Chanakya Niti In Hindi: चाणक्य नीति में जीवन को सफल और सुखमय बनाने के लिए कई तरह की बातें बताई गई हैं। चाणक्य की नीतियों की वजह से ही चंद्रगुप्त मौर्य के युग की स्थापना हुई थी। आज के समय में भी चाणक्य की नीतियां काफी पसंद की जाती हैं। चाणक्य ने बताया है कि कैसे लोग जीवन पर दुखी रहते हैं और सुखमय जीवन व्यतीत करने के लिए हमें क्या करना चाहिए…
चाणक्य नीति के अनुसार जिन लोगों का स्वभाव बहुत ज्यादा सीधा होता है उन्हें जीवन भर दुख भोगने पड़ते हैं। क्योंकि ऐसे इंसान का सभी फायदा उठाते हैं। जैसे जंगल में सीधे खड़े पेड़ों को पहले काट दिया जाता है उसी प्रकार जरूरत से ज्यादा सीधा होना खुद के लिए हानिकारक साबित होता है। चाणक्य की इस नीति से समझा जा सकता है कि जिन लोगों का स्वभाव ज्यादा सरल, सीधा और सहज होता है उन्हें समाज में कई परेशानियों का सामना करना पड़ता है। ऐसे लोगों को चालाक और चतुर लोग कमजोर समझते हैं। इसलिए व्यक्ति को थोड़ा चतुर और चालाक भी होना चाहिए।
चाणक्य अपने श्लोक में बताते हैं कि इस संसार में हर प्राणी किसी न किसी कारण दुखी जरूर है। अपने आपको दुखी रखने वाला इंसान किसी भी काम को सही तरीके से नहीं कर पाता। इसीलिए दुख आने पर घबराना नहीं चाहिए और बल्कि उसे दूर करने के उपाय करने चाहिए। आचार्य चाणक्य के अनुसार व्यक्ति को अपनी संगत पर विशेष ध्यान देना चाहिए क्योंकि खराब संगत दुख का कारण है। जिसके चलते व्यक्ति में गलत आदतें प्रवेश कर जाती हैं जिस वजह से इंसान अपनी बुद्धि विवेक का प्रयोग करना बंद कर देता है और समय आने पर सही निर्णय नहीं ले पाता।
व्यक्ति को अगर खुश रहना है तो उसे अपने कार्य स्वयं करने चाहिए। जो लोग छोटे छोटे कार्य के लिए भी दूसरों पर निर्भर हो जाते हैं वह जीवन भर परेशानी उठाते हैं। जिन लोगों से वह कार्य करता है वही एक दिन उसे परेशानी में डाल देते हैं। इंसान को लालच करने से भी बचना चाहिए। चाणक्य कहते हैं कि लालच व्यक्ति के दुखों का कारण है जो उसे मुसीबतों के गर्त की और ले जाता है। व्यक्ति को अपनी जरुरतों को क्षमता से अधिक विस्तार नहीं देना चाहिए। जो यह बात भूल जाता है उसे भविष्य में दुख उठाने पड़ते हैं।