आज खग्रास चंद्र ग्रहण है, जिसमें अद्भुत खगोलीय घटना घटित हो रही है। आज सुपरमून और ब्लू मून के साथ खग्रास चंद्र ग्रहण भी देखा जाएगा। जिस ग्रहण में चंद्रमा पूर्ण रुप से पृथ्वी की परछाई से ढक जाता है उसे खग्रास चंद्र ग्रहण कहा जाता है। नासा ने इस अद्भुत खगोलीय ट्रिपल ट्रिफेक्टा घटना को सुपर ब्लू ब्लड मून की संज्ञा दी है। इस अद्भुत घटना को आखिरी बार 1982 में देखा गया था, 36 साल बाद फिर ये संयोग बन रहा है। शाम 5 बजकर 53 मिनट पर दिल्ली में ग्रहण देखा जा सकता है, इसके बाद 77 मिनट तक ग्रहण की अवधि रहेगी। इस समय कुछ विशेष कार्यों को नहीं करना चाहिए।

ग्रहण के समय किसी भी व्यक्ति को शारीरिक संबंध नहीं बनाने चाहिए। शास्त्रों के अनुसार माना जाता है कि इस दिन संबंध बनाने के बाद गर्भ में धारण हुई संतान पर ग्रहण का नकारात्मक प्रभाव होता है। मान्यता है कि शारीरिक और मानसिक विकार के साथ उस संतान के स्वभाव में बुराईयों का भंडार होता है। इसी कारण से ग्रहण के दिन पति-पत्नी को भूलकर भी संबंध नहीं बनाने चाहिए। ग्रहण के दौरान भोजन करना अशुभ माना जाता है, कहा जाता है कि ग्रहण से पहले बना हुआ भोजन का सेवन भी नहीं किया जाता है। ग्रहण के दौरान पका हुआ भोजन जहर बन जाता है। चंद्र की जो प्रक्रिया 28 दिनों में पूर्ण होती है वो ग्रहण के दिन कुछ ही मिनटों में होती है जिस कारण प्रकृति पर नकारात्मक प्रभाव पड़ता है। ग्रहण के नकारात्मक प्रभाव से बचने के लिए हनुमान चालीसा का पाठ किया जा सकता है।

गर्भवती महिलाओं पर ग्रहण के दिन विशेष प्रतिबंध लगाए जाते हैं। यदि कोई गर्भवती महिला ग्रहण को देख लेती है तो माना जाता है कि संतान के जन्म के समय उसके शरीर पर बदसूरत चिन्ह बन जाते हैं। हिंदू मान्यताओं के अनुसार कहा जाता है कि फलों या सब्जियों के काटने से गर्भ में पल रहे बच्चे के अंगों को हानि पहुंचती है।