Chandra Mahadasha Effect: ज्योतिष शास्त्र अनुसार मानव जीवन पर ग्रहों और नक्षत्रों का शुभ और अशुभ दोनों तरह असर पड़ता है। साथ ही एक निश्चित अंतराल पर व्यक्ति के ऊपर नवग्रहों की दशाएं भी चलती हैं। इन दशाओं में व्यक्ति को सकारात्मक और नकारात्मक दोनों प्रकार के फल मिलते हैं। क्योंकि यह इस बात पर भी निर्भर करता है कि जिस ग्रह की आपके ऊपर दशा चल रही है वो ग्रह आपकी कुंडली में कैसा स्थित है। उसके अनुसार ही आपको फल प्राप्त होगा
यहां हम बात करने जा रहे हैं मन के कारक चंंद्र ग्रह की महादशा के बारे में, जिसका प्रभाव व्यक्ति के ऊपर 10 साल तक रहता है। साथ ही ज्योतिष मेंं चंद्र ग्रह को मन, माता, मानसिक स्थिति, मनोबल, द्रव्य वस्तुओं, यात्रा, सुख-शांति, धन-संपत्ति, रक्त, बायीं आंख, छाती आदि का कारक माना जाता है। वहीं अगर कुंडली मेंं चंद्र देव वीक या नकारात्मक स्थित हैं तो व्यक्ति को डिप्रेशन हो जाता है। साथ ही मानसिक विकार हो जाते हैं। आइए जानते हैं चंद्र की महादशा का जीवन में प्रभाव और उपाय…
अगर कुंडली में चंद्र अशुभ हो स्थित
अगर किसी व्यक्ति की कुंडली में चंद्र ग्रह नीच के या अशुभ स्थित हैं तो व्यक्ति को मानसिक रोग हो सकते हैं। साथ ही व्यक्ति को डिप्रेशन हो सकता है। वहीं व्यक्ति अत्यधित भावुक हो सकता है। साथ ही विपरीत परिस्थियों में अत्यधिक घबरा सकता है। वहीं व्यक्ति को मानसिक पीड़ा हो सकती है। साथ ही माता के सात संबंध खराब हो सकते हैं। वहीं चंद्र ग्रह की महादशा में व्यक्ति को इन विषय से संबंधित अधिक कष्ट का सामना करना पड़ सकता है।
चंद्र अगर शुभ स्थित हों तो
ज्योतिष शास्त्र अनुसार अगर चंद्र ग्रह कुंडली में शुभ विराजमान हैं मतलब अगर वह वृष राशि में स्थित हैं तो व्यक्ति मानसिक रूप से मजबूत होता है। साथ ही वह डिसीजन सही ले पाता है। वहीं उसकी कल्पना शक्ति भी मजबूत होती है। वह देखने में आकर्षक होता है। व्यक्ति माता के साथ संबंध अच्छे रहते हैं। चंद्रमा की महादशा में व्यक्ति को अच्छे फल प्राप्त होते हैं।
करें ये उपाय
1- चंद्रमा अगर कुंडली में अशुभ स्थित हो तो हर सोमवार भगवान शिव का करें रुद्राभिषेक करें।
2- चंद्र ग्रह कमजोर स्थित होने पर मां के रोज चरण स्पर्श करें।
3- सोमवार को चावल और दूध का दान करें। ऐसा करने से चंद्र ग्रह मजबूत होंगे।
4- रोज 108 बार इस मंत्र का ऊं सों सोमाय नम: जाप करें।