कार्तिक मास के अंतिम दिन यानी पूर्णिमा तिथि के दिन चंद्रग्रहण लगने वाला है। ग्रेगोरियन कैलेंडर के मुताबिक 30 नवंबर, सोमवार के दिन चंद्रग्रहण लगेगा।
इसी दिन कार्तिक पूर्णिमा और गुरु नानक जयंती भी मनाई जाएगी। कार्तिक पूर्णिमा और गुरु नानक जयंती की वजह से इस चंद्रग्रहण को बहुत प्रभावशाली माना जा रहा है। लेकिन आपको बता दें कि जानकारों का मानना है कि यह एक उपच्छाया चंद्रग्रहण होने वाला है यानी मानव जीवन पर इसका बहुत अधिक प्रभाव नहीं पड़ेगा।
क्यों खास है यह चंद्रग्रहण
साल 2020 में 4 चंद्रग्रहण लगने थे इनमें से 3 ग्रहण जनवरी, जून और जुलाई में लग चुके हैं जबकि अगला यानी चौथा और अंतिम चंद्रग्रहण आज 30 नवंबर, सोमवार के दिन लगेगा। माना जा रहा है कि साल का आखिरी चंद्रग्रहण दूसरे क्षितिज पर लगने वाला है इसलिए भारत में रहने वाले लोगों चंद्रग्रहण नहीं दिख पाएगा।
बताया जा रहा है कि इस बार चंद्रग्रहण उस समय लगेगा जिस समय भारत में दिन होगा और दूसरे क्षितिज पर रात होगी यानी सरल शब्दों में कहा जाए तो साल का अंतिम चंद्रग्रहण दिन में लगेगा। ज्योतिष शास्त्र के जानकारों से मिली सूचना के मुताबिक दोपहर 01 बजकर 04 मिनट पर चंद्रग्रहण का प्रभाव शुरू हो जायेगा और शाम 05 बजकर 22 मिनट तक कायम रहेगा। जबकि, इस दौरान दोपहर 03 बजकर 13 मिनट पर यह चंद्रग्रहण अपने चरम पर होगा। उपच्छाया चंद्रग्रहण का प्रभाव कुल 04 घंटे 18 मिनट और 11 सेकंड तक भारत में रहेगा।
भारत में चंद्रग्रहण नहीं दिख पाएगा लेकिन मीडिया और ऑनलाइन स्ट्रीमिंग के माध्यम से कई लोग चंद्रग्रहण का दुर्लभ नजारा देख पाएंगे। विद्वानों का मानना है कि चंद्रग्रहण को कभी भी नंगी आंखों से नहीं देखना चाहिए क्योंकि इससे ग्रहण का असर नजरों पर पड़ता है जिससे आंखों में विकार आने की संभावनाएं पैदा हो सकती है। साथ ही नेत्ररोग भी हो सकता है। इसलिए प्राचीन काल से ही चंद्रमा को नंगी आंखों से नहीं देखा जाता है।
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बता दें कि विद्वानों का मानना है कि यह एक उपच्छाया चंद्रग्रहण है। यहां उपच्छाया का अर्थ यह बताया गया है कि चंद्रमा की केवल छाया ही पृथ्वी पर आ पाएगी, इसी छाया की वजह से इस ग्रहण को उपच्छाया चंद्रग्रहण कहा जा रहा है। ज्योतिषाचार्यों का मानना है कि उपच्छाया चंद्रग्रहण का बहुत अधिक प्रभाव मानव जीवन पर नहीं पड़ता है। इसलिए ही इस ग्रहण को अधिक प्रभावशाली नहीं माना जाता है। कहते हैं कि इस प्रकार का ग्रहण देश और दुनिया पर भी ज्यादा प्रभाव नहीं डालता है।
नंगी आंखों से चंद्रग्रहण देखने को मना किया जाता है। ऐसी मान्यता है कि नंगी आंखों से चंद्रग्रहण देखने से आंखों की बीमारी लग सकती है, इसलिए प्राचीन काल से ही यह मान्यता मानी जा रही है।
जानकारों का कहना है कि इस बार चंद्रग्रहण दूसरे क्षितिज पर लगेगा इसलिए भारत में रहने वाले लोग चंद्रग्रहण नहीं देख पाएंगे। माना जा रहा है कि इस बार चंद्रग्रहण तब लगेगा जब भारत में दिन होगा यानी सरल शब्दों में कहा जाए तो साल का आखिरी चंद्रग्रहण दिन में लगने वाला है।
चंद्रग्रहण के दौरान हिंसात्मक गतिविधियां करने से बचने की कोशिश करनी चाहिए। कहा जाता है कि चंद्रग्रहण के दौरान माहौल नकारात्मक ऊर्जाओं से भरा रहता है। ऐसे में यह बहुत जरूरी हो जाता है कि स्वयं को हिंसात्मक होने से रोकने की कोशिश की जाए।
साल के अंतिम चंद्रग्रहण को इसलिए खास माना जा रहा है क्योंकि इस दिन कार्तिक पूर्णिमा और गुरु नानक जयंती हैं। साथ ही इस दिन चंद्रग्रहण दिन में लगने वाला है।
आज इस साल का आखिरी चंद्र ग्रहण वृषभ राशि में लगेगा. इसलिए वृषभ राशि के जातकों को ग्रहण के समय थोड़ी सावधानी बरतने की आवश्यकता होगी. खासकर इस दौरान स्वास्थ्य का विशेष ध्यान रखना होगा. क्योंकि इस ग्रहण का बुरा प्रभाव वृषभ राशि वालों पर सीधे पड़ेगा
चंद्र ग्रहण पूर्णिमा तिथि पर ही लगता है और आज कार्तिक माह की पूर्णिमा तिथि है। इस दिन भगवान सत्यनारायण की कथा सुनी जाती है और गरीबों को दान दिया जाता है। ग्रहण पर अपने इष्टदेव का ध्यान और चंद्र ग्रह से संबंधित मंत्र का जाप करना शुभ फलदायी होता है।
ग्रहण के समय नाखून नहीं काटने चाहिए, इसे अशुभ माना जाता है। इस दौरान सूई का इस्तेमाल भी ना करें।
बता दें कि कुल तीन तरह के चंद्र ग्रहण होते हैं। पहला पूर्ण चंद्र ग्रहण, दूसरा आंशिक चंद्र ग्रहण और तीसरा उपछाया चंद्र ग्रहण और इस बार उपछाया चंद्र ग्रहण है।
इस बार चंद्र ग्रहण एक उपछाया चंद्र ग्रहण है। इसे पेनुम्ब्रा कहते हैं। इसलिए इस ग्रहण का सूतक काल नहीं होगा। इसका कोई धार्मिक शास्त्रीय महत्व नहीं है। इसी कारण कोई मंदिर आदि बंद नहीं किए जा रहे हैं।
दोपहर 01 बजकर 04 मिनट पर चंद्रग्रहण का प्रभाव शुरू हो जायेगा और शाम 05 बजकर 22 मिनट तक कायम रहेगा। जबकि, इस दौरान दोपहर 03 बजकर 13 मिनट पर यह चंद्रग्रहण अपने चरम पर होगा। उपच्छाया चंद्रग्रहण का प्रभाव कुल 04 घंटे 18 मिनट और 11 सेकंड तक भारत में रहेगा।
इसी दिन कार्तिक पूर्णिमा और गुरु नानक जयंती भी मनाई जाएगी
बताया जा रहा है कि इस बार चंद्रग्रहण पृथ्वी के दूसरे क्षितिज पर लगेगा इसलिए भारत में चंद्रग्रहण दिखाई नहीं देगा। बताया जा रहा है कि चंद्रग्रहण के सूतक काल का समय 30 नवंबर की रात होने तक समाप्त भी हो जाएगा।
चन्द्र ग्रहण किसी भी मास की पूर्णिमा पर घटित होता हैं अतः भगवान सत्यनारायण की कथा करें।जरूरतमंद लोगों को धन और अनाज का दान करें।
विद्वानों का कहना है कि यह उपच्छाया ग्रहण (Upchhaya Chandra Grahan) है इसमें किसी विशेष ग्रह पर केवल चंद्रमा की परछाई आती है। अबकी बार चंद्रग्रहण वृष राशि और रोहिणी नक्षत्र में लगेगा। विशेषज्ञों की मानें तो अमेरिका, ऑस्ट्रेलिया, प्रशांत महासागर और एशिया में यह चंद्रग्रहण दिखाई दे सकता है।
विद्वानों का मानना है कि चंद्रग्रहण को कभी भी नंगी आंखों से नहीं देखना चाहिए क्योंकि इससे ग्रहण का असर नजरों पर पड़ता है जिससे आंखों में विकार आने की संभावनाएं पैदा हो सकती है। साथ ही नेत्ररोग भी हो सकता है। इसलिए प्राचीन काल से ही चंद्रमा को नंगी आंखों से नहीं देखा जाता है।
इसी दिन कार्तिक पूर्णिमा और गुरु नानक जयंती भी मनाई जाएगी। कार्तिक पूर्णिमा और गुरु नानक जयंती की वजह से इस चंद्रग्रहण को बहुत प्रभावशाली माना जा रहा है
बताया जा रहा है कि इस बार चंद्रग्रहण उस समय लगेगा जिस समय भारत में दिन होगा और दूसरे क्षितिज पर रात होगी यानी सरल शब्दों में कहा जाए तो साल का अंतिम चंद्रग्रहण दिन में लगने वाला है।
साल 2020 में 4 चंद्रग्रहण लगने थे इनमें से 3 ग्रहण जनवरी, जून और जुलाई में लग चुके हैं जबकि अगला यानी चौथा और अंतिम चंद्रग्रहण 30 नवंबर, सोमवार के दिन लगेगा। माना जा रहा है कि साल का आखिरी चंद्रग्रहण दूसरे क्षितिज पर लगने वाला है इसलिए भारत में रहने वाले लोगों चंद्रग्रहण नहीं दिख पाएगा।
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भारत में दोपहर 01 बजकर 04 मिनट पर शुरू हो जायेगा और शाम 5 बजकर 22 मिनट तक रहेगा। जबकि, दोपहर 03 बजकर 13 मिनट पर यह चंद्रग्रहण चरम पर होगा। उपछाया चंद्रग्रहण का प्रभाव कुल 04 घंटे 18 मिनट 11 सेकंड तक भारत में रहेगा।
ज्योतिषाचार्यों का मानना है कि उपच्छाया चंद्रग्रहण का बहुत अधिक प्रभाव मानव जीवन पर नहीं पड़ता है। इसलिए ही इस ग्रहण को अधिक प्रभावशाली नहीं माना जाता है। कहते हैं कि इस प्रकार का ग्रहण देश और दुनिया पर भी ज्यादा प्रभाव नहीं डालता है।
ज्योतिष शास्त्र के विशेषज्ञों का मानना है कि चंद्रग्रहण भारत में दिखाई नहीं देगा क्योंकि चंद्रमा क्षितिज से नीचे की ओर होगा इसलिए भारत में रहने वाले लोग इसे नहीं देख पाएंगे। ऐसी मान्यता है कि ग्रहों की चाल के अनुसार किसी व्यक्ति के जीवन में किसी भी प्रकार की स्थिति बन सकती है। इसलिए यह बहुत जरूरी है कि ग्रहों की चाल को समझते हुए ही कोई कार्य किया जाए।
शास्त्रों में कहा गया है कि इस प्रकार का दान ब्राह्मणों को ही देना चाहिए। अगर ऐसा संभव ना हो पाए तो आप यह दान गरीब या जरूरतमंदों को भी दे सकते हैं क्योंकि धार्मिक पुस्तकों में यह भी बताया जाता है कि ईश्वर हर एक प्राणी में वास करते हैं वो किसी भी जीवात्मा में कम या ज्यादा मात्रा में नहीं होते हैं।
जानकारों के अनुसार यह उपछाया चंद्रग्रहण है। ऐसा माना जाता है कि अन्य चंद्रग्रहण के मुकाबले उपछाया चंद्रग्रहण का प्रभाव मनुष्यों के जीवन पर बहुत कम पड़ता है। इसलिए ज्योतिष शास्त्र में उपछाया ग्रहण के दौरान बहुत अधिक सावधानियां बरतने के लिए नहीं कहा जाता है।
बताया जाता है कि ग्रहण के दौरान बनाए हुए भोजन में ग्रहण की नकारात्मक ऊर्जा शामिल हो जाती है जिससे उस भोजन को खाने वाले लोगों को रोगों और दोषों की शिकायत हो सकती है।
साल 2020 में कुल 4 चंद्रग्रहण लगने के योग थे जिनमें से 3 ग्रहण जनवरी, जून और जुलाई में लग चुके हैं जबकि इस साल का चौथा और आखिरी चंद्रग्रहण 30 नवंबर, सोमवार को लगने वाला है।
एक्सपर्ट्स से मिली जानकारी के मुताबिक दोपहर 01 बजकर 04 मिनट पर चंद्रग्रहण शुरू हो जायेगा और शाम 05 बजकर 22 मिनट तक रहेगा। जबकि, इस अवधि में दोपहर 03 बजकर 13 मिनट पर यह चंद्रग्रहण अपने चरम पर होगा यानी उपच्छाया चंद्रग्रहण का असर कुल 04 घंटे 18 मिनट 11 सेकंड तक भारत में रहेगा।
गर्भवती स्त्रियों को किसी भी नुकीली वस्तु का इस्तेमाल नहीं करना चाहिए, इनमें चाकू, कैंची, सूई और तलवार आदि शामिल हैं। साथ ही इस दौरान सोना, खाना, पीना, नहाना और किसी की बुराई करने पर भी पाबंदी होती है। ज्योतिष शास्त्र के जानकार बताते हैं कि सूतक काल शुरू होने से लेकर उसका समय पूरा होने तक गर्भवती महिलाओं को अपने हाथ-पैर बिना मोड़े, हाथ में नारियल लेकर बैठना चाहिए और ग्रहण समाप्त होने के बाद स्नान कर इस नारियल को जल में प्रवाहित कर देना चाहिए।