आचार्य चाणक्य की नीतियां लाइफ की समस्याओं से निकलने का रास्ता बताती हैं। फिर चाहे वो समस्या सामाजिक हो, आर्थिक हो या फिर राजनैतिक। जीवन के हर क्षेत्र में चाणक्य की नीतियां सहायक साबित होती रही हैं। इन्होंने प्रेम और करियर को लेकर भी कई तरह के सुझाव दिए हैं। यहां आप जानेंगे चाणक्य की उन नीतियों के बारे में जिनका व्यक्ति को शादी या फिर नौकरी करने से पहले एक बार जरूर अनुसरण कर लेना चाहिए…

चाणक्य कहते हैं कि जीवनसाथी को चुनने का पैमाना उसका शारीरिक आकर्षण नहीं होना चाहिए। अत: व्यक्ति को सुंदरता के पीछे नहीं भागना चाहिए, क्योंकि अकसर पुरुष सुंदर जीवनसाथी के चक्कर में अपने पार्टनर के गुणों को नहीं देख पाते। जिस वजह से जीवन में दुखों का सामना करना पड़ता है। सुंदरता कुछ दिनों के लिए होती है। इसलिए विवाह के लिए रूप नहीं संस्कार को प्रमुखता देनी चाहिए।

जीवनसाथी का चुनाव करते समय उसमें धैर्य के गुण की भी जरूर परख कर लें। धैर्यवान व्यक्ति अपने हर काम को अच्छे से कर पाता है। गुस्सा किसी भी रिश्ते या काम को बर्बाद कर देता है। इसलिए अपने पार्टनर में इस आदत की भी परख शादी से पहले जरूर कर लेनी चाहिए।

शादी से पहले ये भी जरूर देख लें कि आपका पार्टनर कितना धार्मिक है। संतुलित जीवन के लिए व्यक्ति का मर्यादा में रहना जरूरी है। धर्म में विश्वास रखने वाला व्यक्ति मर्यादित होता है।

चाणक्य नीति अनुसार जो राजा मन से उदार हो उसी के यहां नौकरी करना उचित होता है। अर्थात जहां आप नौकरी करें, सबसे पहले वहां के मालिक के स्वभाव के बारे में जरूर जान लें। अगर मालिक का स्वभाव अच्छा होगा तो आप शांति के साथ नौकरी कर पायेंगे, अन्यथा आपको कई तरह की समस्याओं का सामना करना पड़ सकता है।

नौकरी, व्यापार और शादी में उन्ही को सफलता मिलती है जो लोग व्यवहार कुशल होते हैं। उनको पता हो कि कब, कौन सा कदम सही साबित होगा। उसको अपनी वाणी पर नियंत्रण रखना आता हो, क्योंकि वाणी फायदा और नुकसान दोनों करवा सकती है।

चाणक्य कहते हैं कि घर उसी का सुंदर और आनंददायक होता है, जिनके घर में कुशल और सौंदर्य का ध्यान रखने वाली स्त्री निवास करती है। स्त्री घर को स्वर्ग और नरक दोनों में बदल सकती है। स्त्री पुरुषों से ज्यादा समझदार और बुद्धिमान होती हैं। घर में सुख-शांति का वास चाहिए तो हमेशा एक-दूसरे को सम्मान देना चाहिए।