Chandra Astrology: चंद्रमा का ज्योतिष में बहुत महत्व बताया गया है। वैदिक ज्योतिष के अनुसार चंद्रमा माता, मनोबल, धन-संपत्ति आदि के कारक होते हैं। ग्रहों में सूर्य के बाद चंद्रमा दूसरे स्थान पर आते हैं।
ज्योतिष शास्त्र के अनुसार कुंडली में चंद्र दोष होने से जातकों को कई परेशानियों का सामना करना पड़ता है। आइए जानते हैं कि ज्योतिष शास्त्र में चंद्रमा का क्या महत्व है। चंद्र दोष होने से कौन सा रोग हो सकता है और उसके उपाय क्या हैं।
Importance of Chandra in Astrology: ज्योतिष में चंद्रमा का महत्व
ज्योतिष शास्त्र के मुताबिक जिस जातक की कुंडली में चंद्रमा लग्न भाव में होते हैं। वह साहसी, सुंदर और आकर्षक होते हैं। साथ ही जातक को कई परेशानियों का भी सामना करना पड़ता है।
वहीं अगर जातक की कुंडली में चंद्रमा बली हो, तो कई अच्छे नतीजे मिलते हैं। इससे संबंधों में मधुरता आती है और घर में सुख-समृद्धि का भी वास रहता है। उसका ठीक उल्टा अगर चंद्रमा पीड़ित है, तो जातक को मानसिक परेशानियों के साथ कई समस्याओं का सामना करना पड़ता है।
Chandra Significance: धर्म में चंद्रमा का महत्व
पौराणिक कथा व मान्यता के अनुसार जल तत्व के देवता चंद्रमा होते हैं। सोमवार के दिन चंद्र देव की पूजा करना बहुत ही शुभ माना जाता है। श्रीमद्भगवत के अनुसार, चंद्र देव महर्षि अत्रि और अनुसूया के पुत्र हैं। वहीं चंद्रमा को बुध का पिता भी कहा गया है।
Chandra in Astrology: चंद्र दोष से होने वाले रोग
ज्योतिष शास्त्र के मुताबिक कुंडली में चंद्र दोष होने पर जातक को कई बीमारियां परेशान कर सकती हैं।
-मानसिक तनाव
-डिप्रेसन
-घबराहट
-दमा
Chandra Astrology: चंद्र दोष से होने वाले रोग के उपाय
ज्योतिष शास्त्र में चंद्र दोष से होने वाले रोग के उपाय भी बताए गए हैं। मान्यता है कि इन उपायों को करने से जातक को चंद्र दोष से मुक्ति मिल जाती है।
-देर रात न जागें।
-पूर्णिमा और एकादशी का व्रत रखें।
-सोमवार के दिन चंद्रमा और भगवान शिव की पूजा करें।
-चांदी का छल्ला व चंद्र यंत्र धारण करें।