धार्मिक मान्यताओं अनुसार सूर्य ग्रहण और चंद्र ग्रहण दोनों ही अशुभ माने गये हैं। जिनका प्रभाव लंबे समय तक रहता है। 5 जून में ज्येष्ठ पूर्णिमा के दिन चंद्र ग्रहण लगने जा रहा है। चंद्र ग्रहण के दौरान बहुत से कार्य वर्जित होते हैं। कहा जाता है कि इस दौरान नकारात्मक ऊर्जा का प्रभाव काफी ज्यादा रहता है। इसलिए कुछ सावधानियां बरतने की जरूरत पड़ती है। खासकर गर्भवती महिलाओं को ग्रहण के समय ज्यादा सतर्क रहना होता है। जिससे ग्रहण का बुरा प्रभाव गर्भ में पल रहे बच्चे पर न पड़ सके।

गर्भवती महिलाओं को ग्रहण के समय भगवान का मन ही मन ध्यान करना चाहिए। मंत्र जप करना चाहिए। गर्भवती महिलाओं को घर से बाहर भी नहीं निकलना चाहिए। ऐसी मान्यता है कि गर्भवती महिलाएं अगर ग्रहण देख लेती हैं तो उसका असर गर्भ में पल रहे बच्चे पर पड़ता है। जिससे बच्चे का शारीरिक और मानसिक विकास सही से नहीं हो पाता। जिसकी वजह से शिशु गंदे लाल चिन्हों को लेकर पैदा होता है।

वैसे तो ग्रहण के दौरान सोने की भी मनाही होती है लेकिन बीमारी और प्रेग्नेंसी के दौरान यदि जागना संभव ना हो तो ईश्वर का ध्यान कर आप सो सकते हैं। गर्भवती महिलाएं इस बात का भी विशेष ध्यान रखें कि ग्रहण काल के समय प्रेग्नेंट महिलाएं कभी भी नुकीली चीजों जैसे चाकू, कैंची, सूई आदि चीजों का इस्तेमाल न करें। मान्यता है कि इन चीजों का ध्यान न रखने पर शिशु के किसी भी अंग को हानि पहुंच सकती है।

धार्मिक मान्यताओं के अनुसार ग्रहण के समय गर्भवती महिलाओं को अपने पास एक नारियल रखना चाहिए। ऐसा करने से नकारात्मकता नहीं आती है। गर्भवती महिलाओं को ग्रहण के समय कपड़ो की सिलाई नहीं करनी चाहिए।