Chanakya Neeti: कहते हैं कि शर्म और लाज व्यक्ति का एक अच्छा गुण होता है। लेकिन चाणक्य कहते हैं कि कुछ ऐसी चीजें होती है कि अगर जिस दौरान आपने बेशर्मी नहीं की तो आपको नुकसान हो सकता है। चाणक्य अनुसार इन चार चीजों में शर्म नहीं करने वाला व्यक्ति सफल होता है। आपको बता दें कि चाणक्य की नीतियां आज के दौर में काफी पढ़ी जाती हैं। खासकर युवाओं में इनकी चाणक्य नीति पुस्तक काफी प्रसिद्ध है। जानिए चाणक्य ने ऐसी कौन सी 4 बातें बताईं हैं जब आपको लोक-लाज की चिंता छोड़ देनी चाहिए…

धनधान्य प्रयोगेषु विद्या सङ्ग्रहेषु च।
आहारे व्यवहारे च त्यक्तलज्जः सुखी भवेत्॥

धन कमाने में- इस श्लोक के मुताबिक सबसे पहले चीज हैं धन। चाणक्य कहते हैं कि व्यक्ति को कभी भी धन कमाने में शर्म नहीं करनी चाहिए। किसी काम को छोटा नहीं समझना चाहिए। जो काम आपको बेशुमार धन दे वह काम आपके लिए सबसे बड़ा है।

अनाज का लेन-देन करने में- दूसरी बात जो चाणक्य ने बताई है वो ये है कि किसी को भी अनाज का लेन-देन करने में भी शर्म नहीं करना चाहिए। मान लीजिए किसी व्यक्ति के पास धन नहीं है और उसके पास खेती में मेहनत से पैदा किया गया अनाज हो तो आप उससे अनाज लेकर उसके बदले धन दे सकते हैं। इससे दोनों ही पक्षों का फायदा होगा। साथ ही आपके द्वारा दिया गया धन उस गरीब व्यक्ति का भला करेगा।

विद्या प्राप्त करने में- कभी भी शिक्षा प्राप्त करने में शर्म नहीं करनी चाहिए। अगर आपको कोई कार्य नहीं आता तो उसे सीखने में कोई बुराई नहीं है। अगर आप शिक्षा प्राप्त करने में शर्म करेंगे तो ये आपके लिए नुकसानदायक ही साबित होगा। सीखने की कोई उम्र नहीं है छोटे बड़ों से और बड़े छोटों से शिक्षा प्राप्त कर सकते हैं।

भोजन करने और आपसी व्यवहार में- चाणक्य अनुसार भोजन करने और आपसी व्यवहार करने में किसी भी प्रकार का संकोच नहीं करना चाहिए। कुछ लोग शर्म के कारण अच्छे से भोजन नहीं कर पाते जिस कारण वे भूखे ही रह जाते हैं। ये आमतौर पर तब होता है जब आप किसी के घर पर मेहमान बनकर जाते हैं। इसी के साथ जो लोग दूसरों से मिलते समय बातचीत करने से झिझकते हैं वे अपना ही नुकसान करते हैं।