ज्योतिष शास्त्र के अनुसार, हर ग्रहों की स्थिति में परिवर्तन एक समय के बाद जरूर होता है। ग्रहों के राशि परिवर्तन से कई तरह के अशुभ या शुभ योगों का निर्माण होता है। ऐसे ही जब चंद्रमा और सूर्य की युति होती है, तो भी एक अशुभ योग का निर्माण होता है, जिसे ‘अमावस्या दोष’ कहा जाता है। इन दोष का जातकों के जीवन पर नकारात्मक प्रभाव पड़ता है। ऐसे में व्यक्ति के जीवन में उथल पुथल मच जाती है। वैदिक ज्योतिष शास्त्र के अनुसार, 15 मई को सुबह 11 बजकर 32 मिनट पर मेष राशि से निकलकर वृषभ राशि में प्रवेश करने वाले हैं। इसके साथ ही चंद्रमा भी 19 मई को दोपहर 1 बजकर 35 मिनट पर वृषभ राशि में प्रवेश कर रहे हैं। ऐसे में सूर्य और चंद्रमा की युति हो रही है और इन दोनों की युति से अमावस्या दोष का निर्माण हो रहा है। जानिए किन राशियों को रहना होगा सतर्क।

वैदिक ज्योतिष शास्त्र के अनुसार, अमावस्या दोष बनने से व्यक्ति को शारीरिक, मानसिक और आर्थिक समस्याओं का सामना करना पड़ता है। इस दोष के प्रभाव अत्यंत प्रबल होते हैं।

वृषभ राशि

इस राशि में द्वादश भाव में सूर्य होंगे और इसी राशि में चंद्रमा की युति से अमावस्या दोष का निर्माण हो रहा है। ऐसे में इस राशि के जातकों को थोड़ी समस्याओं का सामना करना पड़ सकता है। हर काम में किसी न किसी तरह से रुकावट आ सकती है। जीवन में कई तरह की कठिनाईयों का सामना करना पड़ सकता है। इसके साथ ही स्वास्थ्य का विशेष ख्याल रखने की जरूरत है।

तुला राशि

अमावस्या दोष का प्रभाव इस राशि के जातकों को भी थोड़ा परेशानियों का सामना करना पड़ सकता है। इस राशि के जातकों के जीवन में कई तरह के बदलाव हो सकते हैंय़ इसके साथ ही स्वास्थ्य को लेकर थोड़ा सतर्क रहने की जरूरत है, क्योंकि स्किन संबंधी, यौन संबंधी, बुखार जैसे बीमारियों का सामना करना पड़ सकता है। शत्रु आपके ऊपर हावी हो सकते हैं।

वृश्चिक राशि

इस राशि के जातकों के लिए भी अमावस्या दोष कारगर साबित नहीं हो सकता है। इस राशि के जातकों के दांपत्य जीवन पर बुरा असर पड़ सकता है। वैवाहिक जीवन में थोड़ी सी परेशानियां आ सकती है। इन राशियों को हर क्षेत्र में असफलता हासिल हो सकती है। ऐसे में मानसिक तनाव का सामना करना पड़ सकता है।