Chanakya neeti in Hindi: चंद्रगुप्त मौर्य के शासन काल में महामंत्री रहे आचार्य चाणक्य की नीतियों के बारे में कौन नहीं जानता। उनकी नीतियों के कारण ही चंद्रगुप्त मौर्य राजा बन पाए थे। चाणक्य ने अपनी तेज बुद्धि और अनुभवों से चाणक्य नीति पुस्तक लिखी। जिसका आज के समय में भी काफी महत्व है। यहां हम चाणक्य की उस नीति के बारे में जानेंगे, जिसमें उन्होंने बताया है कि कैसा व्यक्ति आपका अच्छा दोस्त बन सकता है और किन दोस्तों से दूरी बनाना ही सबसे अच्छा विकल्प साबित होगा।
– ऐसे मित्र जो अपने माता-पिता का सम्मान न करता हो और वह अपनी पत्नी और बच्चों की इज्जत न करे। ऐसे मित्र का साथ हमें कभी नहीं पकड़ना चाहिए।
– ऐसा मित्र जिसकी दृष्टि में अथवा नजर में पाप हो। ऐसे व्यक्ति के साथ मित्रता करने से आप भी मुश्किल में फंस सकते हैं। अगर व्यक्ति की दृष्टि में पाप है तो वह आपके घर वालों को भी कभी अच्छी दृष्टि से नहीं देखेगा।
– आचार्य चाणक्य की मानें तो हमें किसी ऐसे व्यक्ति से भी मित्रता नहीं करनी चाहिए जो बुरे स्थान पर रहता है। बुरे स्थान पर रहने वाला व्यक्ति खुद को उस स्थान की बुराइयों से दूर नहीं रख पाता और ऐसे व्यक्ति के साथ मित्रता करने से आपके जीवन पर इसका बुरा असर पड़ सकता है। इसलिए बेहतर होगा कि अच्छे लोगों अच्छे स्थान पर रहने वाले लोगों के साथ ही दोस्ती करें।
– आचार्य चाणक्य ने कहा है कि एक अच्छा मित्र वही है, जो आवश्यकता पड़ने पर काम आए। अगर कोई मुसीबत आए तो वह बुरे वक्त में भी आपका साथ दे।
– चाणक्य अनुसार किसी दुर्घटना पड़ने पर जो मित्र काम आए वह एक सच्चा मित्र है। अगर आप या आपके परिवार पर कोई संकट आया है तो आपके मित्र को आपके काम आना चाहिए।
– ऐसा व्यक्ति जो बुरी आदतों से घिरा हो कभी भी उसके साथ मित्रता न करें। उसकी बुरी आदतें आपके जीवन को भी बुरी तरह से प्रभावित कर सकती हैं। इसलिए सदैव सज्जनों का ही हाथ थामें।