Lunar Eclipse or Chandra Grahan November 2021: 19 नवंबर को चंद्र ग्रहण लगने जा रहा है। ज्योतिष अनुसार ग्रहण काल को धरती के सभी प्राणियों के लिए नकारात्मक प्रभाव पड़ने वाली अवधि माना गया है। इसलिए इस दौरान बुरे प्रभाव से बचने के लिए कई उपाय बताए जाते हैं। इस दौरान कई शुभ कार्य करना वर्जित होता है। चंद्र ग्रहण लगने से 9 घंटे पहले सूतक काल शुरू हो जाता है। ग्रहण का सूतक लगने से लेकर ग्रहण की समाप्ति तक कई कार्यों को करने की मनाही होती है। जानिए ग्रहण के दौरान क्या करें और क्या नहीं।
सूतक और ग्रहण काल में क्या न करें:
-इस दौरान किसी भी तरह के शुभ कार्य न करें और न ही किसी नए काम की शुरुआत करें।
-ग्रहण काल में पूजा-पाठ के काम भी नहीं किये जाते और न ही भगवान की मूर्तियों को स्पर्श किया जाता है। इस दौरान मंदिर को ढक देना चाहिए।
-ग्रहण काल में तुलसी के पौधे को नहीं छूना चाहिए। सूतक लगने से पहले ही तुलसी के पत्ते तोड़ लें।
-ग्रहण काल में भोजन नहीं किया जाता है। साथ ही खाने-पीने की चीजों में तुलसी के कुछ पत्ते डालकर रख देने चाहिए।
-सूतक काल के नियम गर्भवती महिलाओं, बुजुर्ग, बच्चों और बीमार लोगों पर लागू नहीं होते।
-गर्भवती महिलाओं को ग्रहण काल में काटने, छीलने या सिलने का कार्य नहीं करना चाहिए। मान्यता है इसका बुरा प्रभाव गर्भ में पल रहे बच्चे पर पड़ सकता है।
-गर्भवती महिलाओं को ग्रहण काल में घर से बाहर नहीं निकलना चाहिए।
-ग्रहण के बुरे प्रभाव से बचने के लिए मन ही मन अपने ईष्ट देव की अराधना करनी चाहिए। साथ ही चंद्र मंत्र का जाप भी करना फलदायी माना जाता है।
-ग्रहण काल में सोना नहीं चाहिए।
ग्रहण की समाप्ति के बाद क्या करें:
-ग्रहण खत्म होने के तुरंत बाद नहाने के पानी में गंगाजल मिलाकर स्नान कर लें।
-इसके बाद घर के मंदिर में भगवान की मूर्तियों को भी गंगाजल से शुद्ध करें।
-तुलसी पौधे पर भी गंगाजल का छिड़काव करें।
-ग्रहण की समाप्ति के बाद जरूरतमंदों को दान-दक्षिणा दें।
-ऐसा भी माना जाता है कि ग्रहण काल में पहने गए कपड़ों को स्नान के बाद दोबारा नहीं पहनना चाहिए। उसे दान कर देना चाहिए।
-ग्रहण खत्म होने के बाद पितरों के नाम से भी दान करें।