अखंड सौभाग्य की प्राप्ति वाला व्रत हरतालिका तीज इस साल 30 अगस्त को है। हर साल ये त्योहार भाद्रपद माह के शुक्ल पक्ष की तृतीया तिथि पर मनाया जाता है। इस दिन सुहागिन महिलाएं परिवार एवं पति की आरोग्यता और सुखी जीवन के लिए अखंड निर्जल व्रत रखती हैं। वहीं कुंवारी कन्याएं भी अच्छे वर की कामना के साथ इस व्रत को रखती हैं। इस दिन मां पार्वती और भगवान शिव की विधि पूर्वक पूजा की जाती है।
वहीं यदि आपके वैवाहिक जीवन में किसी तरह की समस्या आ रही है तो आपको हरतालिका तीज व्रत के दिन ‘स्वयंवर पार्वती मंत्र’ का जाप करना चाहिए। पार्वती स्वयंवर मंत्र क्या है और इसका जाप करने की विधि क्या है, इसके बारे जनसत्ता डॉट कॉम से खास बातचीत में दिल्ली के न्यूमेरोलॉजिस्ट सिद्धार्थ एस कुमार ने विस्तार से बताया है। आइए जानते हैं…
हरतालिका तीज तिथि और मुहूर्त
पंचांग के अनुसार, भाद्रपद माह के शुक्ल पक्ष की तृतीया तिथि 29 अगस्त को दोपहर 03 बजकर 20 मिनट से शुरू होगी, जो कि अगले दिन 30 अगस्त को दोपहर 03 बजकर 33 मिनट तक रहेगी। ऐसे में उदयातिथि के आधार पर हरतालिका तीज का व्रत 30 अगस्त को रखा जाएगा।
स्वयंवर पार्वती मंत्र
ॐ ह्रीं योगिनी योगिनी योगेश्वरी योग भयंकरी सकल स्थावर जंगमस्य मुख हृदयं मम वशं आकर्षय आकर्षय नमः
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ऐसे करें स्वयंवर पार्वती मंत्र का जाप
हरतालिका तीज के दिन व्रत रखें। मां पार्वती को सुहाग का सामान चढ़ाएं और चुनरी पहनाएं। वहीं शिवलिंग पर पुष्प, अक्षत, चंदन, बेलपत्र, धतूरा, धूप और दीप आदि अर्पित करें। इसके बाद शिव जी और देवी पार्वती के समक्ष अपनी परेशानी को बताकर इसे पूरा करने की प्रार्थना करें। फिर करीब 1008 बार स्वयंवर पार्वती मंत्र का जाप करें। उसके बाद अपने मन ही मन माँ पार्वती से प्राथना करें की “हे माँ, आप मेरे दिल में वास करें और उमामहेश्वर स्त्रोत का जाप मुझसे सुनें।
स्वयंवर पार्वती मंत्र का लाभ
मान्यता है कि विवाह में आ रही बाधा दूर करने के लिए स्वयंवर पार्वती मंत्र का जाप करना बेहद लाभकारी होता है। मान्यताओं के अनुसार, ये मंत्र माता पार्वती को ऋषि दुर्वासा से प्राप्त हुआ था और इसी मंत्र से देवी पार्वती ने महादेव को प्राप्त किया था। ये मंत्र महिला को अखंड सौभाग्य के साथ ही साथ हर प्रकार की इच्छा पूर्ती करता है। इस मंत्र के प्रभाव से महिला अपने आत्मबल को जाग्रत कर पाती हैं और शरीर मौजूद सातो चक्र संतुलित हो जाते हैं और महिला को अक्षय स्वस्थ्य भी प्रदान करते हैं।