितना ज्यादा हो सके बनाएं और इसे अधिक से अधिक लोगों में बांटे।

छठ पूजा में क्या न करें?
-बिना नहाये किसी भी पूजन सामग्री को हाथ न लगायें।
-प्रसाद बनाते समय नमकीन वस्तुओं को स्पर्श न करें।
-छठ मैया से अगर कोई मन्नत मांगी हो तो उसके गलती से भी भूले नहीं।
-चांदी, प्लास्टिक, स्टील या शीशे के बर्तन से सूर्य देव को अर्घ्य न दें।

छठ पूजा सूर्य अर्घ्य समय:
सूर्यास्त समय (10 नवंबर 2021)- 05:30 PM
सूर्योदय समय (11 नवंबर 2021)- 06:41 AM

(यह भी पढ़ें- छठ पर्व की इस कथा को पढ़ने से मनोकामनाएं होती हैं पूर्ण, ऐसी है मान्यता)

Live Updates
13:23 (IST) 10 Nov 2021
नई दिल्ली में यमुना बैंक के पास छठ पूजा के लिए बनाए गए तालाब

छठ पूजा में सूर्य को अर्घ्य तालाब या नदी में खड़े होकर दिया जाता है। इस दौरान व्रती का आधा शरीर पानी के अंदर होता है। इसी को देखते हुए नई दिल्ली में यमुना बैंक के पास छठ पूजा के लिए तालाब बनाया गया। देखें तस्वीरें

12:07 (IST) 10 Nov 2021
छठ पूजा सामग्री:

नए वस्त्र, बांस की दो बड़ी टोकरी या सूप, थाली, पत्ते लगे गन्ने, बांस या फिर पीतल के सूप, दूध, जल, गिलास, चावल, सिंदूर, दीपक, धूप, लोटा, पानी वाला नारियल, अदरक का हरा पौधा, नाशपाती, शकरकंदी, हल्दी, मूली, मीठा नींबू, शरीफा, केला, कुमकुम, चंदन, सुथनी, पान, सुपारी, शहद, अगरबत्ती, धूप बत्ती, कपूर, मिठाई, गुड़, चावल का आटा, गेहूं।

10:43 (IST) 10 Nov 2021
षष्ठी के दिन मनाते हैं छठ पूजा (Chhath Puja 2021):

इस दिन छठ पूजा का प्रसाद बनाया जाता है। छठ पूजा का मुख्य प्रसाद होता है ठेकुआ। इस दिन कई जगह पर चावल के लड्डू भी बनाए जाते हैं। इसके बाद सभी बनाए गए प्रसाद और फल को एक बांस की टोकरी में सजाए जाते हैं। टोकरी की पूजा की जाती है और सभी व्रती सूर्य को अर्घ देने के लिए किसी तालाब, नदियां, घाट, पर जाते हैं। वहां स्नान करके डूबते हुए सूर्य को आराधना की जाती है और अर्घ्य दिया जाता है।

09:50 (IST) 10 Nov 2021
कब मनाई जाती है छठ पूजा?

सूर्य देव की पूजा-आराधना का यह त्यौहार साल में दो बार मनाया जाता है। चैत्र शुक्ल षष्ठी को और दूसरा कार्तिक शुक्ल षष्ठी को जिसको मुख्य रूप से छठ पूजा के नाम से ही जाना जाता है। कार्तिक शुक्ल षष्ठी को मनाए जाने वाली छठ को देश भर में ज्यादा जाना जाता है।

छठ का यह त्यौहार कुल 4 दिनों तक चलने वाला त्यौहार है। छठ पर्व को कई जगह पर डाला छठ, छठी मैया, छठ, छठ पूजा, सूर्य षष्ठी पूजा इत्यादि अलग-अलग नामों से जाना जाता है।

08:44 (IST) 10 Nov 2021
छठ पूजा के दौरान इन बातों का रखें ध्यान

छठ पूजा के दिन प्याज और लहसुन खाना और छूना वर्जित माना गया है।

इस दौरान साफ़ सफाई का विशेष ध्यान रखा जाता है।

प्रसाद बनाते समय खुद कुछ भी न खाएं।

व्रत करने वाले लोगों को पहले सूर्य को अर्घ्य देने के बाद ही कुछ खाना पीना होता है।

छठ पूजा के दौरान मांसाहारी भोजन, शराब, आदि से दूरी बनाकर रखें तो ज्यादा अच्छा रहता है।

08:00 (IST) 10 Nov 2021
छठ व्रत के नियम

व्रत करने वाले लोगों को पहले सूर्य को अर्घ्य देने के बाद ही कुछ खाना पीना होता है। बिना जल चढ़ाएं पानी भी पीना गलत माना जाता है।

07:24 (IST) 10 Nov 2021
छठ व्रत का ऐसे किया जाता है पारण

छठ पूजा का अंतिम दिन होता है उषा अर्घ्य का दिन। इस दिन उगते सूर्य को अर्घ्य देने के बाद छठ व्रत का पारण कर लिया जाता है। इस दिन व्रती उगते सूरज का इंतज़ार करते हैं। सूर्य जब उगता है तब उसे अर्घ्य अर्पित की जाती है इसके बाद व्रती एक दूसरे को प्रसाद देकर बड़े बुजुर्गों का आशीर्वाद लेते हैं। आशीर्वाद लेने के बाद व्रती अपने घर आकर अदरक और पानी से अपना 36 घंटे का कठोर व्रत को खोलते हैं। व्रत खोलने के बाद स्वादिष्ट पकवान आदि खाए जाते हैं और इस तरह से छठ के इस पावन व्रत का समापन हो जाता है।

07:16 (IST) 10 Nov 2021
छठ का प्रसाद बनाते समय बरतें सावधानी

भोग बनाते समय कम से कम बात की जाती है. बोलें भी तो दूसरी तरफ घूमकर ताकि प्रसाद में मुंह का गंदा न गिरे. प्रसाद बनाने वाले लोग अंगूठी पहनकर नहीं जाते है, क्योंकि उसके अंदर भी प्रसाद का हिस्सा फंसकर बाहर जूठन तक पहुंच सकता है या नीचे गिर सकता है.

16:48 (IST) 9 Nov 2021
सूर्य को अर्घ्य देने के लिए इस मंत्र का करें उच्चारण

ऊं एहि सूर्य सहस्त्रांशों तेजोराशे जगत्पते।

अनुकम्पया मां भवत्या गृहाणार्ध्य नमोअस्तुते॥