Chandra Grahan or Lunar Eclipse November 2021 Date and Time in India: साल का आखिरी चंद्र ग्रहण 19 नवंबर, शुक्रवार के दिन पड़ा है। ये आंशिक चंद्र ग्रहण होगा जो भारत के उत्तर-पूर्वी राज्यों में दिखाई देगा। जानकारों की मानें तो ऐसा 580 साल बाद होगा जब इतना लंबा आंशिक चंद्र ग्रहण देखा जाएगा। इससे पहले इतना लंबा चंद्रग्रहण 18 फरवरी 1440 में पड़ा था। जानिए कहां-कहां, कैसे और कब इस ग्रहण को देख पायेंगे।
कहां दिखाई देगा ये चंद्र ग्रहण? ये ग्रहण भारत के पूर्वोत्तर इलाकों में दिखाई देगा। अरुणाचल प्रदेश और असम के कुछ हिस्सों में इसे देखा जा सकेगा। इसके अलावा ये उत्तर और दक्षिण अमेरिका, ऑस्ट्रेलिया, पूर्वी एशिया और प्रशांत क्षेत्र में देखा जा सकेगा।
चंद्र ग्रहण की डेट और समय: चंद्र ग्रहण 19 नवंबर शुक्रवार के दिन लगने जा रहा है। इसकी शुरुआत भारतीय समय के अनुसार सुबह 11 बजकर 34 मिनट से हो गई है और इसकी समाप्ति शाम 5 बजकर 33 मिनट पर। खण्डग्रास ग्रहण की कुल अवधि 03 घण्टे 26 मिनट की होगी। उपच्छाया चंद्र ग्रहण की कुल अवधि 05 घण्टे 59 मिनट की होगी।
भारत में लगेगा उपच्छाया चंद्र ग्रहण: भारत में आंशिक नहीं उपच्छाया चंद्र ग्रहण दिखाई देगा। इसे नग्न आंखों से नहीं देखा जा सकता। इसे देखने के लिए विशेष तरह के उपकरणों की जरूरत पड़ती है। ये साल का आखिरी चंद्र ग्रहण होगा। इसके बाद चंद्र ग्रहण का नजारा 16 मई 2022 में देखने को मिलेगा। (यह भी पढ़ें- 19 नवंबर के चंद्र ग्रहण के दौरान क्या करें और क्या न करें)
किस राशि और नक्षत्र में लग रहा है ग्रहण? पंचांग अनुसार चंद्र ग्रहण कार्तिक शुक्ल पक्ष की पूर्णिमा के दिन वृषभ राशि और कृतिका नक्षत्र में लग रहा है। जो तुला, कुंभ और मीन राशि वालों के लिए शुभ रहेगा। इन तीनों राशियों के जातकों को करियर में तरक्की मिलेगी। वहीं वृषभ, सिंह, वृश्चिक और मेष राशि के जातकों की परेशानियां बढ़ाएगा। (यह भी पढ़ें- Chandra Grahan 2021 Horoscope: चंद्र ग्रहण का किन राशियों पर कैसा प्रभाव पड़ेगा, जानिए)
क्या होता है उपछाया ग्रहण? ग्रहण की शुरुआत से पहले चंद्रमा धरती की उपच्छाया में प्रवेश करता है इसके बाद धरती की वास्तविक छाया में प्रवेश करता है। जब ऐसा होता है तब वास्तविक चंद्र ग्रहण लगता है। लेकिन उपच्छाया चंद्र ग्रहण के समय चंद्रमा धरती की वास्तविक छाया में प्रवेश किए बिना ही बाहर आ जाता है। ज्योतिष में उपच्छाया चंद्र ग्रहण को ग्रहण का दर्जा नहीं दिया गया है। (यह भी पढ़ें- Chandra Grahan 2021 Today Live Updates: आज कितने बजे से शुरू होगा चंद्र ग्रहण और ग्रहण के समय क्या बरतनी होगी सावधानी, जानिए)
ग्रहण के समय इन कार्यों को नहीं करना चाहिए जैसे तेल लगाना, भोजन करना, पानी पीना, सोना, बालों में कंघी करना, संभोग करना, कपड़े धोना आदि।
ग्रहण के दिन घर में या बाहर, किसी के साथ भी किसी भी तरह के वाद-विवाद से बचना चाहिए।
अनेक वैज्ञानिक शोधों में यह बात सिद्ध हो चुकी है कि ग्रहण के समय मनुष्य की पाचन शक्ति बहुत कमजोर हो जाती है। ऐसे में यदि पेट में दूषित अन्न या पानी चला जाएगा तो उनके बीमार होने की संभावना बढ़ जाती है।
जिनके यहां चंद्र ग्रहण नहीं लग रहा है वो इस अद्भुत घटना का नजारा लाइव यूट्यूब चैनलों के माध्यम से देख सकते हैं। ग्रहण की लाइव स्ट्रीमिंग के लिए Virtual Telescop, Timeanddate, CosmoSapiens चैनल प्रसिद्ध है। इसे नासा की लाइव स्ट्रीम पर भी देख सकते हैं।
चंद्र ग्रहण से 9 घंटे पहले सूतक काल शुरू हो जाता है जो ग्रहण की समाप्ति के साथ ही खत्म होता है। ग्रहण का सूतक काल लगते ही सभी तरह के शुभ कार्यों पर रोक लग जाती है। इस दौरान पूजा पाठ इत्यादि करने की भी मनाही होती है। इस अवधि में भोजन करने से भी परहेज किया जाता है। लेकिन 19 नवंबर को लगने वाले चंद्र ग्रहण का सूतक काल नहीं लगेगा। क्योंकि ये एक उपच्छाया चंद्र ग्रहण है। धार्मिक मान्यताओं अनुसार इस ग्रहण का सूतक नहीं माना जाता। इसलिए इस दौरान किसी भी तरह के कार्यों पर पाबंदी नहीं होगी।
चंद्र ग्रहण तुला, कुंभ और मीन राशि वालों के लिए शुभ है। वहीं मेष, वृषभ, सिंह और वृश्चिक वालों के लिए ये ग्रहण अच्छा नही माना जा रहा है। इन राशि वालों को विशेष सावधानी बरतनी होगी।
ग्रहण काल में गर्भवती महिलाएं एक नारियल हमेशा पास रखें और उसे अपने पास ही रखकर सोएं
ग्रहण के दौरान भगवान की मूर्तियों को नहीं छूना चाहिए। इसलिए ग्रहण का सूतक लगते ही मंदिरों के कपाट बंद कर दिये जाते हैं।
पंचांग अनुसार चंद्र ग्रहण कार्तिक शुक्ल पक्ष की पूर्णिमा के दिन वृषभ राशि और कृतिका नक्षत्र में लग रहा है। जो तुला, कुंभ और मीन राशि वालों के लिए शुभ रहेगा। इन तीनों राशियों के जातकों को करियर में तरक्की मिलेगी। वहीं वृषभ, सिंह, वृश्चिक और मेष राशि के जातकों की परेशानियां बढ़ाएगा।
जहां चंद्रग्रहण के 9 घंटे पहले उसका सूतक काल लागू होता है वहीं सूर्य ग्रहण के 12 घंटे पहले से सूतक प्रारंभ हो जाता है। ग्रहण जब समाप्त होता है तब उसका सूतक काल भी समाप्त हो जाता है।
-ग्रहण खत्म होने के तुरंत बाद नहाने के पानी में गंगाजल मिलाकर स्नान कर लें।
-इसके बाद घर के मंदिर में भगवान की मूर्तियों को भी गंगाजल से शुद्ध करें।
-तुलसी पौधे पर भी गंगाजल का छिड़काव करें।
भारत में उपच्छाया चंद्र ग्रहण दिखाई देगा। इस ग्रहण को खुली आंखों से नहीं देखा जा सकता इसे देखने के लिए खास तरह के उपकरणों की जरूरत पड़ती है। इसके अलावा इसे आप लाइव विभिन्न यूट्यूब चैनलों के माध्यम से भी देख सकते हैं।
ग्रहण काल के दौरान गर्भवती महिलाओं को किसी भी नुकीली या धारदार वस्तु का उपयोग नहीं करना चाहिए। ग्रहण और सूतक काल के दौरान कोई भी कैंची, चाकू या सुई का इस्तेमाल ना करें।
चंद्र ग्रहण के बाद दूध और दूध से बने उत्पादों, सफेद तिल, सफेद कपड़े, इत्यादि का दान करने की सलाह दी जाती है। ऐसा करने से भी ग्रहण के दुष्प्रभाव जीवन पर नहीं पड़ते हैं।
किसी भी प्रकार के नए कार्य की शुरुआत न करें।
भोजन बनाने और खाने से परहेज करें।
लड़ाई-झड़गे करने से बचें।
किसी भी धारदार वस्तु का उपयोग न करें।
देवी-देवताओं की प्रतिमा और तुलसी के पौधे का स्पर्श न करें।
माना जाता है कि सूतक काल के समय सोना भी वर्जित होता है।
चंद्र ग्रहण तुला, कुंभ और मीन राशि वालों के लिए शुभ रहने के आसार हैं। जबकि सिंह, वृश्चिक और वृषभ राशि वालों के लिए अच्छा नहीं माना जा रहा है।
पूर्ण और आंशिक ग्रहण के अलावा एक उपछाया ग्रहण भी होता है. चंद्रमा जब पृथ्वी की वास्तविक छाया में नहीं आता है और उसकी उपछाया से ही बाहर निकल जाता है, ऐसे ग्रहण को उपछाया ग्रहण कहते हैं. उपछाया ग्रहण को वास्तविक चंद्र ग्रहण नहीं माना जाता है.
चंद्र ग्रहण तीन प्रकार के होते हैं
– पूर्ण चंद्र ग्रहण
– आंशिक चंद्र ग्रहण
– उपछाया चंद्र ग्रहण
इस बार भारत में चंद्र ग्रहण उपछाया की तरह ही दिखेगा. इस वजह से सूतक काल मान्य नहीं होगा, यही वजह है कि इस चंद्र ग्रहण में देश के मंदिरों के कपाट भी बंद नहीं किए जाएंगे और शुभ कार्यों पर भी रोक नहीं होगी.
अभी गुरु-शनि मकर राशि में स्थित हैं और आंशिक चंद्र ग्रहण हो रहा है। गुरु-शनि मकर राशि में और चंद्र ग्रहण का योग 2021 से 59 साल पहले 19 फरवरी 1962 को हुआ था।
2021 का आखिरी चंद्र ग्रहण 19 नवंबर को यानी कल लगने जा रहा है। भारत में भी ये ग्रहण दिखाई देगा। कहा जा रहा है 580 साल बाद इतना लंबा आंशिक चंद्र ग्रहण लगेगा।
चंद्र ग्रहण को लेकर प्रचलित पौराणिक कथा
समुद्र मंथन के दौरान स्वर्भानु नामक एक दैत्य ने छल से अमृत पान करने की कोशिश की थी। तब चंद्रमा और सूर्य की इस पर नजर पड़ गई थी। इसके बाद दैत्य की हरकत के बारे में चंद्रमा और सूर्य ने भगवान विष्णु को जानकारी दे दी। भगवान विष्णु ने अपने सुर्दशन चक्र से इस दैत्य का सिर धड़ से अलग कर दिया। अमृत की कुछ बंदू गले से नीचे उतरने के कारण ये दो दैत्य बन गए और अमर हो गए।
कितनी देर का होगा चंद्र ग्रहण?
साल का आखिरी चंद्रग्रहण कहां-कहां और किस वक्त दिखेगा, ये लोकेशन और टाइमजोन पर निर्भर करेगा. रिपोर्ट्स की मानें तो भारत तो भारत में चंद्र ग्रहण का समय दोपहर 12 बजकर 48 मिनट से लेकर शाम 4 बजकर 17 मिनट तक है। इस आंशिक चंद्र ग्रहण की अवधि करीब 3 घंटे 29 मिनट की होगी।
साल 2021 में लगे कितने चंद्र ग्रहण
साल 2021 में दो चंद्र ग्रहण का योग बना था। पहला चंद्र ग्रहण 26 मे 2021 में लगा था और 19 नवंबर को साल का दूसरा और अंतिम चंद्र ग्रहण लग रहा है। इसके बाद 16 मई 2022 को अगला चंद्र ग्रहण लगेगा।
भारत और विदेशों में कहां-कहां दिखाई देगा
19 नवंबर को लगने वाला यह चंद्र ग्रहण भारत के पूर्वोत्तर राज्य असम और अरुणाचल प्रदेश के कुछ हिस्सो में दिखाई देगा। वहीं विदेशों में अमेरिका, उत्तरी यूरोप, पूर्वी एशिया, ऑस्ट्रेलिया और प्रशांत महासागर क्षेत्र में दिखाई पड़ेगा।
कैसे देखें ग्रहण?
उपच्छाया ग्रहण खुली आंखों से नहीं दिखाई देता. इसे देखने के लिए आप टेलिस्कोप की मदद ले सकते हैं। इसके अलावा इसके खूबसूरत नजारे को देखने के लिए खास सोलर फिल्टर वाले चश्मों (सोलर-व्युइंग ग्लासेस, पर्सनल सोलर फिल्टर्स या आइक्लिप्स ग्लासेस) का प्रयोग कर सकते हैं।
फूल और पत्ती तोड़ना वर्जित है. गर्भवती महिलाओं को बाहर नहीं जाना चाहिए
ग्रहण के समय सोना नहीं चाहिए, इससे सोने वाला व्यक्ति रोगी हो जाता है
ग्रहण की पूरी समयावधि के दौरान भोजन बनाना या खाना भी वर्जित है
एक सफेद चंदन का छोटा सा टुकड़ा ले लें और उसे नीले धागे में लपेट लें। अब इसे बांधकर शनिवार के दिन अपने गले में धारण कर लें। इससे भी राहु और चंद्रमा का का नकारात्मक प्रभाव काफी हद तक कम हो जाता है।
अगर आपकी कुंडली में चंद्रमा और राहु का योग है तो नियमित रूप से भगवान शिव की उपासना करें. सुबह-शाम शिव के मंत्रों का जाप करें। सोमवार के दिन भगवान शिव को जल अर्पित करें। सोमवार के दिन भगवान शिव को खीर का भोग लगाएं और प्रसाद के तौर पर इसे खुद ग्रहण करें।
मेष : आर्थिक संपन्नता आएगी, रुके हुए पैसे मिल सकते हैं।
वृष : धन हानि के कारण परेशानी बढ़ेगी। शारीरिक कष्ट संभव।
मिथुन : ग्रहण काल में बाहर निकलने से बचें, दुर्घटना हो सकती है।
कर्क : फिजूल खर्ची से धन की हानि होगी, फिजूलखर्ची रोकनी होगी।
सिंह : किसी शुभ सूचना के साथ ही लाभ और उन्नति का योग है।
कन्या : पहले से चल रहा रोग और कष्ट बढ़ सकता है। संयमित रहें।
तुला : चिंता के साथ ही संतान से परेशानी होगी. डॉक्टर से संपर्क में रहें।
वृश्चिक : काफी दिनों से चल रही परेशानी-आर्थिक तंगी राहत देगी।
धनु : शादी के योग के साथ शादीशुदा जीवनसाथी को कष्ट हो सकता है।
मकर : पहले से बीमार हैं तो रोग में इजाफा होने के साथ चिंता बढ़ेगी।
कुंभ : घर में मेहमानों के आने से खर्च अधिक होगा। बचत की उपाय है।
मीन : कई वर्षों से चल रही काम की दिक्कत दूर होगी। नई योजनाएं बनाएं।
