Chanakya Niti In Hindi: चाणक्य ने अपने शत्रुओं का विनाश बड़ी ही बुद्धिमानी से किया था। कहा जाता है कि एक बार नंद वंश के राजा धनानंद ने उनका अपमान कर दिया था। जिसका बदला लेने के लिए उन्होंने चंद्रगुप्त मौर्य को तैयार किया। अपनी नीतियों के माध्यम से चाणक्य ने अपने दुश्मनों को परास्त कर मौर्य वंश की स्थापना की और चंद्र गुप्त मौर्य को सम्राट की गद्दी पर बैठा दिया। जानिए चाणक्य ने दुश्मनों को पराजित करने के लिए कौन सी नीतियां बताई हैं। जिससे आप को कभी असफलता का सामना न करना पड़े…
– चाणक्य अनुसार शत्रु के उकसावे में कभी न आएं। शत्रु का काम है आपको उकसाना ताकि आप गुस्से में कुछ गलत कदम उठा लें। शत्रु आपको गुस्सा दिलाकर आपकी कमी को पकड़ लेगा। जिसके बाद वह और भी ज्यादा मजबूत हो जायेगा। इसलिए शांत रहें।
– चाणक्य अनुसार अपने शत्रु से मित्र जैसा व्यवहार करें ताकि आप उसकी हर एक चीज के बारे में अच्छे से जान सकें। अगर आप अपने दुश्मन की सभी चीजों को जान पायेंगे तब उसे परास्त करना और भी ज्यादा आसान हो जायेगा।
– साथ ही चाणक्य ने ये भी कहा है कि कभी भी अपने दुश्मन को घायल करके न छोड़ें। क्योंकि एक घायल दुश्मन के मन में हमेशा आपसे बदला लेने की इच्छा रहेगी। जिससे वो कभी भी आप पर वार कर सकता है। इसलिए अपने शत्रु को इस तरह से परास्त करें कि वह आपसे हमेशा दूर रहे।
– चाणक्य ने अपनी नीतियों के माध्यम से ये भी कहा है कि कभी भी अपने शत्रु पर पहला वार हथियार से न करें, क्योंकि ऐसा करने पर आपको पराजय का सामना करना पड़ सकता है। इसलिए पहले शत्रु को कमजोर बनाएं उसके संपर्क और सहयोग पूर्ण रूप से खत्म कर दें। जब ऐसा हो जाए तब उसे परास्त करें।
– कभी भी शत्रु के अच्छे व्यवहार को देखकर उस पर भरोसा न करें क्योंकि दुष्ट व्यक्ति कभी भी अपना आचरण नहीं बदल सकता। वह समय आने पर कभी भी आपको धोखा दे सकता है।
– चाणक्य ने कहा है कि कभी भी अपने शत्रु को कमजोर न समझें। क्योंकि आपका शत्रु कब कमजोर से बलवान बन जाये इसके बारे में कुछ कहा नहीं जा सकता। इसलिए आप अपने शत्रु की हर एक गतिविधि पर ध्यान दें। ताकि जब आपका शत्रु आप पर हमला करने की सोचे तब आप उसका मुह तोड़ जवाब दे पाएं।