साल 2018 का पहला चंद्र ग्रहण 31 जनवरी को खग्रास चंद्रग्रहण है। खग्रमास का अर्थ होता है जिस दिन पूर्ण ग्रहण लगता है। हिंदू शास्त्रों में आंशिक या पूर्ण किसी भी ग्रहण को शुभ नहीं माना जाता है। ग्रहण विशेषकर गर्भवती महिला के लिए शुभ नहीं माना जाता है। मान्यता के अनुसार किसी भी चंद्र ग्रहण का प्रभाव 108 दिनों तक रहता है जिससे गर्भवती महिला के शिशु को हानि हो सकती है। चंद्र ग्रहण के समय चंद्रमा का जो चक्र 28 दिनों में होता है वो ग्रहण के समय कुछ घंटों में घटित होता है। ऊर्जा के अर्थों में पृथ्वी की ऊर्जा गलती से इस चंद्र ग्रहण को चंद्रमा का एक पूर्ण चक्र समझ लेती है जिससे पृथ्वी पर कुछ ऐसी घटनाएं होकी हैं जिससे प्राकृतिक स्थिति से कोई भी चीज जल्दी खराब होने लगती है।

इसी कारण से कच्चे फलों और सब्जियों में कोई बदलाव नहीं होता है लेकिन पका हुआ पौष्टिक भोजन ग्रहण के बाद जहर में बदल जाता है। ग्रहण के समय भोजन करने से शरीर की जागरुकता धीरे-धीरे नष्ट होने लगती है और व्यक्ति में आलस आने लगता है। यदि इसका प्रभाव शक्तिशाली हो तो व्यक्ति की मृत्यु भी हो सकती है। पका हुआ भोजन सामान्य दिनों के मुकाबले बहुत जल्दी सड़ने लगता है।

चंद्र ग्रहण 2018: सभी राशियों पर होगा प्रभाव, जानिए आपकी राशि पर क्या पड़ेगा असर

ग्रहण के दौरान भोजन करने से शरीर की ऊर्जा लगभग 28 दिन बाद की अवस्था में पहुंच जाती है। कुछ लोगों का मानना होता है कि ग्रहण के समय कच्चे फल और सब्जियों का सेवन किया जा सकता है। कच्चे फलों का सेवन करने से पेट में मौजूद रस या तत्व उस पर हमला करके उसे मार देते हैं। वह भोजन भी अध पके की तरह रह जाता है और उस पर भी ग्रहण का नकारात्मक प्रभाव पड़ता है। ग्रहण के प्रभाव को कम करने के लिए घर में पके खाने में तुलसी का पत्ता डाल देना चाहिए और मुंह में भी तुलसी का पत्ता रखना चाहिए। चंद्र ग्रहण का अवधी सामान्य तौर पर सूर्य ग्रहण से ज्यादा होती है।