Chandra Grahan (Lunar Eclipse) November 2020 Date and Time in India Live Updates: ज्योतिषीय दृष्टिकोण से चंद्रग्रहण मानव जीवन को बहुत अधिक प्रभावित करने वाली घटना मानी जाती है। साल 2020 में कुल 4 चंद्रग्रहण लगने के योग थे जिनमें से 3 ग्रहण जनवरी, जून और जुलाई में लग चुके हैं जबकि इस साल का चौथा और आखिरी चंद्रग्रहण 30 नवंबर, सोमवार को लगने वाला है। इसी दिन कार्तिक और गुरु नानक जयंती भी मनाई जा रही है इसलिए यह बताया जा रहा है कि इस चंद्रग्रहण का प्रभाव और भी अधिक हो गया है।
बता दें कि विद्वानों का मानना है कि यह एक उपच्छाया चंद्रग्रहण है। यहां उपच्छाया का अर्थ यह बताया गया है कि चंद्रमा की केवल छाया ही पृथ्वी पर आ पाएगी, इसी छाया की वजह से इस ग्रहण को उपच्छाया चंद्रग्रहण कहा जा रहा है। ज्योतिषाचार्यों का मानना है कि उपच्छाया चंद्रग्रहण का बहुत अधिक प्रभाव मानव जीवन पर नहीं पड़ता है। इसलिए ही इस ग्रहण को अधिक प्रभावशाली नहीं माना जाता है। कहते हैं कि इस प्रकार का ग्रहण देश और दुनिया पर भी ज्यादा प्रभाव नहीं डालता है।
जानकारों का कहना है कि इस बार चंद्रग्रहण दूसरे क्षितिज पर लगेगा इसलिए भारत में रहने वाले लोग चंद्रग्रहण नहीं देख पाएंगे। माना जा रहा है कि इस बार चंद्रग्रहण तब लगेगा जब भारत में दिन होगा यानी सरल शब्दों में कहा जाए तो साल का आखिरी चंद्रग्रहण दिन में लगने वाला है।
जानकारों के मुताबिक दोपहर 01 बजकर 04 मिनट पर चंद्रग्रहण शुरू हो जायेगा और शाम 05 बजकर 22 मिनट तक रहेगा। जबकि, इस अवधि में दोपहर 03 बजकर 13 मिनट पर यह चंद्रग्रहण अपने चरम पर होगा यानी उपच्छाया चंद्रग्रहण का असर कुल 04 घंटे 18 मिनट 11 सेकंड तक भारत में रहेगा।
कहते हैं कि उपच्छाया चंद्रग्रहण के न्यूनतम नकारात्मक प्रभावों से बचने के लिए सावधानियां बरतनी चाहिए। ग्रहण काल में नुकीली वस्तुओं का इस्तेमाल ना करें, खाना ना बनाएं ना खाएं, घर के मंदिर में या मंदिर जाकर पूजा-पाठ ना करें और साथ ही अपने मन में ईश्वर का ध्यान लगाते हुए नाम या मंत्र जाप करें।
Highlights
धार्मिक कार्यों में भाग ले सकते हैं। साथियों का सहयोग मिलेगा। इस समय किसी योजना में पूंजी लगाना उचित नहीं होगा।
वर्तमान कार्यक्षेत्र पर संघर्ष देखने को मिल रहा है। आने वाला समय अनुकूल होगा। आप लोगों को प्रभावित करने में कामयाब होंगे। विद्यार्थियों के लिए अनुकूल समय है। विवाह के प्रस्ताव आ सकते हैं। घर का माहौल उत्साह से भरपूर रहेगा।
मेष राशि के जातकों के लिए यह ग्रहण अच्छे फल दिलाने वाला होगा। ज्योतिषीय संयोग के अनुसार उन्नति और खुशहाली आने के संकेत मिल रहे हैं। प्रमोशन और आय में वृद्धि के अवसर प्राप्त हो सकते हैं।
चंद्रग्रहण के बाद स्नान करने का बहुत अधिक महत्व होता है। कहते हैं कि चंद्रग्रहण के दौरान वातावरण में नकारात्मक ऊर्जाएं घूमती हैं, ऐसे में यह जरूरी हो जाता है कि चंद्रग्रहण का सूतक काल खत्म होने के बाद स्नान किया जाए।
नंगी आंखों से चंद्रग्रहण देखने को मना किया जाता है। ऐसी मान्यता है कि नंगी आंखों से चंद्रग्रहण देखने से आंखों की बीमारी लग सकती है, इसलिए प्राचीन काल से ही यह मान्यता मानी जा रही है।
विद्वानों का कहना है कि यह उपच्छाया ग्रहण (Upchhaya Chandra Grahan) है इसमें किसी विशेष ग्रह पर केवल चंद्रमा की परछाई आती है। अबकी बार चंद्रग्रहण वृष राशि और रोहिणी नक्षत्र में लगेगा। विशेषज्ञों की मानें तो अमेरिका, ऑस्ट्रेलिया, प्रशांत महासागर और एशिया में यह चंद्रग्रहण दिखाई दे सकता है।
जानकारों का कहना है कि इस बार चंद्रग्रहण दूसरे क्षितिज पर लगेगा इसलिए भारत में रहने वाले लोग चंद्रग्रहण नहीं देख पाएंगे। माना जा रहा है कि इस बार चंद्रग्रहण तब लगेगा जब भारत में दिन होगा यानी सरल शब्दों में कहा जाए तो साल का आखिरी चंद्रग्रहण दिन में लगने वाला है।
चंद्रग्रहण के दौरान किसी की बुराई ना करें। कोशिश करें कि इस दौरान आप सभी लोगों से मधुरता के साथ बात करें। ज्यादा-से-ज्यादा ईश्वर का नाम लें। ईश्वर के रूप का ध्यान करें।
आज चंद्रग्रहण लग रहा है. कोशिश करें कि ग्रहण के दौरान आप ना सोएं. विशेष तौर पर अगर आप गर्भवती हैं तो ग्रहण के दौरान सोना नहीं चाहिए. मान्यता है कि इससे बच्चे में शारीरिक या मानसिक विकार आ सकता है.
ग्रहण को नग्न आंखों से नहीं देखना चाहिए। ग्रहण के समय भोजन करने और बनाने से भी बचना चाहिए। ग्रहण के बाद स्नान करने को भी अच्छा बताया गया है, इससे ग्रहण का प्रभाव कम हो जाता है।
मान्यता हैं कि चंद्रग्रहण के दौरान विशेष सावधानियां बरतनी चाहिए, नहीं तो चंद्रग्रहण के नकारात्मक प्रभावों को सहना पड़ सकता है
चंद्र ग्रहण एशिया के कुछ देशों के साथ अमेरिका, ऑस्ट्रेलिया और प्रशांत महासागर के कुछ हिस्सों में भी देखाई देगा।
हिंदू धर्म के रीति-रिवाजों के मुताबिक ग्रहण काल में कुछ चीजों को करने की सख्त मनाही होती है. वैसे तो ये एक उपच्छाया चंद्र ग्रहण है जिसका बहुत ज्यादा प्रभाव नहीं होता है, लेकिन फिर भी कुछ सावधानियां बरत लेनी चाहिए.
ग्रहण काल में नुकीली वस्तुओं का इस्तेमाल ना करें, खाना ना बनाएं ना खाएं, घर के मंदिर में या मंदिर जाकर पूजा-पाठ ना करें और साथ ही अपने मन में ईश्वर का ध्यान लगाते हुए नाम या मंत्र जाप करें।
माना जा रहा है कि इस बार चंद्रग्रहण तब लगेगा जब भारत में दिन होगा यानी सरल शब्दों में कहा जाए तो साल का आखिरी चंद्रग्रहण दिन में लगने वाला है।
उपच्छाया चंद्रग्रहण का असर कुल 04 घंटे 18 मिनट 11 सेकंड तक भारत में रहेगा
कहते हैं कि उपच्छाया चंद्रग्रहण के न्यूनतम नकारात्मक प्रभावों से बचने के लिए सावधानियां बरतनी चाहिए। ग्रहण काल में नुकीली वस्तुओं का इस्तेमाल ना करें, खाना ना बनाएं ना खाएं, घर के मंदिर में या मंदिर जाकर पूजा-पाठ ना करें और साथ ही अपने मन में ईश्वर का ध्यान लगाते हुए नाम या मंत्र जाप करें।
विद्वानों का कहना है कि यह उपच्छाया ग्रहण (Upchhaya Chandra Grahan) है इसमें किसी विशेष ग्रह पर केवल चंद्रमा की परछाई आती है। अबकी बार चंद्रग्रहण वृष राशि और रोहिणी नक्षत्र में लगेगा। विशेषज्ञों की मानें तो अमेरिका, ऑस्ट्रेलिया, प्रशांत महासागर और एशिया में यह चंद्रग्रहण दिखाई दे सकता है।
भारत में चंद्रग्रहण नहीं दिख पाएगा लेकिन मीडिया और ऑनलाइन स्ट्रीमिंग के माध्यम से कई लोग चंद्रग्रहण का दुर्लभ नजारा देख पाएंगे
इसी दिन कार्तिक पूर्णिमा और गुरु नानक जयंती भी मनाई जाएगी। कार्तिक पूर्णिमा और गुरु नानक जयंती की वजह से इस चंद्रग्रहण को बहुत प्रभावशाली माना जा रहा है
नंगी आंखों से चंद्रग्रहण देखने को मना किया जाता है। ऐसी मान्यता है कि नंगी आंखों से चंद्रग्रहण देखने से आंखों की बीमारी लग सकती है, इसलिए प्राचीन काल से ही यह मान्यता मानी जा रही है।
विद्वानों का कहना है कि यह उपच्छाया ग्रहण (Upchhaya Chandra Grahan) है इसमें किसी विशेष ग्रह पर केवल चंद्रमा की परछाई आती है। अबकी बार चंद्रग्रहण वृष राशि और रोहिणी नक्षत्र में लगेगा। विशेषज्ञों की मानें तो अमेरिका, ऑस्ट्रेलिया, प्रशांत महासागर और एशिया में यह चंद्रग्रहण दिखाई दे सकता है।
ग्रहण से कई धार्मिक पहलू जुड़े हुए हैं। ग्रहण के दौरान कर्मकांड का भी प्रावधान है। लेकिन अगर चंद्र ग्रहण आपके शहर में दिखाई ना दे रहा हो लेकिन दूसरे देशों अथवा शहरों में दर्शनीय हो तो कोई भी ग्रहण से सम्बन्धित कर्मकाण्ड नहीं किया जाता है। लेकिन अगर मौसम की वजह से चन्द्र ग्रहण दर्शनीय न हो तो ऐसी स्थिति में चन्द्र ग्रहण के सूतक का अनुसरण किया जाता है।
कहते हैं कि चंद्रग्रहण के दौरान विशेष सावधानियां बरतनी चाहिए वरना चंद्रग्रहण के नकारात्मक प्रभावों को सहना पड़ सकता है। चंद्रग्रहण में इस बात का खास ख्याल रखें कि आप और आपके परिवार का कोई भी सदस्य चंद्रग्रहण के समय चंद्रमा की ओर ना देखे और ना ही चांद की रोशनी में बैठे। कहते हैं कि इससे चंद्रग्रहण के दौरान चांद को होने वाले कष्ट का असर आपके जीवन में आ सकता है।
इसी दिन कार्तिक पूर्णिमा और गुरु नानक जयंती भी मनाई जाएगी। कार्तिक पूर्णिमा और गुरु नानक जयंती की वजह से इस चंद्रग्रहण को बहुत प्रभावशाली माना जा रहा था। लेकिन आपको बता दें कि जानकारों का मानना है कि यह एक उपच्छाया चंद्रग्रहण होने वाला है यानी मानव जीवन पर इसका बहुत अधिक प्रभाव नहीं पड़ेगा।
ज्योतिष शास्त्र के जानकारों से मिली सूचना के मुताबिक दोपहर 01 बजकर 04 मिनट पर चंद्रग्रहण का प्रभाव शुरू हो जायेगा और शाम 05 बजकर 22 मिनट तक कायम रहेगा। जबकि, इस दौरान दोपहर 03 बजकर 13 मिनट पर यह चंद्रग्रहण अपने चरम पर होगा। उपच्छाया चंद्रग्रहण का प्रभाव कुल 04 घंटे 18 मिनट और 11 सेकंड तक भारत में रहेगा।
कहते हैं कि चंद्रग्रहण के दौरान विशेष सावधानियां बरतनी चाहिए वरना चंद्रग्रहण के नकारात्मक प्रभावों को सहना पड़ सकता है। चंद्रग्रहण में इस बात का खास ख्याल रखें कि आप और आपके परिवार का कोई भी सदस्य चंद्रग्रहण के समय चंद्रमा की ओर ना देखे और ना ही चांद की रोशनी में बैठे।
ज्योतिष शास्त्र में चंद्रग्रहण को बहुत अधिक प्रभावशाली माना जाता है। 30 नवंबर, सोमवार के दिन परम पावन कार्तिक माह के शुक्ल पक्ष की पूर्णिमा तिथि को चंद्रग्रहण लगेगा। जानकारों के अनुसार यह साल 2020 का अंतिम चंद्रग्रहण है।
कहते हैं कि उपच्छाया चंद्रग्रहण के न्यूनतम नकारात्मक प्रभावों से बचने के लिए सावधानियां बरतनी चाहिए। ग्रहण काल में नुकीली वस्तुओं का इस्तेमाल ना करें, खाना ना बनाएं ना खाएं, घर के मंदिर में या मंदिर जाकर पूजा-पाठ ना करें और साथ ही अपने मन में ईश्वर का ध्यान लगाते हुए नाम या मंत्र जाप करें।
विद्वानों का कहना है कि यह उपच्छाया ग्रहण (Upchhaya Chandra Grahan) है इसमें किसी विशेष ग्रह पर केवल चंद्रमा की परछाई आती है। अबकी बार चंद्रग्रहण वृष राशि और रोहिणी नक्षत्र में लगेगा। विशेषज्ञों की मानें तो अमेरिका, ऑस्ट्रेलिया, प्रशांत महासागर और एशिया में यह चंद्रग्रहण दिखाई दे सकता है।
बताया जा रहा है कि इस बार चंद्रग्रहण पृथ्वी के दूसरे क्षितिज पर लगेगा इसलिए भारत में चंद्रग्रहण दिखाई नहीं देगा। बताया जा रहा है कि चंद्रग्रहण के सूतक काल का समय 30 नवंबर की रात होने तक समाप्त भी हो जाएगा।
नंगी आंखों से चंद्रग्रहण देखने को मना किया जाता है। ऐसी मान्यता है कि नंगी आंखों से चंद्रग्रहण देखने से आंखों की बीमारी लग सकती है, इसलिए प्राचीन काल से ही यह मान्यता मानी जा रही है।